तरकश, 23 अगस्त 2020
संजय के दीक्षितसंसदीय सचिव और हार के खतरे
सीएस का एक्सटेंशन
पिछले महीने इसी स्तंभ में सीएस आरपी मंडल के एक्सटेंशन का जिक्र हुआ था। राज्य सरकार ने उन्हें छह महीने सेवावृद्धि देने का प्रपोजल केंद्र को भेज दिया है। छत्तीसगढ़ बनने के बाद मंडल दूसरे सीएस होंगे, जिनके एक्सटेंशन के लिए सरकार ने प्रस्ताव भेजा है। उनके पहिले सुनील कुजूर के लिए भी सरकार ने प्रयास किया था। लेकिन, बात बनी नहीं। अभी उम्मीद कुछ ज्यादा इसलिए भी है कि कोरोना का पीरियड है। सीएम अगर प्रधानमंत्री से बात बात करें तो यह नामुमकिन नहीं है। क्योंकि, ये आपदा काल है। बहरहाल, मंडल के एक्सटेंशन के प्रस्ताव के कई मतलब निकलते हैं। एक तो सीनियर लेवल पर अफसरों की बेहद कमी है। एसीएस लेवल पर चार ही अफसर हैं। सीके खेतान, अमिताभ जैन, रेणु पिल्ले और सुब्रत साहू। ब्यूरोक्रेसी में दूसरा मतलब यह निकाला जा रहा…अमिताभ जैन के लिए संभावनाएं कहीं धूमिल तो नहीं हो रही है। अमिताभ का 2019 में 30 साल हो गया है। रेणु पिल्ले का भी अगले साल साल 30 साल हो जाएगा। लेकिन, परिस्थितियां एसीएस सुब्रत साहू के लिए अनुकूल हो रही है। सुब्रत सीएम सचिवालय में एसीएस हैं। हालांकि, उनका अभी आठ साल बाकी है। 2028 में रिटायरमेंट है। किन्तु ये भी सही है कि सीएम सचिवालय का लेवल लगने के बाद सुब्रत के लिए आगे की संभावना एक तरह से खतम हो जाएगी। स्वभाविक तौर पर कोई भी चाहेगा कि जो भी हो, इसी सरकार में हो जाए…बाद का बाद में देखा जाएगा। इसलिए, अगले सीएस की बात करें, तो सुब्रत का पलड़ा भारी दिख रहा है। ऐसे में, मंडल का एक्सटेंशन सुब्रत के लिए भी मुफीद होगा।
अफसरों को भी बत्ती
नेताओं की निगम, मंडलों में पोस्टिंग की एक बड़ी लिस्ट निकल चुकी है। दूसरी भी जल्द ही जारी होने वाली है। नेताओं को कुर्सी मिलता देख रिटायर अफसरों का मन मचल रहा है। अभी तक वे वेट कर रहे थे कि एक बार रेवड़ी बंटना चालू तो होए। अब तो मौका आ गया है। राज्य में कई ऐसे पद हैं, जिनमें रिटायर अधिकारियों को पोस्ट किया जाता है। सूचना आयोग में सूचना आयुक्त का एक पद पिछले साल से खाली है। रेरा का ट्रिब्यूनल भी बनना है। इसमें भी दो अफसर एडजस्ट हो जाएंगे। निजी विश्वविद्यालय नियामक आयोग के चेयरमैन के पद भी खाली हैं। और भी कई हैं…सरकार चाहे तो ट्रिब्यूनल और प्राधिकरण बना सकती है। कुर्सी के दावेदारों में कई रिटायर आईएएस, आईपीएस, आईएफएस अफसर शामिल हैं। आईएएस में आरआर में हालांकि, सिर्फ बैजेंद्र कुमार और केडीपी राव हैं। राव एसीएस से पिछले साल 31 अक्टूबर को रिटायर हुए थे और बैजेंद्र इसी 31 जुलाई को। बाकी प्रमोटी आईएएस में तो आधा दर्जन से अधिक हैं। आईपीएस में बड़ा नाम डीजीपी से रिटायर हुए एएन उपध्याय का है। छोटे में और कई हैं। आईएफएस में पीसीसीएफ राजेश गोवर्द्धन इस महीने रिटायर होेने वाले हैं। इनमें से लगभग सभी उम्मीद से होंगे।
सवाल तो उठते हैं
रेप की शिकायत के बाद डीएमई को हटा दिया गया। बताया गया कि उनके खिलाफ कई शिकायतें थीं। 95 लाख का गबन के केस भी था। एक दूसरे मामले मेें लाॅ डिपार्टमेंट से अभियोजन की स्वीकृति मिल गई थी। ऐसे में, सवाल तो उठते ही हैं कि मेडिकल की शिक्षा देने वाले विभाग प्रमुख के खिलाफ क्या रेप की शिकायत आने की प्रतीक्षा की जा रही थी। गबन के केस में पहले कार्रवाई क्यों नहीं की गई। उपर से रिटायरमेंट के बाद संविदा पोस्टिंग भी। जबकि, संविदा नियुक्ति की पहली शर्त होती है चाल, चलन और चेहरा साफ-सुथरा हो। कमाल है।
निहारिका छुट्टी पर
हेल्थ सिकरेट्री निहारिका बारिक लंबी छुट्टी पर जाने वाली हैं। उनके आईपीएस हसबैंड आईबी में हंैं। उनकी जर्मनी में पोस्टिंग हो गई है। लिहाजा, निहारिका भी अवकाश चाह रही हैं। उनकी छुट्टी पर जाने के बाद जाहिर है स्वास्थ्य विभाग में नए सिकरेट्री की नियुक्ति होगी। निहारिका पहली सिकरेट्री होंगी, जिनका सरकार बदलने के बाद विभाग नहीं बदला। मई 2018 में उन्हें तब हेल्थ सिकरेट्री बनाया गया था, जब सुब्रत साहू निर्वाचन में गए थे। इस सरकार ने भी उन्हें कंटीन्यू रखा। हालांकि, अमिताभ जैन के पास फायनेंस पिछली सरकार में भी था। लेकिन, उनका पीडब्लूडी बदल गया। वैसे भी फायनेंस की पोस्टिंग लंबी ही होती है। आदमी को विभाग को समझने में एकाध साल निकल जाता है। बहरहाल, निहारिका छुुट्टी पर गई तो मंत्रालय में एक छोटी लिस्ट निकलेगी।
अंत में दो सवाल आपसे
1. निगम, मंडलों की दूसरी लिस्ट जल्द आएगी या कुछ समय के लिए टल गया है?
2. निलंबित आईएएस जनकराम पाठक के खिलाफ दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला अब मौनव्रत क्यों धारण कर ली है?