36 जिले
सियासी गलियारों में यह चर्चा गरम है कि 26 जनवरी को सरकार कुछ और जिलों का ऐलान कर सकती है। अभी 27 जिले हैं। राज्य जब बनें थे, तब 16 थे। रमन सरकार ने पहली पारी में बीजापुर और नारायणपुर को बनाकर 18 किया था। और पिछले साल जनवरी में 9 और बनाए। प्रशासन को आम आदमी के और नजदीक ले जाने के लिए सत्ता के भीतर, छत्तीसगढ़ में 36 जिले की भी बातें हो रही हंै। फिलहाल, सारंगढ़ और पत्थलगांव की चर्चा ज्यादा है। सियासी पे्रक्षकों का मानना है, ऐसा करके सरकार कांग्रेस बहुल इलाके में सेंध लगाने की कोशिश करेगी। वजह, 2013 का चुनाव कुछ अलग होगा। एक-एक सीट की लड़ाई होगी। सरकार कहीं कोई कोर कसर नहीं रखना चाह रही। बहरहाल, कुछ और नए जिले बनाए गए, तो एसपी और कलेक्टरों के चेंज 26 जनवरी के बाद ही मानकर चलिये। वरना, 10 जनवरी के पहले ट्रांसफर हो जाएंगे।
माटी पुत्र
बस्तर और सरगुजा के कुलपति चयन के लिए राजभवन ने चीफ सिकरेट्री सुनील कुमार की अध्यक्षता में सर्च कमेटी बना दी है। और समझा जाता है, अगले महीने इस पर निर्णय हो जाएगा। हर बार की तरह, माटी पुत्रों को मौका देने के लिए फिर प्रेशर बनाने की मुहिम शुरू हो गई है। मगर सर्च कमेटी और राजभवन को यह ध्यान रखना होगा, जिन विश्वविद्यालयों को माटी पुत्र संभाल रहे हैं, वहां का हाल क्या है। राज्य के 80 फीसदी से अधिक विवि को वही लोग संभाल रहे हैं। वहां क्वालिटी तो भूल जाइये, एक भी ऐसा काम नहीं हुआ है, जिससे लगे कि वह विश्वविद्यालय है। इनमें से अधिकांश विवि सिर्फ डिग्री बांटने के केंद्र बनकर रह गए हैं। राजनीतिज्ञों को दबाव इस बात के लिए बनाना चाहिए कि विवि में योग्य आदमी की पोस्टिंग हो, जिससे अपना ह्यूमन रिसोर्स स्ट्रोंग हो सकें। आखिर, अमेरिका में ऐसी बातें क्यों नही होती। वहां के आधा दर्जन विश्वविद्यालयों में भारतीय कुलपति हैं। और, इसी सूबे में बिलासपुर सेंट्रल यूनिवर्सिटी के वीसी लक्ष्मण चतुर्वेदी ने कैसे टाईट करके रख दिया है। सेंट्रल यूनिवर्सिटी क्वालिटी में ही नहीं, बल्कि डिसिप्लीन में, एक नजीर बन सकता है। स्कूल से भी अधिक अनुशासन....पूरा विवि कांपता है। टीचर अगर 10 बजे की जगह 10.05 पर पहुंच गए, तो खैर नहीं। और कोई छात्र वीसी को एक एसएमएस कर दें, तो फटाक एक्शन। छेड़खानी हो जाए, तो निलंबन तय मानिये। सवाल योग्यता का है। माटी पुत्र ही सही, क्वालिटी तो होनी चाहिए।
चंेज
छत्तीसगढ़ के डीजीपी का चेम्बर देश में संभवतः अकेला होगा, जहां रिटायर एवं दिवंगत डीजीपी की बड़ी-बड़ी फोटुओं की लाइन लग गईं थीं। मोहन शुक्ला से लेकर अनिल नवानी तक। परंपरा बन गई थी, जो भी डीजीपी की कुसी पर आसीन होता, सबसे पहले फोटुओं की लाइन में अपनी एक फोटू टांग देता था। स्थिति यह हो गई थी, एक तरफ का पूरा दीवार भर गया था। शुक्र है, रामनिवास फोटू के मोह में नहीं पड़े। बल्कि, भूतपूर्व, अभूतपूर्व सबकी फोटुओं को निकलवा दिया। उन्होंने कार केट भी नहीं लिया है। उनकी सिंगल गाड़ी चलती है। विश्वरंजन के समय से पायलेटिंग और फालोगार्ड वाहन की व्यवस्था चालू हुई थी। डीजीपी अगर राजधानी से बाहर जाएं, तो समझ में आता है, लोकल में प्याव-प्याव का क्या मतलब। चलिये, रामनिवास ने आफिस और कार केट में तो चेंज कर लिया है, अब उम्मीद करनी चाहिए, पोलिसिंग भी कुछ चेंज आए।
गर्व
न्यू रायपुर की समस्याओं को लेकर भले ही उंगलियां उठाई जा रही हो, मगर सरकार को संतोष होगा कि उसके डिजाइन को देश में सराहना हो रही है। याद होगा, राज्योत्सव के मौके पर गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी ने नए मंत्रालय और न्यू रायपुर की ड्राइंग की खूब प्रशंसा की थी और उन्होंने कहा था कि इसे देखने के लिए गुजरात से अफसरों की टीम भेजेंगे। चुनाव के व्यस्त समय में भी वे इसे भूले नहीं। उनके प्रींसिपल सिकरेट्री यहां के अफसरों के संपर्क में रहे। और बुधवार को आधा दर्जन से अधिक अफसरों और आर्किटेक्ट की टीम न्यू रायपुर पहंुची और तीन दिन यहां रुककर बारिकी से एक-एक चीज को देखा। मोदी का नया सचिवालय अप्रैल तक तैयार हो जाएगा। अफसरों ने बताया, मंत्रालय के डिजाइन को मोदी के आफिस के कुछ हिस्सों में इस्तेमाल किया जाएगा।
कठिनाई
नौकरशाह से मुख्य सूचना आयुक्त बनें सरजियस मिंज की कठिनाई बढ़ सकती है। उनके खिलाफ मिली दो दर्जन से अधिक शिकायतों को राजभवन ने जांच के लिए सामान्य प्रशासन विभाग को भेज दिया है। जीएडी अब शिकायतकर्ताओं को प़त्र भेजकर शिकायत के सिलसिले में विस्तृत जानकारी मांग रहा है। मिंज के खिलाफ ताजा शिकायत हुई है, उनसे 14 लाख रुपए रिकवरी करने की। आरटीआई एसोसियेशन ने बकायदा साक्ष्य के साथ राज्यपाल से शिकायत की है कि फलां-फलां मामलों में मुख्य सूचना आयुक्त ने 25 हजार की जगह हजार-डेढ़ हजार रुपए जुर्माना लगाकर केस खतम कर दिया। और, इससे खजाने को 14 लाख से अधिक का नुकसान हुआ है।
अंत में दो सवाल आपसे
1. रमन सरकार के किस मंत्री के दिल्ली के एक मंदिर में शादी की चर्चा है?
2. चरणदास महंत केंद्रीय मंत्री बन गए है, ऐसा न कांग्रेस को लग रहा और न जनता को, ऐसा क्यों?
सियासी गलियारों में यह चर्चा गरम है कि 26 जनवरी को सरकार कुछ और जिलों का ऐलान कर सकती है। अभी 27 जिले हैं। राज्य जब बनें थे, तब 16 थे। रमन सरकार ने पहली पारी में बीजापुर और नारायणपुर को बनाकर 18 किया था। और पिछले साल जनवरी में 9 और बनाए। प्रशासन को आम आदमी के और नजदीक ले जाने के लिए सत्ता के भीतर, छत्तीसगढ़ में 36 जिले की भी बातें हो रही हंै। फिलहाल, सारंगढ़ और पत्थलगांव की चर्चा ज्यादा है। सियासी पे्रक्षकों का मानना है, ऐसा करके सरकार कांग्रेस बहुल इलाके में सेंध लगाने की कोशिश करेगी। वजह, 2013 का चुनाव कुछ अलग होगा। एक-एक सीट की लड़ाई होगी। सरकार कहीं कोई कोर कसर नहीं रखना चाह रही। बहरहाल, कुछ और नए जिले बनाए गए, तो एसपी और कलेक्टरों के चेंज 26 जनवरी के बाद ही मानकर चलिये। वरना, 10 जनवरी के पहले ट्रांसफर हो जाएंगे।
माटी पुत्र
बस्तर और सरगुजा के कुलपति चयन के लिए राजभवन ने चीफ सिकरेट्री सुनील कुमार की अध्यक्षता में सर्च कमेटी बना दी है। और समझा जाता है, अगले महीने इस पर निर्णय हो जाएगा। हर बार की तरह, माटी पुत्रों को मौका देने के लिए फिर प्रेशर बनाने की मुहिम शुरू हो गई है। मगर सर्च कमेटी और राजभवन को यह ध्यान रखना होगा, जिन विश्वविद्यालयों को माटी पुत्र संभाल रहे हैं, वहां का हाल क्या है। राज्य के 80 फीसदी से अधिक विवि को वही लोग संभाल रहे हैं। वहां क्वालिटी तो भूल जाइये, एक भी ऐसा काम नहीं हुआ है, जिससे लगे कि वह विश्वविद्यालय है। इनमें से अधिकांश विवि सिर्फ डिग्री बांटने के केंद्र बनकर रह गए हैं। राजनीतिज्ञों को दबाव इस बात के लिए बनाना चाहिए कि विवि में योग्य आदमी की पोस्टिंग हो, जिससे अपना ह्यूमन रिसोर्स स्ट्रोंग हो सकें। आखिर, अमेरिका में ऐसी बातें क्यों नही होती। वहां के आधा दर्जन विश्वविद्यालयों में भारतीय कुलपति हैं। और, इसी सूबे में बिलासपुर सेंट्रल यूनिवर्सिटी के वीसी लक्ष्मण चतुर्वेदी ने कैसे टाईट करके रख दिया है। सेंट्रल यूनिवर्सिटी क्वालिटी में ही नहीं, बल्कि डिसिप्लीन में, एक नजीर बन सकता है। स्कूल से भी अधिक अनुशासन....पूरा विवि कांपता है। टीचर अगर 10 बजे की जगह 10.05 पर पहुंच गए, तो खैर नहीं। और कोई छात्र वीसी को एक एसएमएस कर दें, तो फटाक एक्शन। छेड़खानी हो जाए, तो निलंबन तय मानिये। सवाल योग्यता का है। माटी पुत्र ही सही, क्वालिटी तो होनी चाहिए।
चंेज
छत्तीसगढ़ के डीजीपी का चेम्बर देश में संभवतः अकेला होगा, जहां रिटायर एवं दिवंगत डीजीपी की बड़ी-बड़ी फोटुओं की लाइन लग गईं थीं। मोहन शुक्ला से लेकर अनिल नवानी तक। परंपरा बन गई थी, जो भी डीजीपी की कुसी पर आसीन होता, सबसे पहले फोटुओं की लाइन में अपनी एक फोटू टांग देता था। स्थिति यह हो गई थी, एक तरफ का पूरा दीवार भर गया था। शुक्र है, रामनिवास फोटू के मोह में नहीं पड़े। बल्कि, भूतपूर्व, अभूतपूर्व सबकी फोटुओं को निकलवा दिया। उन्होंने कार केट भी नहीं लिया है। उनकी सिंगल गाड़ी चलती है। विश्वरंजन के समय से पायलेटिंग और फालोगार्ड वाहन की व्यवस्था चालू हुई थी। डीजीपी अगर राजधानी से बाहर जाएं, तो समझ में आता है, लोकल में प्याव-प्याव का क्या मतलब। चलिये, रामनिवास ने आफिस और कार केट में तो चेंज कर लिया है, अब उम्मीद करनी चाहिए, पोलिसिंग भी कुछ चेंज आए।
गर्व
न्यू रायपुर की समस्याओं को लेकर भले ही उंगलियां उठाई जा रही हो, मगर सरकार को संतोष होगा कि उसके डिजाइन को देश में सराहना हो रही है। याद होगा, राज्योत्सव के मौके पर गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी ने नए मंत्रालय और न्यू रायपुर की ड्राइंग की खूब प्रशंसा की थी और उन्होंने कहा था कि इसे देखने के लिए गुजरात से अफसरों की टीम भेजेंगे। चुनाव के व्यस्त समय में भी वे इसे भूले नहीं। उनके प्रींसिपल सिकरेट्री यहां के अफसरों के संपर्क में रहे। और बुधवार को आधा दर्जन से अधिक अफसरों और आर्किटेक्ट की टीम न्यू रायपुर पहंुची और तीन दिन यहां रुककर बारिकी से एक-एक चीज को देखा। मोदी का नया सचिवालय अप्रैल तक तैयार हो जाएगा। अफसरों ने बताया, मंत्रालय के डिजाइन को मोदी के आफिस के कुछ हिस्सों में इस्तेमाल किया जाएगा।
कठिनाई
नौकरशाह से मुख्य सूचना आयुक्त बनें सरजियस मिंज की कठिनाई बढ़ सकती है। उनके खिलाफ मिली दो दर्जन से अधिक शिकायतों को राजभवन ने जांच के लिए सामान्य प्रशासन विभाग को भेज दिया है। जीएडी अब शिकायतकर्ताओं को प़त्र भेजकर शिकायत के सिलसिले में विस्तृत जानकारी मांग रहा है। मिंज के खिलाफ ताजा शिकायत हुई है, उनसे 14 लाख रुपए रिकवरी करने की। आरटीआई एसोसियेशन ने बकायदा साक्ष्य के साथ राज्यपाल से शिकायत की है कि फलां-फलां मामलों में मुख्य सूचना आयुक्त ने 25 हजार की जगह हजार-डेढ़ हजार रुपए जुर्माना लगाकर केस खतम कर दिया। और, इससे खजाने को 14 लाख से अधिक का नुकसान हुआ है।
अंत में दो सवाल आपसे
1. रमन सरकार के किस मंत्री के दिल्ली के एक मंदिर में शादी की चर्चा है?
2. चरणदास महंत केंद्रीय मंत्री बन गए है, ऐसा न कांग्रेस को लग रहा और न जनता को, ऐसा क्यों?