शनिवार, 19 नवंबर 2016

सीएम के फॉरेन ट्रिप का खौफ


संजय दीक्षित
पिछले बार टीम रमन जब चाइना गई थी तो हवाई जहाज में ट्रांसफर के फैसले हो गए थे। रायपुर से फ्लाइट टेकऑफ करने के करीब आधा घंटा बाद जब इंडिगो का प्लेन 20 हजार फीट की उंचाई पर पहुंचा तो सीएम ने अपने बगल में बैठे राइट हैंड से चर्चा की और लिस्ट तैयार हो गई। दिल्ली एयरपोर्ट से सीएम का काफिला छत्तीसगढ़ सदन के लिए रवाना हुआ और उधर आर्डर निकालने के लिए सूची जीएडी को व्हाट्सएप कर दी गई। अबकी 26 नवंबर को सीएम अमेरिका जा रहे हैं। अफसरों को डर सताने लगा है कि इस बार कहीं हवा में उनका नम्बर न लग जाए।

कुजूर का प्रमोशन

सीएम के अमेरिका जाने से पहिले 86 बैच के आईएएस सुनील कुजूर को सरकार एडिशनल चीफ सिकरेट्री बना सकती है या फिर वहां से लौटने के फौरन बाद। कैडर रिव्यू में सीएस का एक पोस्ट बढ़ गया है। सो, तकनीकी तौर पर भी कोई दिक्कत नहीं है। कुजूर का प्रमोशन जनवरी से ड्यू है। कुजूर छत्तीसगढ़ के पहले आईएएस होंगे, जिनका प्रमोरशन ड्यू डेट से 11 महीने बाद भी लटका हुआ है। 86 बैच में कुजूर के अलावे दो आईएएस और हैं। डा0 आलोक शुक्ला और अजयपाल सिंह। एसीबी केस के चलते शुक्ला का प्रमोशन संभव नहीं है। और, अजयपाल सिंह का सीआर ठीक नहीं है। इसलिए, सिंगल पोस्ट के लिए ही डीपीसी होगी। इसलिए, कुजूर का नाम तय मानिये।

सरकार से पंगा नहीं

डेढ़ महीने बाद जनवरी में आईएएस का 87 बैच भी एडिशनल चीफ सिकरेट्री के लिए एलिजिबल हो जाएगा। इस बैच में छत्तीसगढ़ कैडर में तीन आईएएस हैं। बीबीआर सुब्रमण्यिम, सीके खेतान और आरपी मंडल। इनमें से खेतान सेंट्रल डेपुटेशन पर दिल्ली में हैं। 2011 में तीनों आईएएस ड्यू डेट से छह महीने पहिले सिकरेट्री से प्रिंसिपल सिकरेट्री प्रमोट हुए थे। मगर वो वक्त दूसरा था। सुब्रमण्यिम दिल्ली में थे और खेतान यहां। एक नवंबर को पीएम विजिट और पांच नवंबर को यूनियन होम मिनिस्टर विजिट में हुए विवादों के बाद सुब्रमण्यिम सरकार के निशाने पर हैं। लिहाजा, 87 बैच को प्रमोशन की उम्मीद ना करें तो बेहतर होगा। क्योंकि, इस बैच में सुब्रमण्यिम पहले नम्बर पर है। उनके बाद खेतान और फिर मंडल। ऐसे में पूरा खतरा है कि सुब्रमण्यिम के चलते खेतान और मंडल का प्रमोशन लटकेगा। आखिर, सुनील कुजूर का उदाहरण सामने है। सरकार ने नहीं किया, तो नहीं किया। अलबत्ता, सुब्रमण्यिम का मामला न निबटा तो हो सकता है कि अगले साल भी तीनों का प्रमोशन ना हो पाए। क्योंकि, अगले साल एसीएस एनके असवाल के रिटायर होने पर हो सकता है, सरकार अजयपाल सिंह को प्रमोशन देकर 87 बैच का बता दें कि सरकार, सरकार होती है….सरकार से होशियारी नहीं।

तब भी कल्लूरी, अब भी कल्लूरी

छत्तीसगढ़ बनने के बाद 16 साल में विधानसभा में विपक्ष के सर्वाधिक निशाने पर कोई अफसर रहा है तो वे हैं आईपीएस एसआरपी कल्लूरी। दो मौका तो कोई भूल नहीं सकता। पहला, याद कीजिए अक्टूबर 2003 के शीतकालीन सत्र को। नवंबर में चुनाव था, इसलिए जोगी सरकार ने कोरम पूरा करने के लिए अक्टूबर में तीन दिन का सत्र बुलाया था। बीजेपी ने पहले दिन सेकेंड हाफ में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। ढाई दिन की चर्चा में डेढ़ दिन कल्लूरी के नाम रहा। कल्लूरी उस समय बिलासपुर एसपी थे। तब बीजेपी नेता कल्लूरी के बारे में बोलते-बोलते मर्यादाओं को लांघ गए थे। और दूसरा, यही काम इस बार कांग्रेस ने किया। पीसीसी चीफ भूपेश बघेल ने शीतकालीन सत्र में 19 नवंबर को कल्लूरी पर ऐसे-ऐसे जहर बूझे तीर छोड़े कि लोगों को 2003 की याद आ गई। फर्क इतना रहा कि उस समय कांग्रेस ने कल्लूरी का जमकर बचाव किया था। इस बाद कल्लूरी के फेवर में सिर्फ गृह मंत्री रामसेवक पैकरा खड़े हुए। सार यह कि कल्लूरी की वर्किंग ऐसी है कि वे स्वाभाविक तौर पर विपक्ष के निशाने पर आ जाते हैं। अब, विपक्ष में कांग्रेस हो या भाजपा।

असवाल होंगे प्रभारी सीएस?

चीफ सिकरेट्री विवेक ढांड 26 नवंबर से आठ दिसंबर तक सीएम के साथ अमेरिका के दौरे पर रहेंगे। ढांड के बाद सीनियरिटी में 83 बैच के अजय सिंह हैं। मगर तीन नवंबर को उनकी बेटी की शादी है। जाहिर है, वे भी छुट्टी पर जाएंगे। उनके बाद 83 बैच के ही एनके असवाल एसीएस हैं। असवाल भले ही सीएस न बन पाएं मगर 13 दिन के लिए प्रभारी सीएस जरूर बनेंगे।

मुसीबत में दैवेभो

नोटबंदी के बाद सूबे में सबसे अधिक कोई परेशान हैं तो दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी। आफिस से लेकर अफिसरों के बंगलों में बड़ी संख्या में दैवोभो काम करते हैं। उनके एकाउंट में पैसा डलवाना अफसर सर्वाधिक सेफ और सुविधाजनक मान रहे हैं। दैवोभो के सामने दिक्कत यह है कि पैसा जमा न कराएं तो नौकरी जाने में मिनटों नहीं लगेंगे। और, पैसा जमा करा दिया तो 30 दिसंबर के बाद इंकम टैक्स आफिस में पेशी होने की खतरा। इंकम टैक्स महकमा दैवेभो के एकाउंट चेक कर लें तो बड़ी संख्या में आफिसर बेनकाब होंगे।

ऐसे-ऐसे खेल

काली कमाई वाले अफसर किस तरह उसे व्हाइट कर रहे हैं, एक बानगी आपको बताते हैं। रायपुर रजिस्ट्री आफिस का अक्टूबर का बिजली बिल आया था 72,620 रुपए। बिल सीधे चेक से भुगतान हो सकता है। मगर अफसर ने 19 नवंबर को कलेक्ट्रेट परिसर स्थित ओरियेंटल बैंक से चपरासी से चेक के जरिये पैसा निकलवाया। और, नए नोट को लेकर घर से लेकर आए पुराने नोट चपरासी को देकर बिजली दफ्तर भेज दिया। हालांकि, ये छोटा एमाउंट है। लेकिन, सरकारी आफिसों में इस टाईप के खेल खूब चल रहे है।

रिकार्ड एनकाउंटर

बस्तर पुलिस के लिए नवंबर गुड रहा। नवंबर में नक्सली एनकाउंटर का पिछले सात साल का रिकार्ड टूट गया। 2009 में बस्तर में 109 नक्सली मारे गए थे। और, इस साल नवंबर में यह संख्या 225 पर पहुंच गया। पिछले तीन दिन में ही फोर्स ने 15 नक्सलियों को मार गिराएं हैं। हालांकि, पिछले साल भी नवंबर में सर्वाधिक 18 माओवादी मारे गए थे। फिर भी 109 का रिकार्ड नहीं टूटा था। लेकिन, इस साल हर महीने नक्सली ढेर होते रहे। इसलिए, एनकाउंटर का रिकार्ड बन गया।

95 फीसदी लॉकर खाली

लॉकर जब्ती की अफवाह से काली कमाई करने वाले खासे डरे हुए हैं। आलम यह है कि पिछले एक हफ्ते में बड़़े लोगों ने 95 फीसदी लॉकर खाली कर दिए। एक राष्ट्र्रीकृत बैंक के मैनेजर की मानें तो 9 नवंबर से पहिले दिन में चार-से-पांच लोग लॉकर आपरेट करने आते थे। नोटबंदी क बाद रोज 30 से 35 लोग आ रहे हैं। हालांकि, लॉकर का माल घर में रखने से लोगों की रात की नींद भी उड़ चली है।

अंत में दो सवाल आपसे

1. अजीत जोगी की पार्टी का रजिस्ट्रेशन कराने से बचने के पीछे क्या कोई रणनीति हैं?
2. किस संभाग के कलेक्टर-एसपी काम-धाम छोड़कर इन दिनों दीपावली मिलन कार्यक्रम आयोजित करने में व्यस्त हैं।

शनिवार, 12 नवंबर 2016

दो दिल मिल रहे हैं…..


13 नवंबर
संजय दीक्षित
सूबे के एक महिला जिलाधिकारी और वहां के नगरीय निकाय के प्रमुख अफसर के बीच चुपके-चुपके कुछ चल रहा है। बताते हैं, 15 अगस्त की तैयारी के दौरान दोनों का दिल धड़का। और, अब मामला काफी आगे बढ़ चुका है। नगरीय निकाय के चाकलेटी अफसर प्रायवेट गाड़ी लेकर महिला अफसर के बंगला पहुंच जाते हैं। और, वहां से दोनों एक फ्लैट में। महिला अफसर तो सिंगल रहती है मगर नगरीय निकाय वाले का भरा-पूरा परिवार है। लिहाजा, कोशिश है चुपके-चुपके सब चलता रहे। मगर इश्क है कि छुपाए नहीं छुपता। सो, चुपके-चुपके ब्यूरोक्रेसी में भी इसकी खबरें फैलने लगी है। मंत्री को पीछे छोड़ा
काली कमाई के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक के बाद खबर है, एक मंत्री ने 40 करोड़ रुपए व्हाइट किया। आधी रात को दो सूमो में कार्टून में नोट मार्केट में भिजवाए गए। लेकिन, फील्ड में तैनात एक नौकरशाह ने मंत्रीजी को पीछे छोड़ दिया। बताते हैं, 70 करोड़ रुपए खपाने के लिए अफसर बेचैन है। कह सकते है, काली कमाई में अफसर ने मंत्री को पीछे छोड़ दिया।

नौकर हो गए लखपति

प्रधानमंत्री ने चुनाव से पहले काले धन से हर खाते में 15-15 लाख रुपए ट्रांसफर करने का वादा किया था। काली कमाई के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक करके उन्होंने ढाई लाख रुपए गरीबों के एकाउंट में डलवा ही दिया। काली कमाई के कुबेरांं ने पैसा ठिकाने लगाने के लिए गरीबों को मोहरा बनाया ही, राजधानी में मंत्रियों और नौकरशाहों के नौकर-चाकर लखपति हो गए। एक मंत्री ने अपने दो दर्जन स्टाफ के नाम पर 60 लाख जमा करा कराया। तो देवेंद्र नगर में एक अफसर के रसोइया के घर में पांच एकाउंट हैं। पांचों के नाम पर ढाई-ढाई लाख जमा हो गए। ये तो एक बानगी है। व्यापक स्तर पर यह खेल हुआ है।

नो कमेंट्स

एक वो भी दौर था….जब विधानसभा सत्र के दौरान मंत्री मुख्यालय से हिलते नहीं थे। यहां तक कि घर में शादी-ब्याह के डेट भी इस हिसाब से रखे जाते थे कि सत्र से टाईम न टकराए। दरअसल, तब विधानसभा का अपना ओहरा था। मगर अब ये पुरानी बात हो गई। सत्र चालू होने के पहले ही पीडब्लूडी मिनिस्टर राजेश मूणत यूरोप के दौरे पर चले गए हैं। स्पेन, प्राग की स्मार्ट सिटी देखकर जब तक लौटेंंगे, सत्र खतम हो गया रहेगा। खैर, मंत्री हैं, इसलिए नो कमेंट्स।

ओवरलोड रहेंगे चंद्राकर

विधानसभा सत्र में अजय चंद्राकर अबकी ओवरलोड रहेंगे। उनके पास पंचायत, स्वास्थ्य और संसदीय कार्य जैसे विभाग तो हैं ही, राजेश मूणत के विदेश दौरे पर होने की वजह से पीडब्लूडी, आवास पर्यावरण और ट्रांसपोर्ट विभाग के जवाब भी उन्हें देने होंगे। विधानसभा में 50 परसेंट प्रश्न तो पंचायत, हेल्थ और पीडब्लूडी के होते हैं। मंत्रीजी के लोग इसको लेकर बड़ा चिंतित हैं। डर है कि ज्यादा बोलने पर मंत्रीजी किसी बात पर फंस न जाए।

तू चल, मैं आया

पिछले दो महीने से विदेश जाने के लिए मंत्रियों की लाइन लगी है। हेल्थ मिनिस्टर अजय चंद्राकर आए तो स्कूल शिक्षा मंत्री केदार कश्यप निकल लिए। केदार लौटकर आए तो पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री दयालदास बघेल सूटकेस लेकर तैयार थे। बघेल अभी लौटे नहीं कि राजेश मूणत यूरोप भ्रमण पर रवाना हो गए हैं। याने तू चल, मैं आया। अपवाद हैं, अमर अग्रवाल। अमर ने पिछले महीने ताइवान की टिकिट हो जाने के बाद भी जाने से मना कर दिया।

नोटों के गिफ्ट पैक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अफसरों की पत्नियां भी खूब कोस रही हैं। मोदीजी ने दीवाली खराब कर दी। जाहिर है, हर साल मलाईदार विभागों के अफसरों के घर ड्रायफू्रटस के डिब्बे के साथ नोटों के गिफ्ट पैक आते हैं। ठेकेदार, सप्लायर हैसियत के अनुसार एक लाख से लेकर 5 लाख तक के नोटों के गिफ्ट पैक भेट करते हैं। खास बात यह है कि इसे अफसर खुद नहीं लेते….आवाज लगाते हैं, देखो जी…फलां तुम्हें दीवाली विश करने आए हैं। पत्नियां इस पैसे से लक्ष्मी पूजा करती हैं। इस पैसे पर हक भी उन्हीं का होता है। अपने हिसाब से वे उसका इंवेस्टमेंट करती हैं। लेकिन, इस बार डिस्पोजल अभी हो नहीं पाया था कि मोदीजी ने सर्जिकल स्ट्राइक कर दी।

सीएम नाराज

मुख्यमंत्री के मना करने के बाद भी स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर के पीए के विदेश जाने से मुख्यमंत्री बेहद नाराज बताए जाते हैं। बताते हैं, चंद्राकर के साथ विदेश जाने वालों की सूची में पीए का भी नाम भी शामिल था। फाइल जब एप्रूवल के लिए सीएम के पास पहुंची तो उन्होंने पीए का नाम काट दिया। लेकिन, पीए के हौसले को दाद दीजिए! राज्य के मुखिया की मनाही के बाद वह अपने पैसे से विदेश चला गया।

अंत में दो सवाल आपसे

1. 500-1000 के नोटबंदी पर प्रधानमंत्री को कोसने वालों को किस केटेगरी का समझना चाहिए, ईमानदार या…..?
2. मोतीलाल वोरा ने पीसीसी के किस नियुक्ति के प्रस्ताव को वीटो लगाकर रोक दिया?

शनिवार, 5 नवंबर 2016

हैदराबाद से बिरयानी

6 नवंबर

संजय दीक्षित
इस खबर पर आप हैरान होंगे मगर हंड्रेड परसेंट सही है कि एक साउथ इंडियन आईएएस एवं उनकी पत्नी को हैदराबाद का चिकन बिरयानी इतना पसंद है कि उनके लिए हवाई जहाज से मंगाया जाता है। हफ्ते में दो बार या ज्यादा मन मचल गया तो तीन बार भी। आफिस का स्टाफ प्लेन के टाईम में एयरपोर्ट जाता है। और, पार्सल लेकर आईएएस के घर पहुंचा आता है। आईएएस खाने-पीने के बड़े शौकीन माने जाते हैं। हाल में एक बडे होटल में विभागीय डिनर था। अफसर ने रात में लौटते हुए बच्चों के लिए 8200 रुपए के नानवेज के विभिन्न आयटम पैक करा लिए। क्लास तो तब हो गया जब वे एक आफिस का इंस्पेक्शन करने पहुंचे। उन्होंने वहां पिज्जा और कोल्ड कॉफी की फारमाइश की। चपरासी को नहीं मालूम था कि बड़े लोग कॉफी भी कोल्ड पीते हैं। समझा साब को सर्दी-जुकाम होगी। सो, उसने पिज्जा के साथ मेडिकल स्टोर्स से कोल्ड कफ का टेबलेट लेकर आ गया। चपरासी ने टेबल पर पिज्जा के साथ टेबलेट रखा तो आईएएस का गुस्सा मत पूछिए! अब, विभाग को निर्देश दिए जा रहे हैं कि साब को खुश रखना हो तो खाने-पीने का प्रबंध जरा बढ़ियां किया जाए।

मंत्रिमंडल में चेंजेंस

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 8 नवंबर को रायपुर में होंगे। इस दौरान वे संगठन से लेकर सरकार तक की क्लास लगाएंगे। खबर ये भी छनकर आ रही है, राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ मंत्रिमंडल के पुनगर्ठन पर रायशुमारी की जाएगी। कारण कि दो-एक मंत्रियों का विभाग बदलना सरकार अपरिहार्य मान रही है। कुछ के विभाग भी बदलने हैं। शाह से अगर हरी झंडी मिल गई तो उनके जाने के बाद इसी महीने सरकार फेरबदल को अंजाम दे देगी।

भगवान मालिक

सरकार ने सूबे में सड़कों का जाल बिछाने के लिए सड़क विकास निगम का गठन किया था। मगर आलम यह है कि तीन साल में निगम ने एक इंच सड़क नहीं बना पाया। जबकि, सरकार ने सड़क विकास निगम को प्रिफरेंस देते हुए 2002 बैच के आईएएस रोहित यादव को सीएम सचिवालय से वहां भेजा था। सुनने में आ रहा है अब आईएफएस संजय शुक्ला को निगम का एमडी बनाने पर विचार किया जा रहा है।

लोहा को लोहा….

कांग्रेस में कुछ ऐसे लोगों की भी इंट्री की जा रही या फिर कद बढ़ाया जा रहा है, जो अजीत जोगी के साथ काम किए हों या उनसे कुछ गुरू मंत्र लिया हो। ये जरूरत इसलिए पड़ रही है कि पीसीसी के नेता जोगी के चाल को पकड़ नहीं पा रहे हैं। अलबत्ता, सियासत के हर दांव-पेंच में जोगी खेमा भारी पड़ रहा है। बस्तर के रोड शो में जोगी ने बस्तर से डिप्टी सीएम बनाने का शिगूफा छोड़ दिया। जाहिर है, कोंटा से चार बार के कांग्रेसी विधायक कवासी लकमा का मन भी स्वाभाविक रूप से मचलेगा….कांग्र्रेस से मैं क्यों नहीं। कांग्रेस अगर ना-नुकुर की तो कवासी के पास जोगी कांग्रेस का विकल्प है ही। आखिर, उन पर लेवल तो जोगी का ही लगा है। बहरहाल, पीसीसी की नोटिस में ये बात भी है कि 2018 का चुनाव सीडी वार होगा। कई नेताओं के सीडी आएंगे। विरोधियों के पास इसका जखीरा है। लिहाजा, सेम कैरेक्टर वाले कुछ लोग कांग्रेस में अग्रणी भूमिका में होंगे। संभवतः पीसीसी के नेताओं की सोच होगी, लोहा को लोहा काटता है। अगर ऐसा है तो कांग्रेस के लोगों को परेशान नहीं होना चाहिए।

पीएम का एलबम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले दो विजिट में कार्यक्रमों का एलबम बनाकर उन्हें सौंपने में जनसंपर्क विभाग को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। सो, इस बार नए रायपुर में ही प्रिटिंग मशीन लगा दी गई थीं। पीएम की फोटो खींचती गई और उसके प्रिट निकलते गए। पीएम दिल्ली जाने के लिए हेलीकाप्टर से एयरपोर्ट पर लैंड किए और उधर एलबम सीएम के हाथ में पहुंचा दिए गए। सीएम ने उसे भेंट किया। कवर के उपर शेर वाली फोटो लगी थी। पीएम को एलबम इतना अच्छा लगा कि वे स्टाफ को देने की बजाए अपने हाथ में लिए प्लेन की सीढ़ी चढ़ गए। चलिये, जनसंपर्क का नम्बर बढ़ गया।

हाई टी पार्टी

पीएम के ग्रेंड सक्सेस प्रोग्राम के शाम सीएम हाउस में हाई टी का आयोजन किया गया। इनमें सबको बुलाया गया, जिन्होंने पीएम विजिट में रात-दिन एक किया। मगर हीरो रहे एमके राउत और ओपी चौधरी। आखिरी में पहुंचे सौदान सिंह। उन्होंने भी दोनों को एप्रिसियेट किया। हालांकि, काम पुलिस का भी अच्छा रहा। रायपुर पुलिस पीएम विजिट के साथ-साथ कांग्रेस का जेल भरो आंदोलन, शिक्षाकर्मियों के प्रदर्शन से भी निबटी। मगर पुलिस में आगे बढ़कर क्रेडिट लेने वाले अफसर हैं नहीं। आईजी प्रदीप गुप्ता बेहद शांत स्वभाव के आईपीएस हैं। एसपी संजीव शुक्ला की अपनी लिमिटेशन है। डीजीपी एएन उपध्याय का फ्रंट पर रहना स्वभाव नहीं। फिर भी, शाबासी पुलिस को भी मिलनी थी।

जोगी कांग्रेस का रजिस्ट्रेशन

जोगी कांग्रेस के रजिस्ट्रेशन के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने 17 नवंबर को पार्टी प्रमुख अजीत जोगी को दिल्ली बुलाया है। पार्टी नेताओं को उम्मीद है कि आवश्यक प्रक्रियाओं को निबटाने के बाद इस महीने के अंत तक छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के रूप में चुनाव आयोग में पंजीयन हो जाएगा। वैसे, चुनाव आयोग ने अक्टूबर में भी एक डेट दिया था। मगर बस्तर में रैली के चलते जोगी ने आयोग से टाईम ले लिया था।

आखिरी बात हौले से

विधानसभा में श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा लगाई जानी है। सामान्य प्रशासन विभाग को चाहिए कि सर्कुलर जारी कर सारे नौकरशाहों को उनके बारे में अवगत करा दे। वरना, कोई फेसुकिया आईएएस, सवाल पूछ कर सरकार को मुसीबत में डाल देगा, ये श्यामा प्रसाद कौन?

हफ्ते का व्हाट्सएप

झंगलू-भइया मंगलू, जंगल सफारी मा मोदी हा शेर के साथ का बात करत रहिस, कुछ पता चलिस का??
मंगलू-झंगलू, शेर हा मोदी के पास आ के पूछिस, अच्छे दिन कब आहि मोदीजी? ता मोदी हा मुस्करा के बोलीस नंदन वन के पिंजरा से छूट कर जंगल सफारी में जे तेहा घूम पात हस, इहि ता अच्छे दिन हवे। अउ का चाहि तोला, राइपुर में घूमे के चाहत हस का?

अंत में दो सवाल आपसे

1. पीएम विजिट में किन दो एपीसोड से ब्यूरोक्रेसी की बड़ी भद पिटी है?
2. सीएम के साथ अमेरिका विजिट के बाद किस अफसर की कुर्सी बदल सकती है?