शनिवार, 18 मई 2013

तरकश, 19 मई

गीता का ज्ञान

मुकाम हासिल करने के लिए सूबे के एक वरिष्ठ मंत्री ने कोई कसर नहीं छोड़ी। राज्य के कोने-कोने में समर्थकों की फौज-फटाका तैयार करने से लेकर हर साल साधु-संतों का जमावड़ा तक। मगर कोई युक्ति काम नहीं आ रही है। बल्कि, मंजिल उनसे और दूर होती जा रही है। अब, वे अपने बंगले में श्रीमद्भागवत कथा करा रहे हैं। गीता में श्रीकृष्ण ने कहा है, कर्म पर तुम्हारा अधिकार है, फल पर नहीं। इसलिए, फल की चिंता मत करो। तुम अपना काम करते जाओ। मंत्रीजी को भी फल की चिंता नहीं करनी चाहिए। राजयोग बनेगा, तो स्वयमेव उनके मन की मुराद पूरी हो जाएगी।    

जातिवाद की ट्रेनिंग

 वैसे तो राजधानी के स्टेट इंस्टिट्यूट आफ रुरल डेवलपमेंट में पंचायत एवं ग्रामीण विकास से संबंधित लोगों को टे्रनिंग दी जाती है, मगर इन दिनों वहां जातिवाद की टे्रनिंग चल रही है। परशुराम जयंती के दिन तो इंतेहा हो गई। दिल्ली से विशेष तौर पर आमंत्रित वक्ता ने इंस्टिट्यूट के सेमिनार हाल में ब्राम्हणों को जी भर कर गालियां बकी। इतनी भद्दी कि सभ्य आदमी कान पर हाथ रख ले। असल में, जिस अफसर को इंस्टिट्यूट में पोस्ट किया गया है, वे एक खास विचारधारा से ताल्लुकात रखते हंै। और उन्हें अपने विचारधारा को सींचने के लिए सरकार ने बढि़यां अवसर जो मुहैया करा दिया है।
 

अग्रेसिव स्ट्रेज्डी


विकास यात्रा शुरू होने के बाद पत्र-पत्रिकाओं में सीएम और उनकी योजनाआंे को प्रमुखता ऐसे ही नहीं मिल रही है। बल्कि, इसके पीछे नए सिकरेट्री पीआर अमन सिंह की अग्रेसिव स्टे्रज्डी है। वे पहले जनसंपर्क सचिव होंगे, जो ब्यूरोके्रटिक इगो त्याग कर अखबारों के दफ्तरों में गए। और अब, शायद ही कोई दिन जाता होगा, जब वे प्रभावशाली मीडिया संस्थानों से उनकी बात न होती होगी। आशय विनम्र आग्रह होता है कि सरकार विज्ञापन दे रही है, तो उसकी खबरों को भी वेटेज दिया जाए। और अमन सिंह जैसे प्रभावशाली शख्सियत नियमित संपर्क में रहे, तो सरकारी खबरों की अनदेखी भला कैसे की जा सकती है। यहीं नहीं, विकास यात्रा में फलां तारीख को किस जर्नलिस्ट को सीएम के हेलिकाप्टर पर या विकास रथ पर भेजना है, फोटो किस तरह की होगी, विज्ञापन का मजमूं क्या होगा, इसका स्क्रिप्ट अमन के हाथ में रहता है। शुक्रवार को वे राजनांदगांव के एक पुलिस अफसर को फोन करते हैं, विकास रथ पर साब की फोटो क्लीयर नहीं आ रही, के्रन का इंतजाम कर फोटो खिंचवाओ। दो मिनट बाद टीवी पर डांेगरगढ़ सभा का लाइव देखकर एक टीवी चैनल को फोन लगवाते हैं, कैमरा सिर्फ मंच पर ही फोकस है, उसे भीड़ को भी कवर करना चाहिए। विकास यात्रा को कवर करने दिल्ली की मीडिया भी पहुंच रही है। एसएमएस के जरिये मीडिया को पल-पल की खबरें सेंड की जा रही है। डीपीआर ओपी चैधरी यात्राओं में साथ चल रहे हैं। ऐसे में कवरेज क्यों नहीं मिलेगा।   

लकी मुख्यालय

बीजेपी का भव्य और हाईटेक मुख्यालय बन कर तैयार हो जाने के बाद भी पुराना आफिस याने एकात्म परिसर का मोह पार्टी नहीं छोड़ पा रही है। पार्टी की समूची गतिविधियां यहीं से संचालित हो रही है। पता चला है, विधानसभा चुनाव के बाद ही वहां के बारे में सोचा जाएगा। इसकी वजह यह है कि एकात्म परिसर बीजेपी के लिए काफी लकी रहा है। इस बिल्डिंग के बनने के बाद सूबे में न केवल भाजपा की सीटें बढ़ीं बल्कि दो-दो बार सरकार बनाने मे ंकामयाब रही। तो ऐसे लकी मुख्यालय को भला कौन छोड़ना चाहेगा। वो भी चुनाव के समय में।

सबसे पहले

अटलबिहारी सरकार ने देश में छह नए एम्स बनाने की घोषणा की थी, उनमें से रायपुर एम्स का ओपीडी सबसे पहले प्रारंभ होने जा रहा है। 3 जून इसकी तारीख मुकर्रर हो गई है। बाकी पांच, 1 जुलाई से शुरू होंगे। एम्स को जिस तरह से तैयार किया जा रहा है, वह छत्तीसगढ़ के लिए वारदान साबित होगा। वारदान इसलिए, कि अस्पताल खुलने से पहले ही वहां राज्य की सिकलसेल, फल्सीफेरम मलेरिया जैसी गंभीर बीमारियों पर काम चालू हो गया है, जिससे हर साल सैकड़ों लोग असमय काल के ग्रास बन जाते हैं। सिकलसेल पर डाटा कलेक्ट किया जा रहा है और शुक्रवार को इस पर एम्स में कांफें्रस हुई। साल के अंत तक एम्स में ट्रामा सेंटर खुल जाएगा और अगले साल तक सेंट्रल इंडिया का यह सबसे बड़ा अस्पताल पूर्ण स्वरूप में आ जाएगा। फिलहाल, 67 डाक्टरों की नियुक्ति हो गई है। रायपुर एम्स इस मामले में भी लकी है कि उसे डा0 नागरकर जैसे डायरेक्टर मिले हैं। लंबे समय तक इंगलैंड में रहने के बाद नागरकर पीजीआई चंडीगढ़ में मेडिकल सुपरिंटेंडेंट बनकर लौटे। और अब उन्होंने एम्स ज्वाईन किया है। 

अच्छी खबर

ऐसे दौर में जब बुजुर्ग माता-पिता बोझ समझे जाने लगे हों, लोग पत्नी और अपनी संतान से इतर सोच नहीं पाते, बिलासपुर के युवा पत्रकार यशवंत गोहिल का प्रयास लोगों के लिए एक प्रेरणा बन सकती है। मदर्स डे के दिन यशवंत ने अपनी दादी के 100 साल होने पर समारोहपूर्वक उनका जन्मदिन मनाया। दादी के मनभावन भजनों पर आधारित एक पुस्तक का विमोचन किया गया और सारगर्भित संगोष्ठी भी हुई। काश! और लोग भी इससे नसीहत लेते, तो आज बुजुर्गोंे की यह दशा नहीं होती।  

अंत में दो सवाल आपसे

1.    भाजपा के एक लाल बत्ती वाले नेता का नाम बताइये, जो शादी के बाद विशाखापटनम में बसने के बारे में सोच रहे हैं?
2.    क्या अमित जोगी को बेलतरा और महंत गुट को बिलासपुर से टिकिट देने और जीतवाने की कांग्रेस में कोई डील हुई है?

1 टिप्पणी:

  1. गीता का पाठ पढ़ने के लिए मंत्री बने है क्या ? "कर्म करो फल की चिंता मत करो"
    ये तो दूसरी पार्टी का आदमी लगता है या कही ऐसा तो नहीं अपनी पार्टी का दूसरा गुट .......................

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