शनिवार, 18 जनवरी 2014

तरकश, 19 जनवरी

नो चांस

केंद्रीय कर्मियों का रिटायरमेंट दो साल बढ़ाने के प्रपोजल को प्रधानमंत्री कार्यालय ने दोबारा लौटा दिया है। खजाने के संकट का हवाला देते हुए केंद्रीय वित विभाग ने पीएमओ को रिटायरमेंट बढ़ाने के लिए प्रस्ताव भेजा था। मगर जिस तरह आम आदमी पार्टी का आगाज हुआ, मामला गड़बड़ा गया। यूथ कहीं नाराज न हो जाए, इसको देखते भारत सरकार ने फिलहाल इसे खारिज करना ही मुनासिब समझा। सो, अब नो चांस। दरअसल, 80 हजार स्केल वाले सूबे के तीनों टाप के अफसर, चीफ सिकरेट्री, डीजीपी और पीसीसीएफ दो महीने के भीतर रिटायर होने वाले हैं। इसलिए, स्वाभाविक रूप से यहां काफी उत्सुकता थी। लेकिन डीजीपी और पीसीसीएफ की 31 जनवरी को बिदाई तय मानिये। इसके बाद 28 फरवरी को सीएस का नम्बर आ जाएगा। वैसे, सीएस को इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। उन्होंने अभी से दिल्ली लौटने की तैयारी शुरू कर दी है।

एस्सार-2

नक्सलियों के लिए फंड जुटाने के आरोप में पकड़े गए कांकेर के व्यापारियों का मामला एस्सार-2 सरीखा हो सकता है। दो साल पहले दंतेवाड़ा पुलिस ने जिस तरह एस्सार का 15 लाख रुपए नक्सलियों को पहुंचाने के आरोप में वहां के ठेकेदार बीके लाला को पकड़ा था। उसी तरह का केस कांकेर का भी है। एक बड़े ग्रुप का कांकेर के नक्सल इलाके में काम चल रहा है। और, पुलिस के आला अफसरों की मानें तो नीरज और धर्मेंद्र उनके और माओवादियों के बीच मध्यस्थ का रोल निभा रहे थे। इस मामले में चार और रसूखदार कारोबारियों के नाम आ रहे हैं। इनमें दो तो सत्ताधारी पार्टी के एक नेता के खास हैं। तो एक सत्ताधारी पार्टी का मंडल अध्यक्ष रह चुका है। पुलिस अगर कड़ाई से जांच कर दे, तो कांकेर से लेकर रायपुर तक के कई सफेदपोश लोग सलाखों के अंदर होंगे।

नई इंट्री

सेंट्रल डेपुटेशन बीच में छोड़कर एडीजी एमडब्लू अंसारी दिल्ली से छत्तीसगढ़ लौट रहे हैं। उनकी वापसी को डीजीपी की दौड़ से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि, डीजीपी कौन बनेगा, यह वक्त बताएगा या फिर डा0 रमन सिंह। मगर यह बात साफ है कि अंसारी के आने के बाद सरकार के सामने विकल्प का टोटा नहीं रहेगा। नायक के बाद सेकेंड नम्बर पर अंसारी हमेशा हाजिर रहेंगे। अलबत्ता, पुलिस मुख्यालय के समीकरण भी चेंज होंगे। एएन उपध्याय को अब डीजी बनने के लिए 2016 तक इंतजार करना होगा। तब, अंसारी के रिटायर होने के बाद पोस्ट खाली होगा। अंसारी अगर दिल्ली से नहीं आते तो रामनिवास के बाद रिक्त पद पर इस साल नहीं, तो अगले साल उपध्याय पक्का डीजी बन जाते। अंसारी के अलावा असम और बंगाल कैडर के दो और सीनियर आईपीएस भी डेपुटेशन पर छत्तीसगढ़ आ रहे हैं। इनमें से एक तो एडीजी होंगे। जाहिर है, पीएचक्यू में सीनियर अफिसरों की कमी नहीं रहेगी।

31 के बाद

चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची का पुनरीक्षण कार्य 31 जनवरी तक बढ़ा दिए जाने के कारण प्रशासनिक फेरबदल फिलहाल टल गया है। आयोग ने राज्य सरकारों से आग्रह किया था कि 15 जनवरी तक कलेक्टरों को चेंज न किया जाए। आयोग ने अब डेट बढ़ा दिया है। हालांकि, आचार संहिता अभी प्रभावशली नहीं है, इसलिए आयोग की बात मानने की बाध्यता नहीं है। मगर सामने लोकसभा चुनाव को देखते राज्य सरकार आयोग को नाराज नहीं करना चाहेगी। इसलिए, अब 31 जनवरी की शाम या इसके दो-एक दिन के भीतर कलेक्टरों का आर्डर निकल जाएगा। मार्च फस्र्ट वीक में लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लगने के संकेत हैं, सो सरकार की कोशिश होगी कि दो फरवरी से पहले ट्रांसफर को अंजाम दे दिया जाए।

एक्सचेंज

जिस तरह के संकेत मिल रहे हैं, कलेक्टरों में रायपुर और बिलासपुर के बीच एक्सचेंज हो सकता है। ठाकुर राम सिंह बिलासपुर से रायपुर और सिद्धार्थ कोमल परदेशी रायपुर से बिलासपुर। वैसे, चेंज होने वाले कलेक्टरों में दर्जन भर से अधिक नाम हो जाएंगे। रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, मंुगेली, बलौदाबाजार, जांजगीर भी। जांजगीर कलेक्टर पी अंबलगन को हालांकि, छै महीने ही हुए हैं, मगर उनकी पत्नी कांकेर कलेक्टर हैं। दूरी बहुत हो गई है। पहले वे अगल-बगल के जिलों में थे भी। अंबलगन जगदलपुर कलेक्टर थे। मगर जीरम नक्सली हमले के बाद यह जोड़ी बिछुड़ गई। अब, फिर उन्हें पास-पास लाने की कोशिश की जा रही है।

गूड न्यूज

छत्तीसगढ़ के लिए यह एक अच्छी खबर हो सकती है…..दंतेवाड़ा में लाइवलीहूड कालेज समेत एजुकेशन सेंटर डेवलप किया गया है, उसे देश के अन्य राज्यों में लागू करने के लिए भारत सरकार केस स्टडी तैयार करवा रही है। पिछले सप्ताह केंद्र का तीन सदस्यीय टीम ने दंतेवाड़ा का विजिट किया। इसके बाद रिव्यू करने के लिए केस स्टडी को हावर्ड यूनिवर्सिटी भेजा जाएगा केस स्टडी का थीम यह है कि अगर इच्छा शक्ति हो तो सुधार और विकास के काम करने के लिए यह मायने नहीं रखता कि वह एरिया और सिचुऐशन किस तरह का है। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जैसे रिमोट और हिंसाग्रस्त इलाके में शिक्षा के क्षेत्र में अनूठा काम हो गया। एक ही कैंपस में स्कूल, कालेज, कस्तूरबा विद्यालय, आदिवासी हास्टल, आईटीआई, पालीटेक्निक कालेज, महिला आईटीआई, आजीविका कालेज। वैसे, छत्तीसगढ़ सरकार ने सभी जिलों में लाइवलीहूड कालेज खोलने का ऐलान किया है। अगर पूरे देश में यह लागूू हो गया तो छत्तीसगढ़ के साथ दंतेवाड़ा के तत्कालीन कलेक्टर ओपी चैधरी भी हीरो हो जाएंगे। जिन्होंने दंतेवाड़़ा जैसे जिले में यह काम कर दिखाया।

अंत में दो सवाल आपसे

1. नक्सलियो को मदद करने के आरोप में पकड़े गए नीरज और धर्मेंद्र चोपड़ा जिन लोगों के नाम बताएंगे, पुलिस उन्हंे गिरफ्तार कर सकती है?
2. विधानसभा चुनाव के दौरान ऐसा क्या हुआ कि सरकार अधिकांश आईपीएस अफसरों से नाराज है?

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें