शनिवार, 18 अगस्त 2012

तरकश, 19 अगस्त

छत्तीसगढ़ के कांडा

अगले साल चुनाव को देखते राजनीतिक पार्टियां कांडा ब्रांड के नेताओं पर खास नजर रख रही हैं। उन्हें इशारा किया जा रहा है, कंट्रोल करेंेें। वैसे भी, राज्य में कांडा ब्रांड नेताओं की कमी नहीं है। आधा दर्जन से कम मंत्री नहीं होंगे। दो-तीन मंत्रियों का तो हर किसी को पता है। एक महिला आर्किटेक्ट पर एक मंत्रीजी की उदारता छिपी नहीं है। एक ईमानदार कहे जाने वाले मंत्रीजी रात दो-तीन बजे से पहले शायद ही कभी घर लौटते होंगे। कम-से-कम दो ऐसे मंत्री हैं, जिनके दिल्ली के लिए उड़ान भरने के ठीक बाद वाली फ्लाइट से उनकी गीतिकाएं दिल्ली पहुंच जाती हैं। इतना ही नहीं, राजधानी में एक ऐसी संस्था है, जहां राजनेता की ताजपोशी होते ही वहां का सिकरेट्री साब को लेकर विदेश निकल लेता है। और वहां से आने के बाद नेताजी की स्थिति किंकर्तव्यविमूढ़ सरीखी हो जाती है। एक मंत्रीजी के पीए का एकमात्र काम है......मंत्रीजी जब छत्तीसगढ़ में रहते हैं, पीए के पास कोई काम नहीं होता, मगर जैसे ही वे राज्य की सीमा से बाहर जाते हैं, पीए अपने मोड में आ जाता है। बहती गंगा में हाथ धोने में पीए भी पीछे नहीं हैं। इसी चक्कर में एक हाईप्रोफाइल पीए की बड़े साब ने छुट्टी कर दी। वैसे, सरकार की सख्ती के बाद आईएएस अफसरों का दिल्ली विजिट कुछ कम हुआ है। वरना, कांडा ब्रांड वाले आईएएस, आईपीएस हर हफ्ते दिल्ली निकल लेते थे।

सावधान

गर्दन दबा कर नोट लेने वाले भ्रष्ट अफसरों को अब सचेत हो जाना चाहिए। क्योंकि, अब ट्रेप कराने पर पैसा फंसने का डर नहीं रहेगा। बल्कि, जब तक मामले का निबटारा नहीं हो जाता, उस पर बैंक की तरह ब्याज मिलेगा। ऐसे में जाहिर है, एंटी करप्शन ब्यूरो में अब शिकायतें बढें़गी। खासकर बड़ी मछलियों के खिलाफ। अभी रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े जाने पर प्रार्थी का पैसा फंस जाता है.....10-15 साल के पहले शायद ही कोई केस निबट पाता है। यही वजह है, 10-15 हजार रुपए तक का ट्रेप लोग करा देते थे, इससे ज्यादा का नहीं। मगर अब ऐसा नहीं होगा। ईओडब्लू के एडीजी डीएम अवस्थी ने सरकार को इसके लिए प्रस्ताव भेजा था, ताकि रिश्वतखोर अफसरों की अधिक-से-अधिक लोग शिकायत कर सकें। वित्त महकमे ने गुरूवार को इसे हरी झंडी दे दी है।

गड्ढे रहेंगे या मंडल

अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में राज्य की जर्जर सड़कें सबसे बड़ा मुद्दा बनेगा। एक सर्वे में पता चला है, लोग इसको लेकर खासे नाराज हैं और पोलिंग में इसका असर दिख सकता है। सो, सरकार अब सड़क पर फोकस करने जा रही है। पीडब्लूडी के प्रींसिपल सिकरेट्री आरपी मंडल ने शुक्रवार को अफसरों से दो टूक कह दिया है, 30 नवंबर के बाद या तो सड़क पर गड्ढे रहेंगे या फिर विभाग में मैं। टे्रडिशनल अंदाज में उन्होेने इंजीनियरों की खूब ऐसी-तैसी की। अब यह देखना दिलचस्प होगा, पीडब्लूडी में मंडल रहते हैं सड़कों पर गड्ढ़े।

उल्टा-पुल्टा

हर साल की तरह अबकी 15 अगस्त को रायपुर के पुलिस परेड मैदान में कुछ पुलिस अफसरों को विशिष्ट सेवा के लिए सम्मानित किया गया। इनमें से कुछ पुरस्कारों पर सवाल उठ रहे हैं। लोगों को समझ में नहीं आ रहा कि किस मापदंड के तहत इसके लिए अफसरों का चुना गया। गीदम थाने पर नक्सली हमले के बाद सजा के तौर पर दंतेवाड़ा के एसपी अंकित गर्ग को हटाया गया था। इसके सात महीने बाद बेहतर काम के लिए उन्हें पुलिस पदक मिल गया। इसी तरह सरगुजा के आईजी भारत सिंह के बारे में राजधानी में कौतूकता है। दिमाग पर जोर डाल लोग याद कर रहे हैं, भारत सिंह ने ऐसा क्या कर डाला? संजय पिल्ले और विवेकानंद जैसे कुछ अफसरों को छोड़ दें, तो बाकी का यही हाल है।

अच्छी खबर

पंजाब के फिरोजपुर जिले को हेल्थ के क्षेत्र में बेहतर काम करने के लिए प्रतिष्ठित जेआरडी टाटा अवार्ड मिला है। फिरोजपुर की चर्चा इसलिए लाजिमी है कि वहां के जिस कलेक्टर के कारण फिरोजपुर को यह उपलब्धि हासिल हुई है, वे छत्तीसगढ़ के लिए अनजान नहीं हैं। डा0 एसके राजू चार साल पहले तक छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस थे। यही टे्रनिंग की, बलौदा बाजार में एसडीएम रहे, फिर सरगुजा, कांकेर और रायगढ़ के कलेक्टर। आईएएस पत्नी को पंजाब कैडर आबंटित हो जाने के चलते राजू कैडर चेंज कराकर पंजाब चले गए। राज्य के लिए यह अच्छी बात है कि यहां टे्रेनिंग पाए अफसर दूसरे जगहों पर बढि़यां काम कर रहे हैं। पंजाब जैसे उन्नत राज्य में राजू जब से गए हैं, वहां कलेक्टर हैं और फिरोजपुर उनका तीसरा जिला है।

इगनोर दिस मैसेज

स्वंतत्रता दिवस पर बधाइयां देने के लिए अबकी एसएमएस खूब चलें। इनमें से कुछ तो बेहद दिलचस्प थे और लोगों ने इसे खूब फारवर्ड किया। जरा देखिए, हैप्पी इंडिपेंडेंस डे.......काइंडली इगनोर दिस मैसेज, इफ यू आर मैरिड.......। दूसरा, ऐसा देश जहां, कार लोन 7 फीसदी ब्याज पर और एजुकेशन लोन 12 फीसदी पर, जहां चावल 40 रुपए और मोबाइल के सिम फ्री में मिलते हैं। असम हिंसा पर एक एसएमएस था, लहू में डूब रही है, फिजां-ए-अर्ज-ए-वतन, मैं किस जुबां से कहूं, जश्ने-आजादी-मुबारक।

अंत में दो सवाल आपसे

1. गृह विभाग ने भारत सरकार से एक और डीजी के पद की स्वीकृति किनके लिए मांगी है?
2. राज्य के एक ऐसे एसपी का नाम बताइये, जो शहर से आठ किलोमीटर सूनसान इलाके में अपना निवास बनाया है?

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