शनिवार, 26 जुलाई 2014

तरकश, 27 जुलाई

तरकश

प्रमोशन

प्रिसिपल सिकरेट्री एमके राउत और एन बैजेंद्र कुमार को एडिशनल चीफ सिकरेट्री बनाने के लिए पिछले हफ्ते रमन कैबिनेट ने दो पोस्ट सृजित कर मंजूरी के लिए भारत सरकार को भेजा था। गुरूवार को इसकी स्वीकृति मिल गई। अब, किसी भी दिन डीपीसी हो जाएगी। कुल मिलाकर अगस्त फस्र्ट वीक तक राउत और बैजेंद्र एसीएस प्रमोट हो जाएंगे। इस तरह सूबे में एसीएस की संख्या छह हो जाएगी।

एक्सपर्ट आईएएस

चिप्स में कसावट लाने के लिए सरकार अरसे से आईटी बैकग्राउंड वाला डायरेक्ट आईएएस ढूंढ रही थी। सौरव कुमार के रूप में सरकार की तलाश पूरी हो गई। मुंबई आईआईटी से पढ़े सौरव 2009 बैच के आईएएस हैं। वे बिलासपुर नगर निगम के कमिश्नर थे। हालांकि, बिलासपुर में उनको छह-एक महीने ही हुए थे। मगर सरकार ने अब उनको हटाकर चिप्स का सीईओ बना दिया है। सौरव को सिस्टम को हाईटेक बनाने का जिम्मा दिया गया है। सौरव को चिप्स में लाने के चक्कर में रानू साहू का जशपुर एडिशनल कलेक्टर का आर्डर चेंज करना पड़ा। उन्हें बिलासपुर ननि का कमिश्नर बनाया गया है। उनके हसबैंड जशपुर जिला पंचायत सीईओ हैं। और, इसीलिए उन्हें वहां पोस्ट किया जा रहा था। मगर, बाद में सरकार का इरादा बदल गया। संभावना है, रानू के पति को अब बिलासपुर पोस्ट किया जाए।

छोटी लिस्ट

आईपीएस की एक और लिस्ट अगले हफ्ते तक निकल सकती है। इसमें दो-तीन एसपी बदले जाएंगे। बेमेतरा की पुलिस कप्तान पारुल माथुर डेपुटेशन पर सीबीआई जा रही हैं। स्वाभाविक तौर पर वहां नया एसपी पोस्ट करना होगा। दुर्ग एसपी डा0 आनंद छाबड़ा का भी चेंज होना लगभग तय है। छाबड़ा रायपुर आ सकते हैं। राजनांदगांव एसपी संजीव शुक्ला को दुर्ग का एसपी बनना पक्का माना जा रहा है। संजीव हटेंगे तो राजनांदगांव में नया एसपी चाहिए। सो, ट्रांसफर के लिए दो-तीन आईपीएस का चेन बन जाएगा। याने एक छोटी लिस्ट निकलेगी।

उपेक्षा या भूल?

नए राज्यपाल के शपथ ग्रहण समारोह में सामान्य प्रशासन विभाग ने आईएएस, आईपीएस अफसरों को न्यौता मगर आईएफएस को भूल गया या भूला दिया। पीसीसीएफ मुख्यालय में पोस्टेड अफसरों की बात तो दीगर, सरकार में अहम पोस्ट पर तैनात अफसरों को भी इगनोर कर दिया। आवास पर्यावरण, पीडब्लूडी, पंचायत, ट्राईबल, कृषि जैसे विभागों के सिकरेट्री आईएफएस हैं। हाउसिंग बोर्ड, पौल्यूशन बोर्ड, सीएसआईडीसी, कल्चर, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग जैसे विभागों के एचओडी आईएफएस हैं। अलबत्ता, आईएफएस अब जीएडी के तहत आ गए हैं। इसके बाद भी उपेक्षा, आईएफएस अफसरों को यह अखर रहा है।

मंत्री की मुश्किलें

रमन सरकार के एक मंत्री के लाइफ पार्टनर से संघ बेहद खफा है। बताते हैं, भिलाई में आयोजित प्रशिक्षण शिविर के लिए मंत्री से दो बोरा चावल और दाल मांगा गया था। मंत्रीजी ने उसे भिजवा दिया। मगर बाद में मंत्री के लाइफ पार्टनर को यह जानकारी लगी तो वे संघ के प्रतिनिधियों पर उखड़ गए कि जब मंत्रालय का सारा काम मैं देखता हूं, तो मुझसे कहना था, मंत्री से बात क्यों की गई….राशन मैं भिजवाता। ऐसे में, संघ का गुस्साना लाजिमी था। संघ ने गाड़ी में चावल और दाल को डलवाकर मंत्री के बंगले में पहुंचवा दिया। नहीं चाहिए, चावल, दाल। अब, मंत्री के लाइफ पार्टनर सफाई देते हुए घूम रहे हैं, ऐसा कुछ था नहीं, गलतफहमी हो गई है। मंत्री के लाइफ पार्टनर पहले भी ऐसे कारनामों से सुर्खिया बटोर चुके हैं। और, इसी तरह यह जारी रहा, तो मंत्री की मुश्किलें बढ़ाएंगे।

ये काले-काले बाल…..

पुलिस की नौकरी से वीआरएस लेकर राजनीति के अखाड़े में कूदे कांग्रेस के एक विधायक ने बाल ट्रांसप्लांट क्या कराया, अपना हुलिया ही बदल डाला…..एकदम कालेज गोइंग स्टुडेंट की तरह दिख रहे हैं। मानसून सत्र में हिस्सा लेने वे जब विधानसभा पहुंचे, तो खुद की पार्टी के विधायक भी उनको देखकर हैरान थे। दरअसल, जवानी के समय से ही विधायकजी के सिर पर चांद उतर आया था। पिछले दो-ढाई दशक से लोग चांद का दीदार करते रहे। उसकी जगह अब घने, काले-काले बाल, तो चैंकना स्वाभाविक है।

मंत्रीजी डरिये मत

कुष्ठ रोग को लेकर शुक्रवार को विधानसभा में पंचायत और संसदीय कार्य मंत्री अजय चंद्राकर की हंसी-मजाक में ही छोलाई हो गई। असल में, विधानसभा के आखिरी दिन, आखिरी घंटे में सत्ताधारी पार्टी के विधायक चुन्नीलाल साहू ने कुष्ठ अनुसंधान को लेकर अशासकीय संकल्प पेश किया। स्पीकर ने इसे ग्राह्य करते हुए इस पर चर्चा करा दी। विधायक खिलावन साहू ने जब इसको लंबा खिंचने की कोशिश की तो चंद्राकर ने उन्हें यह कहते हुए टोका कि समापन का समय आ गया है, कहां कुष्ठ-वुष्ट लगाए हो। रेणू जोगी की बारी आई तो उन्होंने कहा, मंत्रीजी कुष्ठ से डरिये मत, अब यह लाइलाज बीमारी नहीं है। उन्होंने बकायदा दवाइयों के नाम गिना दिए। इस पर बृजमोहन अग्रवाल बोले, मंत्रीजी चिंतित मत होइये, भाभीजी से दवाई लिखवा लेना। इस पर सदन ठहाकों से गूंज गया।

छोटे जोगी की सक्रियता

मनसून सत्र के दौरान अजीत जोेगी भले ही दिल्ली में थे मगर छोटे जोगी याने अमित जोगी बेहद सक्रिय रहे। हाउस में भी, और बाहर भी। स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के दौरान हाउस में हंगामा हो रहा था, वे अपने खेमे के विधायकों को इशारे-इशारे में बताते रहे कि उन्हें करना क्या है। तीसरे दिन जब सत्ताधारी पार्टी पीसीसी चीफ भूपेश बघेल को घेरने की कोशिश की, तब अमित उनके बचाव में खड़े होकर दूसरे रूप में दिखे। सत्र के दौरान अमित लगभग रोज विधायक विश्राम गृह पहुंच जाते थे। और, देर रात तक विधायकों से मिलते-जुलते थे। जाहिर है, इससे संगठन खेमा असहज महसूस कर रहा होगा।

हफ्ते का एसएमएस

जिंदगी की जंग भी अजीब है…..जीत जाते  है, तो अपने पीछे छूट जाते हैं और जब हार जाते  है, तो अपने ही छोड़कर आगे निकल जाते हैं।

अंत में दो सवाल आपसे

1. सत्ताधारी पार्टी के किस राजनीतिज्ञ के घर शादी हुई तो खर्चे के नाम पर विभाग से चंदा वसूला गया?
2. राज्यपाल के शपथ ग्रहण समारोह में जीएडी ने जानबूझ कर आईएफएस अफसरों को आमंत्रित नहीं किया या भूल हो गई?

मंगलवार, 22 जुलाई 2014

तरकश, 20 जुलाई

तरकश


कंपीटिशन

सीनियर आईएएस एमके राउत और एन बैजेंद्र कुमार को एसीएस बनाने के लिए रमन कैबिनेट ने शुक्रवार को दो पोस्ट की मंजूरी दे दी। समझा जाता है, भारत सरकार से प्रोसेज होने के बाद एकाध महीने में डीपीसी भी हो जाएगी। इस तरह सूबे में चीफ सिकरेट्री विवेक ढांड को मिलाकर एसीएस रैंक के अब सात आईएएस हो जाएंगे। राधाकृष्णन, विवेक ढांड, डीएस मिश्रा, अजय सिंह, एनके असवाल, एमके राउत और बैजेंद्र कुमार। लास्ट वाले दोनों रुतबेदार हैं। जाहिर है, शीर्ष स्तर पर प्रतिस्पर्धा तेज होगा।

आफर लिस्ट

खुफिया चीफ मुकेश गुप्ता का डेपुटेशन पर जाने का रास्ता अब लगभग साफ हो गया है। प्रतिनियुक्ति की औपचारिकताएं पूरी होने के बाद मिनिस्ट्री आफ होम अफेयर ने उनका नाम आफर लिस्ट में शामिल कर लिया है। आफर लिस्ट में शामिल होने का मतलब है, गृह विभाग के अंतगर्त आने वाला कोई भी विंग लेटर भेजकर उन्हें मांग सकता है। सो, कभी भी उनका लेटर आ सकता है।

पारुल चलीं सीबीआई

छत्तीसगढ़ की एकमात्र महिला पुलिस कप्तान पारुल माथुर डेपुटेेशन पर सीबीआई में जा रही हैं। वहां भी वे एसपी होंगी। उनकी पोस्टिंग की औपचारिकताएं लगभग पूरी हो गई हैं। अगस्त फस्र्ट से सेकेंड वीक तक वे यहां से रिलीव हो जाएंगी। पारुल के हसबैंड बंगलुरू में पोस्टेड हैं। समझा जाता है, पारुल की पोस्टिंग भी वहीं होगी। वे 2009 बैच की आईपीएस हैं और फरवरी 2013 से बेमेतरा जिले की कमान संभाल रही हैं। पारुल छत्तीसगढ़ कैडर के रिटायर एवं चर्चित आईपीएस राजीव माथुर की बेटी हैं। छत्तीसगढ़ बनने से पहले माथुर रायपुर आईजी थे। राज्य बनने पर वे एडीजी प्रशासन, डीजी जेल जैसे पदों पर भी रहे। बाद में वे डेपुटेशन पर दिल्ली चले गए थे। बहरहाल, पारुल सीबीआई में छत्तीसगढ की दूसरी आईपीएस होंगी। अमित कुमार पहल से सीबीआई में हैं।

डबल धमाका

लंबे समय तक वनवास काटने के बाद आईपीएस पवनदेव ने पिछले महीने धमाकेदार वापसी करते हुए बिलासपुर जैसे पुलिस रेंज के आईजी बने थे। और, गुरूवार को उनके घर बड़ी खुशखबरी भी आ गई। वो भी अरसे बाद। सो, बधाइयों का तांता लगा हुआ है। आईपीएस चुटकी ले रहे हैं, पवन ने डबल धमाका कर दिया।

बड़ी चपत

फर्जी राशन कार्ड बनने के कारण सिर्फ रायपुर जिले में सरकारी खजाने को हर महीने सात करोड़ रुपए का चूना लग रहा है। आलम यह है कि जिले में लगभग साढ़े चार लाख परिवार हैं और इतने ही कार्ड भी। याने जितना परिवार, उतना कार्ड। सत्यापन में अभी तक 50 हजार कार्ड अवैध पाए गए हैं। एक लाख कार्ड को संदिग्घ की श्रेणी में रखा गया है। ये ऐसे लोग हैं, जो पकड़े जाने के डर से कार्ड सत्यापन कराने नहीं आ रहे हैं। याने साढ़े चार लाख में से डेढ़ लाख फर्जी। इनमें से एक लाख फर्जी कार्ड के हिसाब से ही कैलकुलेट करें…..एक कार्ड पर 35 किलो चावल….रेट लगभग 20 रुपए किलो….एक लाख से गुणा करें तो सात करोड़ बैठता है। यह मिनिमम है। पूरे प्रदेेश की बात करें तो हर महीने 100 करोड़ रुपए से अधिक का वारा-न्यारा किया जा रहा है।

बढि़यां फैसला

आईएएस रानू साहू को भले ही पति के पास भेजने के लिए जशपुर का एडिशनल कलेक्टर बनाया गया है मगर डायरेक्ट आईएएस को सरकार इसी तरह एडिशनल कलेक्टर बनाने का क्रम जारी रखे तो प्रशासनिक दृष्टि से यह बढि़यां कदम होगा। मध्यप्रदेश के समय कलेक्टर बनने से पहले एडिशनल कलेक्टर बनना लगभग अनिवार्य था। छत्तीसगढ़ बनने के बाद यह परपंरा टूट गई। डायरेक्ट आईएएस एसडीएम और अधिक से अधिक नगर निगम आयुक्त या जिला पंचायत सीईओ के बाद कलेक्टर बनने लगे। एडिशनल कलेक्टर बनने का मतलब था कलेक्टरी में और देरी। सो, युवा आईएएस को भी इसमें रुचि नहीं रही। जोर-जुगाड़ लगाकर वे सीधे कलेक्टर बनने लगे। अधिकांश कलेक्ट्रेट की व्यवस्थाएं पटरी से उतरी है, उसका सबसे बड़ा कारण यह है कि कलेक्टरों को कलेक्ट्रेट की वर्किंग का पता नहीं होता। रिकार्ड रुम की जानकारी नहीं होती। अधिकांश कलेक्टरों को नियम-कायदों में बाबू घूमा देते हैं। शायद यही वजह है कि कलेक्ट्रेट पर से लोगों का विश्वास कम होता जा रहा है। कलेक्टर लोगों से मिल तो आसानी से लेते हैं मगर उनके समस्याओं का निबटारा नहीं हो पाता। आवेदन नीचे जाकर डंप हो जाते हैं।

हीट प्रोजेक्ट

आरडीए का कमल विहार-2 प्रोजेक्ट काम शुरू होने से पहले ही हीट हो गया है। लोकेशन के चलते .हर कोई इसकी लांचिंग को लेकर उत्सुक है। मगर इसे भी तय मानिये, इसके कारण कमल विहार-1 के साथ ही न्यू रायपुर का डेवलपमेंट प्रभावित होगा। जब न्यू रायपुर और ओल्ड के बीच हाई-फाई सुविधाओं वाला प्लाट मिल जाएगा तो लोेग 30 किलोमीटर दूर न्यू रायपुर क्यों जाएंगे। कमल विहार-1 की भौगोलिक स्थिति बेहतर नहीं है….हेवी ट्रैफिक है। कमल विहार-2 न केवल ओल्ड रायपुर से लगा हुआ है, बल्कि खुला होने के साथ ही आवागमन की सहूलियतें हंै। सो, आकर्षण तो रहेगा ही।

वजनदार आईएएस

सरकार ने पीडब्लूडी और जनसंपर्क सरीखे अहम विभाग सौंपकर 88 बैच के आईएएस अफसर अमिताभ जैन को वजनदार बना दिया है। इससे पहले, ये दोनों विभाग किसी एक आईएएस के पास नहीं रहा। पीडब्लूडी के तो कहने ही क्या, जनसंपर्क विभाग के भी अपने मायने हैं। विवेक ढांड से लेकर एमके राउत, बैजेंद्र कुमार, अमन सिंह, सीके खेतान जैसे अफसर इस विभाग को संभाल चुके हैं।

हफ्ते का एसएमएस

एक गिरगिट ने सुसाइड नोट में लिखा, मैं आज कल रंग बदलने में आदमी का मुकाबला नहीं कर पा रहा हूं……इसलिए, मैं जीना नहीं चाहता।

अंत में दो सवाल आपसे

1. पंजाब में आतंकवाद चरम पर था तो वहां की पुलिस बेहद ताकतवर थी और छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद, फिर भी यहां की पुलिस निरीह क्यों है?
2. स्पीकर गौरीशंकर अग्रवाल के खिलाफ माहौल बनाने के लिए कांग्रेस को रसद सामग्री मुहैया कराने में बीजेपी के किन नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं?

शनिवार, 5 जुलाई 2014

तरकश, 6 जुलाई


यूरोप टूर में ब्रेक

सीएम ने एडिशनल चीफ सिकरेट्री अजय सिंह का यूरोप विजिट ऐन वक्त पर रोक दिया। स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल के साथ चार देशों की यात्रा का प्लान उन्होंने ही बनाया था। पूरी तैयारी हो गई थी। दो बार दिल्ली जाकर वीसा बनवाया। पत्नी का टिकिट जेब से करवाया गया। लगेज तैयार था। शुभकामनाएं भी मिलनी शुरू हो गई थी। मगर सीएम ने यह कहते हुए दौरे में ब्रेक लगा दिया कि बारिश के समय में एग्रीकल्चर प्रोडक्शन कमिश्नर को बाहर नहीं जाना चाहिए। हालांकि, सरकार ने इससे पहले, अजय सिंह से हेल्थ लेकर वहां डा0 आलोक शुक्ला बिठा दिया था। अब, हेल्थ का ही ट्रीप था और अजय सिंह हेल्थ में नहीं होते तो विदेश कैसे जाते। सो, दो-दो ठोस वजहें थीं। ऐसे में उन्हें भला इजाजत कैसे मिलती।

अच्छे दिन आयो रे

लगभग एक साल तक गर्दिशों में दिन गुजारने के बाद प्रीसिपल सिकरेट्री लेवल के आईएएस केडीपी राव के लगते हैं, अच्छे दिन आ गए हैं। सरकार ने उन्हें माध्यमिक शिक्षा मंडल का चेयरमैन बनाया है। चीफ सिकरेट्री रैंक के इस पोस्ट पर हालांकि, वे पहले भी रह चुके हैं। मगर इसमें हीट यह है कि चीफ सिकरेट्री विवेक ढांड उनकी आजकल खूब तारीफ कर रहे हैं। निवर्तमान राज्यपाल शेखर दत्त ने इसी हफ्ते आला अधिकारियों समेत राजधानी के कुछ गणमान्य लोगों को भोज पर आमंत्रित किया था। इस दौरान ढांड ने कहा कि केडीपी गजब का अफसर है……माध्यमिक शिक्षा मंडल में आउट स्टैंडिंग काम किया था। अब, सीएस की तारीफ का ब्यूरोक्रेट्स जो भी मतलब निकाले, मान कर चलिये, केडीपी के दुख के दिन गयो रे।

प्रमोशन

राजनांदगांव एसपी संजीव शुक्ला के काम को देखते सरकार उनका प्रमोशन दे सकती है। पता चला है, उन्हें दुर्ग का कप्तान बनाने पर विचार किया जा रहा है। दुर्ग के एसपी डा0 आनंद छाबड़ा का दो साल हो भी गया है। संजीव के राजनांदगांव से शिफ्थ होने पर जाहिर है, राजनांदगांव में भी पोस्टिंग होगी। सो, एक चेन बनेगा। इसमें दो-एक और जिलेे के एसपी भी प्रभावित होंगे।

कलेक्टर भी

कलेक्टर्स की एक लिस्ट और निकलेगी। राजनांदगांव कलेक्टर अशोक अग्रवाल का कोई विकल्प नहीं मिल रहा है। नए-पुराने अधिकांश आईएएस तीन-चार किश्तों में हुई पोस्टिंग में किसी-न-किसी जिले में एडजस्ट हो चुके हैं। बलौदाबाजार कलेक्टर सुकुमार टोप्पो का भी टेन्योर हो गया है। वहां भी चेंज होना लगभग तय है।

पुलिस का वजन

सत्ता के गलियारे में पुलिस का वजन एक बार फिर से बढ़ने लगा है। सरकार ने एडीजी अशोक जुनेजा का कमिश्नर स्पोट्र्स की कमान सौंप दी है। वरना, पिछले साल आईपीएल के समय सरकार ने पहली बार यह पोस्ट आईएएस के हवाले कर दी थी। तब गुटबाजी चरम पर थी। कामनवेल्थ गेम्स के सिक्युरिटी एजवाइजर का अनुभव रखने वाले जुनेजा को तत्कालीन सीएस सुनिल कुमार ने आईपीएल से जोड़ने की कोशिश की थी। मगर ऐसा नहीं हो सका था। लेकिन, पुलिस महकमे के लिए राहत की बात है कि यह पोस्ट अब फिर से आईपीएस के पास आ गई है। छत्तीसगढ़ में प्रस्तावित नेशनल गेम्स के चलते जुनेजा को यह अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है।

डब्लूसीएल भी

कोल मिनिस्ट्री ने साउथ ईस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड के चीफ विजिलेंस आफिसर जनार्दन राव को वेस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड के चीफ विजिलेंस का अतिरिक्त प्रभार दिया है। वहां के सीवीओ एसके गुप्ता का तीन साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद कोयला मंत्रालय ने उन्हें एक्सटेंशन नहीं दिया। रिकार्ड बढि़यां रहने पर आमतौर पर एक्सटेंशन मिल जाता है। राव 92 बैच के एमपी कैडर के आईपीएस हैं। अविभाजित मध्यप्रदेश के दौरान वे सरगुजा, कोरबा, रायपुर एवं बस्तर में एडिशनल एसी, कमांडेंट के रूप में सेवा दे चुके हैं।

गुटबाजी

मध्यप्रदेश में सत्यदेव कटारे ने अकेले ही शिवराज सिंह को हिला दिया है। भोपाल में पिछले हफ्ते गजब का प्रदर्शन हुआ। खुद कटारे ने पुलिस की लाठियां खाई। उसे देखते यहां भी लग रहा था कि राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन अबकी कुछ हटके होगा। मगर यहां मामला खानापूर्ति से आगे नहीं ब़ढ़ सका। पुलिस वालों ने जो रास्ता तय किया था, उसी रास्ते से कांग्रेसी आगे बढ़े। बाद में, गिरफ्तारी की रस्म अदायगी की गई। अपने-अपने कार्यकर्ताओं के साथ नेताओं ने गिरफ्तारी दी। कुछ कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने माहौल बनाने की कोशिश की तो पुलिस वालों ने उन्हें भाव नहीं दिया। याने पकड़ने-वकड़ने का प्रयास नहीं किया।

अंत में दो सवाल आपसे

1. एनआरडीए के सीईओ अमित कटारिया यह बात स्पष्ट क्यों नहीं करते कि वे एक रुपए वेतन लेते हैं या पूरा?
2. एक एसपी का नाम बताइये, जिन्होंने रिश्वत मांगने वाले चैकी प्रभारी की डंडे से जमकर ठुकाई कर डाली?