संजय के. दीक्षित
तरकश, 31 मई 2020
छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक सर्जरी होने के बाद अब मंत्रिमंडल में भी सर्जरी की अटकलें तेज हो गई है। दिसंबर 2018 में सरकार बनने के बाद भूपेश मंत्रिमंडल का एक बार विस्तार हुआ है। मंत्रिमंडल में एक खाली जगह पर अमरजीत भगत को मंत्री बनाया गया था। खबरों के अनुसार, भूपेश कैबिनेट के तीन मंत्रियों को ड्रॉप किया जा सकता है। इसमें क्षेत्रवार मंत्रियों की संख्या को बैलेंस किया जाएगा। सरगुजा संभाग में फिलवक्त तीन मंत्री हैं। टीएस सिंहदेव, प्रेमसाय सिंह और अमरजीत भगत। वहीं, बस्तर संभाग से सिर्फ कवासी लकमा। याने सिर्फ एक मंत्री। बताते है, मंत्रिमंडल के फेरबदल में ब्राम्हणों का प्रतिनिधित्व बढ़ाकर दो किए जाने की भी चर्चा है। अभी इस वर्ग से रविंद्र चौबे मंत्री हैं। कांग्रेस सरकार में सत्यनारायण शर्मा, रविंद्र चौबे, विधान मिश्रा, अमितेष शुक्ल मंत्री और पं0 राजेंद्र प्रसाद शुक्ला विधानसभा अध्यक्ष थे। इस समय ब्राम्हणों में सत्यनारायण शर्मा, अमितेष शुक्ल और अरूण वोरा मंत्री पद के प्रबल दावेदार हैं। सत्यनारायण शर्मा अविभाजित मध्यप्रदेश में बड़े विभाग संभाल चुके हैं। अंदरखाने से जैसी खबरें आ रही हैं…फेरबदल अगर हुआ तो ट्राईबल और सामान्य वर्ग से नए चेहरे लिए जा सकते हैं।
तरकश, 31 मई 2020
छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक सर्जरी होने के बाद अब मंत्रिमंडल में भी सर्जरी की अटकलें तेज हो गई है। दिसंबर 2018 में सरकार बनने के बाद भूपेश मंत्रिमंडल का एक बार विस्तार हुआ है। मंत्रिमंडल में एक खाली जगह पर अमरजीत भगत को मंत्री बनाया गया था। खबरों के अनुसार, भूपेश कैबिनेट के तीन मंत्रियों को ड्रॉप किया जा सकता है। इसमें क्षेत्रवार मंत्रियों की संख्या को बैलेंस किया जाएगा। सरगुजा संभाग में फिलवक्त तीन मंत्री हैं। टीएस सिंहदेव, प्रेमसाय सिंह और अमरजीत भगत। वहीं, बस्तर संभाग से सिर्फ कवासी लकमा। याने सिर्फ एक मंत्री। बताते है, मंत्रिमंडल के फेरबदल में ब्राम्हणों का प्रतिनिधित्व बढ़ाकर दो किए जाने की भी चर्चा है। अभी इस वर्ग से रविंद्र चौबे मंत्री हैं। कांग्रेस सरकार में सत्यनारायण शर्मा, रविंद्र चौबे, विधान मिश्रा, अमितेष शुक्ल मंत्री और पं0 राजेंद्र प्रसाद शुक्ला विधानसभा अध्यक्ष थे। इस समय ब्राम्हणों में सत्यनारायण शर्मा, अमितेष शुक्ल और अरूण वोरा मंत्री पद के प्रबल दावेदार हैं। सत्यनारायण शर्मा अविभाजित मध्यप्रदेश में बड़े विभाग संभाल चुके हैं। अंदरखाने से जैसी खबरें आ रही हैं…फेरबदल अगर हुआ तो ट्राईबल और सामान्य वर्ग से नए चेहरे लिए जा सकते हैं।
पीएससी चेयरमैन कौन?
पीएससी के चेयरमैन केआर पिस्दा एक जून को रिटायर हो जाएंगे। उनकी जगह पर सरकार को नया चेयरमैन अपाइंट करना होगा। पिस्दा को रमन सरकार ने पीएससी चेयरमैन अपाइंट किया था, जब उनके रिटायरमेंट में साल भर से अधिक समय बचा था। यही वजह है कि वे तीन साल से अधिक समय तक इस पद पर रहे। वरना, रिटायरमेंट के बाद नियुक्त होने वाले नौकरशाहों को दो साल का ही समय मिल पाता है। क्योंकि, चेयरमैन का एज 62 साल है। इस बार भी कुछ ऐसा ही हो सकता है….पिस्दा की तरह किसी प्रमोटी आईएएस को ये पद मिल जाए। एक साल के भीतर रिटायर होने वालों में सीएस डेहरे, बीएल बंजारे और टामन सिंह सोनवानी शामिल हैं। इनमें टामन सिंह सीएम सचिवालय में होने की वजह से जाहिर तौर पर सरकार के नजदीक हैं। वे डायरेक्टर एग्रीकल्चर भी हैं। पीएससी चेयरमैन के लिए टामन सिंह वजनी कंडिडेट प्रतीत होते हैं।
सिकरेट्री की लिस्ट
सिकरेट्री लेवल की आईएएस एम गीता हार्वर्ड में मैनेजमेंट का एक साल का कोर्स करके इंडिया आ गई हैं। उन्हें दिल्ली में क्वारेंटाईन किया गया है। अगले कुछ दिनों में वे वापस लौटेंगी तो उन्हें भी कोई विभाग मिलेगा। उधर, पीएससी में जिस अफसर की नियुक्ति होगी, उसका पद भी खाली होगी। अगर टामन सिंह का सलेक्शन हुआ तो विमानन और डायरेक्टर एग्रीकल्चर का पद खाली होगा। जाहिर है, मंत्रालय में एक छोटी ट्रांसफर लिस्ट निकलेगी, जिसमें इसी महीने रिटायर हो रहे डा0 आलोक शुक्ला की भी संविदा पोस्टिंग दी जाएगी।
चार महिला आईएएस
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के विभाग में महिला आईएएस अधिकारियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही हैं। निहारिका बारिक हेल्थ डिपार्टमेंट की सिकरेट्र्री हैं। डॉ0 प्रियंका शुक्ला एनआरएचएम की एमडी। अब एसीएस रेणु पिल्ले को मेडिकल एजुकेशन का सिकरेट्री बनाया गया है। वहीं, बालोद की कलेक्टर रानू साहू को वाणिज्यिक कर कमिश्नर अपाइंट हुई हैं। याने सिंहदेव के विभाग में चार महिला आईएएस।
मंत्री पर तलवार!
भूपेश सरकार के एक मंत्री के खिलाफ एक महिला ने कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से शिकायत की है। शिकायत के साथ उसने सीडी भी लगाई है। महिला ने अपने कंप्लेन में मंत्रीजी के खिलाफ गंभीर और संवेदनशील आरोप लगाई हैं। अब सबकी नजर सोनिया गांधी पर टिकी हैं कि वे अपनी सरकार के इस मंत्री के मामले में क्या निर्णय लेती हैं।
उम्मीदों की किरण
कलेक्टरों की नई पोस्टिंग में सरकार ने 2012 बैच के सभी छह आईएएस अफसरों को कलेक्टर बना दिया। जाहिर है, 12 बैच के लिए खुश होने का मौका है। लेकिन, अबकी चर्चा ये भी थी कि सरकार कलेक्टरी के लिए 2008 बैच तक क्लोज कर देगी। 2008 बैच की कलेक्टर शिखा राजपूत को सरकार ने आखिर वापिस बुला ही लिया। लेकिन, 2007 बैच के यशवंत कुमार और 2008 बैच के भीम सिंह की तारीफ करनी चाहिए कि उन्होंने अपने बैच के अफसरों में उम्मीद की किरण कायम रखीं हैं। उन्हें देखकर सात और आठ बैच वाले अभी भी कलेक्टर बनने की उम्मीद तो रख ही सकते हैं।
बिजनेस क्लास पर रोक
सरकार ने नौकरशाहों के प्लेन में बिजनेस क्लास में सफर पर रोक लगा दी है। अभी तक प्रिंसिपल सिकरेट्री और उसके उपर के अफसरों को बिजनेस क्लास में सफर की पात्रता थी। हालांकि, बाकी प्रदेशों में एसीएस को ये छूट मिलती है। छत्तीसगढ़ में भी पहले ऐसा ही था। लेकिन, रमन सरकार में फायनेंस का कीड़ा कहे जाने वाले एक प्रमुख सचिव ने आदेश में संशोधन कराकर एसीएस से डाउन कर प्रमुख सचिव की पात्रता करा लिया था। इकॉनामी क्लास की तुलना में बिजनेस क्लास का किराया करीब चार गुना अधिक होता है। हालांकि, एक बेहद सीनियर आईएएस पात्रता के बाद भी कभी बिजनेस क्लास में सफर नहीं करते। दो-एक बार अवसर ऐसे भी आएं हैं कि दिल्ली से लौटते समय वे पीछे की इकॉनामी सीट पर बैठे पाए गए और उनसे जूनियर अफसर आगे बिजनेस क्लास में। परकाष्ठा तो ये भी है कि मीटिंग की जानकारी पहले से होने के बाद भी अधिकारी प्लेन की टिकिट आखिरी समय में बुक कराते हैं, जिससे बिजनेस क्लास की 25 हजार की टिकिट कई बार 35 से 40 हजार में मिलती है। अब सरकारी खजाने से हवा में उड़ान भरना है तो चिंता काहे की।
पांच महीने का कलेक्टर
सरकार ने लंबे समय से प्रतीक्षारत प्रमोटी आईएएस छतर सिंह डेहरे को कलेक्टरी का तोहफा दिया। वे ऐसे समय पर कलेक्टर बने हैं, जब उन्होेंने उम्मीद छोड़ दी होगी। हालांकि, उनका कार्यकाल सबसे कम समय का होगा। वे इसी साल 31 अक्टूबर को रिटायर हो जाएंगे। याने अक्टूबर में गरियाबंद में नया कलेक्टर अपाइंट करना होगा।
सीएस का गुप्त दौरा
चीफ सिकरेट्री अगर किसी जिले के दौरे पर जाता है, तो उसका प्रोटोकॉल होता है। कमिश्नर, आईजी, कलेक्टर, एसपी की उपस्थिति उसमें जरूरी होती है। लेकिन, 19 मई को सीएस आरपी मंडल बिलासपुर गए तो प्रशासन के किसी अधिकारी को पता ही नहीं चला। दरअसल, वे अरपा फं्रट रिवर के रूपरेखा तैयार करने के सिलसिले में बिलासपुर पहुंचे थे। इसके चार दिन पहले अरपा का ही निरीक्षण करने पहुंचे मंडल को मिलने, जुलने वाले ने इतना घेर लिया कि इस बार किसी को बताया ही नहीं। सिर्फ नगर निगम के दो अफसर उनके साथ थे। लेकिन, मंडल आज मास्क लगाने के बाद भी अपनी पहचान छिपा नहीं पाए। सीएम भूपेश बघेल के खास टास्क पर 15 दिन में चौथी बार आज अरपा प्रोजेक्ट का जायजा लेने के बाद वे एक्स सीएम अजीत जोगी को श्रद्धासुमन अर्पित करने मरवाही सदन पहुंचे तो वहां फिर वही हुआ। बिलासपुर में पढ़े-लिखे और कलेक्टर रहने के कारण इस बार उनकी यात्रा गुप्त नहीं रह सकी।
अंत में दो सवाल आपसे
1. किस आदिवासी मंत्री की निष्ठा पर सवाल उठने लगे हैं?
2. क्या आईपीएस लेवल पर भी एक लिस्ट निकलने वाली है?
2. क्या आईपीएस लेवल पर भी एक लिस्ट निकलने वाली है?