ट्वेंटी-20 टीम
छत्तीसगढ़ बनने के बाद पहली बार ट्वेंटी-20 टीम की तरह आईएएस एसोसियेशन को फर्म किया गया है। प्रींसिपल सिकरेट्री बैजेंद्र कुमार को टीम का कैप्टन बनाया गया है। बैजेंद्र किसी की परवाह करते नहीं। बाल फास्ट हो या स्पीन, सबको एक अंदाज में ठोकते हैं। वैसे भी, इससे पहले कभी पीएस लेवल का आईएएस प्रेसिडेंट नहीं बना था। अभी नारायण सिंह थे और इससे पहले कभी सरजियस मिंज तो कभी बीेकेएस रे। ऐसा ही चलता रहा। पहले राजधानी में यूथ आईएएस पोस्टेड भी कम ही होते थे। अभी अमित कटारिया से लेकर प्रसन्ना, रजत कुमार और हाल तक ओपी चैधरी भी रायपुर में थे। सो, यूथ का वर्चस्व अबकी एसोसियेशन पर दिखा है। प्रसन्ना सिकरेट्री हैं तो अमित ज्वाइंट सिकरेट्री और रजत कुमार कोषाध्यक्ष। यहीं नहीं, जिलों में तैनात युवा आईएएस को भी कार्यकारिणी में रखा गया है। मसलन, बिलासपुर जिपं सीईओ नीरज बंसोड़। अब देखना दिलचस्प होगा कि बैजेंद्र की अगुवाई वाली ट्वेंटी-20 टीम कोई करामत दिखा पाती है?
लाल जाजम
86 बैच के आईएएस अफसर डा0 आलोक शुक्ला डेपुटेशन से लौटने वाले पहले आईएएस होंगे, जिनका सरकार ने लाल जाजम बिछा कर स्वागत किया। शुक्ला डेपुटेशन पर भारत निर्वाचन आयोग में पांच साल से डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर के पोस्ट पर तैनात थे। कार्यकाल पूरा करके वे एक जुलाई की शाम छत्तीसगढ़ लौटेंगे। और, दो को पदभार ग्रहण करेंगे। इससे हफ्ते भर पहले सरकार ने उन्हें दो-दो अहम विभागों की जिम्मेदारी दे डाली। उन्हें हेल्थ के साथ फूड जैसे विभाग दिए गए हैं। जबकि, दूसरे कई ऐसे आईएएस भी हैं, जो ठीक-ठाक पोस्टिंग के लिए ताक रहे हैं। बताते हैं, शुक्ला का वार्म वेलकम करके सरकार ने संदेश देने की कोशिश की है कि काम करने वाले अफसरों को अब वेटेज दिया जाएगा। आईएएस ही नहीं, आईपीएस और आईएफएस की पोस्टिंग में भी कुछ ऐसा ही हुआ। आखिर, पवनदेव को बिलासपुर आईजी, एसआरपी कल्लूरी को बस्तर आईजी, संजय शुक्ला को कमिश्नर हाउसिंग बोर्ड और अनिल राय को पीडब्लूडी सिकरेट्री बनाया ही गया है।
ट्रेन में कंपनी
छत्तीसगढ़ में लक्ष्मीपुत्रों द्वारा किस-किस ढंग का फर्जीवाड़ा किया जा रहा है, इसका यह एक नमूना होगा। प्रकाश लांजेवार नाम का एक बीपीएल कार्डधारी युवक ट्रेन से दुर्ग से रायपुर आ रहा था। ट्रेन में उससे एक सेठजी ने पूछा, क्या करते हो? जवाब मिला, कुछ नहीं। सेठजी बोले, हमारे साथ काम करोगे? युवक को लगा भगवान मिल गए, तपाक से हामी भर दी। इसके बाद सेठजी ने उसके नाम पर एक फर्जी कंपनी बनाई और सहकारी बैंक में उसका खाता खोलवाकर चेकबुक पर साइन करा लिया। इसके बाद उस चेकबुक के जरिये 18 करोड़ रुपए का खेल हो गया। इसके एवज में उसे चार किश्तों में मिले 17 हजार रुपए। वाणिज्य कर अफसर जब उससे 18 करोड़ के टैक्स का हिसाब पूछने उसकी झोपड़ी में पहुंचे, तो अफसर के साथ प्रकाश भी हक्का-बक्का रह गया। उसके पास 18 सौ रुपए नहीं है, वह 18 करोड़ का धंधा कैसे करेगा? चूकि, कागज-पत्तर प्रकाश के नाम पर है, इसलिए पुलिस ने उसके खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर लिया है। वाणिज्य कर विभाग ने ऐसे 32 लोगों की कुंडली तैयार की है, जिन्होंने सरकार को टैक्स देने के बजाए उल्टे सरकारी खजाने को 20 करोड़ रुपए का चूना लगा दिया।
कांग्रेस की पीसी
मध्यप्रदेश की देखादेखी छत्तीसगढ़ में पीएमटी फर्जीवाड़े के लिए कांग्रेस ने प्रेस कांफ्रेंस की तैयारी की थी। पता चला है, इसके लिए आरटीआई एक्टिविस्टों से सारे दस्तावेज मंगा लिए गए थे। मगर कांग्रेस के सूत्र ही बताते हैं, ऐन वक्त पर उपर से फोन आ गया, प्रेस कांफ्रेंस न किया जाए। और, मामले को ड्राप कर दिया गया।
तल्खी
राजकुमार कालेज में दाखिले को लेकर कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं में तल्खी बढ़ती जा रही है। वैसे भी कांग्रेस की राजनीति में दोनों एक दूसरे के विरोधी माने जाते हैं। इनमें से एक नेताजी ने दो-तीन गरीब बच्चों को आरकेसी में दाखिले के लिए रिकमांड किया था, मगर उस पर कोई सुनवाई नहीं हुई। अब, साब भन्नाए हुए हैं। और, शायद यही वजह है कि चाय-नाश्ता और सौजन्य मुलाकातों का कोई असर नहीं हो रहा है।
अभी और…..
सरकार इस बार नया प्रयोग करते हुए ट्रांसफर की जंबो लिस्ट निकालने के बजाए दो-दो, तीन-तीन नामों की सूूची निकाल रही है। सिर्फ कलेक्टरों और निगम-मंडलों की एक बड़ी लिस्ट आई थी। इसके अलावा सब छोेटी ही रही। सो, आईएएस, आईपीएस में अभी कम-से-कम दो-एक लिस्ट और आएगी। कलेक्टर भी अभी दो जिले के और बदले जाएंगे। मंत्रालय में भी कुछ और चेहरे इधर-से-उधर किए जाएंगे।
अंत में दो सवाल आपसे
1. बिलासपुर के किस बड़े होटल को एक नौकरशाह से खाने का बिल मांगना भारी पड़ गया, उसके यहां छापा पड़ गया?
2. कमल विहार-2 बनने से आम आदमी को नुकसान होगा या बड़े बिल्डरों एवं लक्ष्मीपुत्रों को, जिनकी वहां सैकड़ों एकड़ जमीन है?
2. कमल विहार-2 बनने से आम आदमी को नुकसान होगा या बड़े बिल्डरों एवं लक्ष्मीपुत्रों को, जिनकी वहां सैकड़ों एकड़ जमीन है?