सोमवार, 12 फ़रवरी 2018

कलेक्टरी खतरे में

पंजाब सरकार के एक फैसले के बाद डीओपीटी ने प्रमोटी अफसरों की सीनियरिटी लिस्ट में संशोधन किया है। इसमें छत्तीसगढ़ के 14 आईएएस लाभान्वित हुए हैं। सीधे एक साल सीनियर। सबसे ज्यादा 2004 बैच इससे परेशान होगा। इसमें डायरेक्टर समाज कल्याण संजय अलंग से लेकर उमेश अग्रवाल, धनंजय देवांगन, टामन सिंह सोनवानी और छतर सिंह देहरे शामिल हैं। ये सभी 2005 बैच में थे, अब 2004 में आ गए हैं। इसमें अलंग और देहरे को छोड़कर तीनों कलेक्टर हैं। उमेश दुर्ग, धनंजय जगदलपुर और सोनवानी कांकेर में। सरकार ने कलेक्टरी के लिहाज से 2004 बैच को क्लोज कर दिया है। आखिरी लॉट अमित कटारिया, अंबलगन और अलरमेल का था। सरकार ने तीनों को पिछले साल ही वापिस बुला लिया था। हालांकि, ये कोई नियम नहीं है कि किस बैच को कलेक्टर रखना है। पहली पारी में तो सरकार ने सीके खेतान और आरपी मंडल को सिकरेट्री के बाद भी कलेक्टर बनाया था। फिर भी, उमेश, धनंजय और सोनवानी को टेंशन तो रहेगा ही। 

नीरा राडिया

नौकरशाहों की पत्नियां को अलर्ट हो जाना चाहिए। वे व्हाट्सएप, एसएमएस चेक करते रहें। वरना, उन्हें घोखा हो सकता है। दरअसल, एक नीरा राडिया अफसरों के बीच अपनी पैठ गहरी करती जा रही है। मंत्रालय के सीनियर आईएएस से लेकर आईपीएस, आईएफएस तक.....कौन नहीं है उसके गिरफ्त में। एक दर्जन से अधिक अफसर उसके इशारों पर नाच रहे हैं। आलम यह है कि अहम फाइलें भी युवती के कहने पर मूव हो रही हैं। नीरा राडिया के शिकारों के आप नाम सुनेंगे, तो आपको यकीं नहीं होगा....ऐसे अफसर भी लंगोट के इतने ढिले हो सकते हैं....राम-राम।


मुफ्त में प्रचार

छत्तीसगढ़ जैसे छोटे राज्य का बजट भाषण अगर टॉप टेन में पहले नम्बर पर ट्रेंड करें तो यह आश्चर्य की बात भला कैसे नहीं होगी। रमन सिंह का भाषण डेढ़ घंटे से अधिक समय तक देश में सबसे उपर ट्रेंड किया। और, ट्रेंड इसलिए भी किया कि छत्तीसगढ़़ में इसे फेसबुक पर खूब देखा गया.....आखिर, छत्तीसगढ़ के बाहर के लोग यहां के बजट तो देखे नहीं होंगे। यानी बिना किसी खर्चे के सरकार ने चुनावी बजट को जन-जन तक पहुंचा दिया। ऐसा करके जनसंपर्क संचालक राजेश टोप्पों ने सरकार का फेथ और बढ़ा लिया। दरअसल, फेसबुक लाइव का प्लान उन्होंने ही किया था। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बन गया, जहां बजट भाषण सोशल मीडिया में लाइव हुआ। अभी तक पीएम लेवल पर इस तरह के प्रयोग होते थे। 

जोगी दांव

अजीत जोगी को न केवल अपने को प्रासंगिक रखना आता है बल्कि सियासी दांव-पेंच में भी उनका जवाब नहीं है। हाईकोर्ट के फैसले के बाद जब कांग्रेस ने उन पर सोशल मीडिया के जरिये हल्ला बोला तो जोगी ने एक ही दांव में मैच का रुख ही बदल दिया। जोगी ने ऐलान किया....वो रमन सिंह के खिलाफ राजनांदगांव से चुनाव लड़ेंगे। और, सरकार के साथ उनकी हमजोली का मुद्दा टर्न हो गया। उपर से जोगी की गुगली में फंस गए टीएस सिंहदेव। जीतेंगे रमन सिंह बोलकर सिंहदेव ने बॉलर के हाथ में कैच दे दिया।


जोगी और भूपेश

कांग्रेस अब नेता प्रतिपक्ष़्ा टीएस सिंहदेव को ताकीद करने वाली है...जोगी के खिलाफ या तो बयान मत दीजिए या फिर सोच-समझकर। एक तो सिंहदेव जैसे ही जोगी के खिलाफ मुंह खोलते हैं, अमित जोगी तालाब वगैरह का मुद्दा उठाकर उन्हें बैकफुट पर कर देते हैं। पिछले छह महीने में बाबा ने जब भी जोगी के खिलाफ कुछ बोला है, अमित लंगोट पहनकर दो-दो करने के लिए मैदान में उतर जाते हैं। राजनांदगांव इश्यू में भी अमित ने उल्टे सिंहदेव को रमन का स्टार प्रचारक घोषित कर दिया। आखिरकार, सिंहदेव को बैकअप देने के लिए भूपेश बघेल को आगे आना पड़ा। अब यह स्थापित सत्य हो गया है कि जोगी के बराबर का नेता अगर कांग्रेस में है तो वो हैं भूपेश बघेल। दोनों सभी मामलों में समान हैं। तभी भूपेश टक्कर भी दे रहे हैं। 


कलेक्टरों की लिस्ट

सीएम की व्यस्तता की वजह से कलेक्टरों की लिस्ट लगातार टलती ही जा रही है। ऑस्ट्रेलिया से लौटने के बाद सीएम का लगातार दौरा चलता रहा। और, पिछले एक हफ्ते से बजट भाषण की तैयारी में उनका पूरा अमला बिजी था। बजट निबट जाने के बाद अब सीएम से इस पर चर्चा हो सकती है, ऐसा संकेत हैं। तब तक पीएस टू सीएम अमन सिंह भी 14 को रायपुर आ जाएंगे। हालांकि, सरकार को लिस्ट निकालने में देर नहीं करनी चाहिए। इससे नुकसान राज्य का होता है। क्योंकि, जिन कलेक्टरों पर तलवार लटकी है, जिनका जिला बदलना है, व ेअब कितने मन से काम कर रहे होंगे, आप भी समझ सकते हैं।

नम्रता को एमपी कैडर

दंतेवाड़ा की नम्रता जैन यूपीएसी में 99 रैंक लाकर भी आईएएस न बन सकीं अब उनका कैडर भी मन मुताबिक नहीं मिला है। नम्रमा को मध्यप्रदेश कैडर आबंटित हुआ है। हालांकि, एमपी बड़ा राज्य है। राज्य बंटवारे के बाद छत्तीसगढ़ आए अधिकांश आईपीएस एमपी जाने के लिए हाईकोर्ट चले गए थे। फिर भी, होम कैडर का अपना अलग मजा होता है।     
मुझसे क्या भूल हुई
अमित जोगी वक्ता बड़े अच्छे हैं। उनका भाषण और भाषण देने की शैली तो पूछिए मत! लेकिन, स्पीकर से झिड़की खाने में उन्होंने सबको पीछे छोड़ दिया है। बजट सत्र के श्रद्धांजलि भाषण में भी वे अध्यक्ष की टोका-टोकी का शिकार हुए। छोटे जोगी ने ट्विटर पर अपना गम शेयर किया....मैंने कौन सी गलती की....जिसकी ये....। इंतेहा तो तब हो गई, जब 9 फरवरी को सभापति शिवरतन शर्मा ने उनकी बातें विलोपित कर कह नसीहत दे डाली.....हमने आपको सवाल पूछने का मौका दिया था, आप लगे भाषण देने।

अंत में दो सवाल आपसे

1. किस अफसर के सरकारी बंगले में 70 लाख रुपए के इंटीरियर का काम हो रहा है? 
2. मोतीलाल वोरा की चुनाव अभियान समिति में इंट्री कैसे मिली?




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