शुक्रवार, 22 सितंबर 2017

ब्यूरोक्रेसी में हलचल

17 सितंबर

एनएमडीसी के चेयरमैन बनने के बाद आईएएस एसोसियेशन ने जिस अंदाज में बैजेंद्र कुमार को ग्रेंड फेयरवेल दिया, उससे ऐसा मैसेज गया.... बैजेंद्र अब हमेशा के लिए जा रहे हैं.....आखिर, डेपुटेशन पर तो हर साल एक-दो अफसर जाते ही हैं....बिदाई कहां होती है। वैसे, ब्यूरोक्रेसी में चर्चा भी शुरू हो गई थी....बैजेंद्र अब शायद ही लौटे। लेकिन, सीएम ने नपे-तुले एक लाईन में नौकरशाही में हलचल मचा दी। सीएम ने बिदाई भाषण में कहा, बैजेंद्र जैसे अफसर का हम फिर स्वागत करना चाहेंगे। इससे पहिले बैजेंद्र बोले, छत्तीसगढ़ लौटकर उन्हें प्रसन्नता होगी। बैजेंद्र का जुलाई 2020 में रिटायरमेंट है। याने लगभग तीन साल। टाईम कम है, इसलिए अटकलें शुरू हो गई थी। लेकिन, सीएम ने साफ कर दिया है, बैजेंद्र के लिए चांस खतम नहीं हुआ है। अब बैजेंद्र लौटते हैं या नहीं.....ये तो वक्त बताएगा। मगर चीफ सिकरेट्री के दावेदारों को डाक्टर साब की ये बात अच्छी नहीं लगी होगी....ये तो जाहिर है।

जीएसटी और अमर 

जीएसटी से आम व्यापारी हलाकान हैं.....सरकार को कोस रहे हैं। लेकिन, यही जीएसटी एक मंत्री के प्रोफाइल को कहां से कहां पहुंचा दिया। बात कर रहे हैं, इंडस्ट्री मिनिस्टर अमर अग्रवाल की। भारत सरकार ने उन्हें जीएसटी की समस्याओं का समाधान करने वाली सुप्रीम कमेटी का सदस्य बनाया है, जिसमें देश से सिर्फ पांच लोग हैं। यूपी, मध्यप्रदेश जैसे सूबों से एक भी नहीं। यही नहीं, केंद्र में दूसरे नम्बर के कद्दावर मंत्री अरुण जेटली के क्लोज होने का मौका मिला, सो अलग। वो भी ऐसे वक्त में, जब रमन सिंह के मंत्री एक के बाद एक विवादों में घिरते जा रहे हैं, अमर का बढ़ता कद....खबर तो बनती ही है।

फुटबॉल की तरह

मंत्रालय में आईएफएस अफसर आशीष भट्ट की हालत फुटबॉल की तरह हो गई है। तब से और, जब सरकार ने जूनियर आईएएस को विभाग प्रमुख बनाना शुरू किया है। भट्ट 1984 बैच के आईएफएस हैं। इस साल के शुरू में वे ट्राईबल सिकरेट्री थे। 2003 बैच की आईएएस रीना बाबा कंगाले जब ट्राईबल में आई तो सरकार को उन्हें एनर्जी में शिफ्थ करना पड़ा। वहां सीनियर आईएएस बैजेंद्र कुमार थे, इसलिए चल गए। बैजेंद्र के जाने 2003 बैच के आईएएस सिद्धार्थ परदेशी एनर्जी सिकरेट्री बनें तो भट्ट को अब हायर एजुकेशन में भेजा गया है। पता नहीं, नवंबर में होने वाले फेरबदल में अब उन्हें कौन से विभाग टिकाया जाएगा।

एसपी के लिए सिरदर्द

छत्तीसगढ़ में एक तो पीएससी से थोक में डीएसपी अपाइंट होते जा रहे हैं। उपर से तुष्टिकरण के लिए सरकार 72 और स्पेशल डीएसपी नियुक्त करने जा रही है। डीएसपी की बढ़ती संख्या एसपी के लिए पहले से ही सिरदर्द बन गई है। आलम यह है कि जिन छोटे जिलों में मुश्किल से दो-तीन डीएसपी होते थे, अब पांच-पांच, छह-छह हो गए हैं। न उन्हें बिठाने की जगह है और न ही गाड़ी की व्यवस्था। अब और 72 को झेलना पड़ेगा।

मैडम ये क्या...?

राज्य महिला आयोग की चेयरमैन हर्षिता पाण्डेय का पिछले हफ्ते बर्थडे था। जलसा भी अच्छा हुआ....जाहिर है, अगले साल चुनाव है।  लेकिन, इंटरेस्टिंग यह रहा कि हर्षिता को जो भी बुके देता, बुदबुदाते हुए पूछता मैम ये क्या....इतना वजन कैसे कम कर लिया.....। लोगों के सवालों से लगा जैसे हर्षिता वजन कम करने की पार्टी दे रही हैं। दरअसल, उन्होंने दो महीने में 16 किलो वजन कम किया है। ऐसे में, लोगों की उत्सुकता स्वाभाविक है....वजन को लेकर कौर कंसस नहीं है।

साय की हैसियत

नंदकुमार साय का दर्जा भले ही केंद्रीय मंत्री का है। मगर बिलासपुर के छत्तीसगढ़ भवन के अटेंडर ने उनके कद को ऐसा नापा कि पूछिए मत! साय कल पहुंचे छत्तीसगढ़ भवन तो उन्हें दो नम्बर का कमरा दिया गया। साय ने पूछा, एक नम्बर क्यों नहीं? तो जवाब मिला, वो मंत्रियों के लिए है। सायजी के पीए ने बताया, साब केंद्रीय मंत्री लेवल के हैं। अटेंडर बोल, हमलोग लेवल वाले को मंत्री नहीं मानते। प्रोटाकॉल वाले साब ने कहा है, सिर्फ मंत्रियों के लिए खुलेगा एक नम्बर कमरा।  

रामदयाल के पीछे

आदिवासी सीएम पर कांग्रेस के ट्राईबल लीडर्स के एक होते सूर पीसीसी नेताओं के लिए चिंता का सबब बनता जा रहा है। सबसे पहिले पाली-तानाखार के विधायक रामदयाल उईके ने मोर्चा संभाला। मनोज मंडावी और कवासी लकमा ने हां में हां मिला दिया। चार बार के विधायक उईके इतने अग्रेसिव हो गए हैं कि प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया की बंद कमरे में समझाइस पर भी नहीं रुके। दो दिन बाद फिर आदिवासी सीएम पर उनकी मुखरता सामने आ गई। पीसीसी नेताओं को ये तो मालूम है कि उईके बेहद महत्वकांक्षी हैं पर उनमें इतना कांफिडेंस कहां से आ गया....इसको लेकर हैरान हैं। पार्टी के लोग इस पता करने में जुट गए हैं....उईको को चाबी कहां से ऐंठी जा रही है।          

अत में दो सवाल आपसे

1. आदिवासी सीएम की मांग पर कांग्रेस विधायक रामदयाल उईके को सबसे पहिले बीजेपी के किस सीनियर ट्राईबल लीडर ने फोन कर बधाई दी?
2. मंत्रालय में गृह मंत्री की रिव्यू मीटिंग में अफसरों ने ऐसा क्या बताया कि मंत्रीजी बगले झांकने लगे?

 

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