रविवार, 21 सितंबर 2014

तरकश, 21 सितंबर


तरकश

पुणे से रायपुर

अमिताभ बच्चन का ग्रेट शो केबीसी रायपुर में यूं ही फाइनल नहीं हुआ। सोनी टीवी वाले इसके लिए पुणे समेत कुछ बड़े शहरों के स्टेडियम देख रहे थे। बताते हैं, मुंबई से नजदीक होने के कारण सोनी टीवी के साथ ही अमिताभ बच्चन भी पुणे को प्राथमिकता दे रहे थे। मुख्यमंत्री डा0 रमन सिंह को इसका पता चला। उन्होंने सोनी टीवी को आफर दिया, रायपुर में नेशनल लेवल का अत्याधुनिक इंडोर स्टेडियम है। आप यहां शो करें, सरकार हरसंभव मदद करेगी। इसके बाद सीएम की अमिताभ बच्चन से फोन पर बात हुई। आईपीएल के बाद चैम्पियन ट्राफी होने से अमिताभ को पता था कि रायपुर फास्ट ग्रोविंग सिटी के रुप में उभर रहा है। इसलिए, उन्होंने ओके कर दिया। इस तरह सूरत के बाद रायपुर देश का दूसरा शहर बन गया, जहां स्टूडियो के बाहर केबीसी शो होगा।

अपना रायपुर

पिछले साल आईपीएल हुआ…..अभी चैम्पियन ट्राफी चल रहा और, अगले हफ्ते ग्रेट बच्चन का केबीसी का धूम रहेगा। पिछले दो महीेने में 40 से अधिक सेलिब्रेटी रायपुर आए हैं। जाहिर है, अपना रायपुर ने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा है। पिछड़ा, आदिवासी और नक्सली राज्य मानने वाले देश के लोग हतप्रभ हैं। खासकर क्रिकेट स्टेडियम और केबीसी से। अमिताभ बच्चन यहां पूरे तीन रोज रहेंगे। देश के लोग सोनी टीवी पर रायपुर को देखेंगे। चैम्पियन ट्राफी के जरिये दुनिया भर के लोग रायपुर स्टेडियम को देख रहे हैं। बाद के मैचों में दर्शकों की संख्या भले ही कम हो गई हो, मगर पास-पड़ोस के राज्यों से भी क्रिकेट प्रेमी रायपुर आ रहे हैं। ताज, हयात जैसे पांच सितारा होटलों में 4 अक्टूबर तक रुम नहीं हैं। जिन अंतराष्ट्रीय क्रिकेट खिलाडि़यों को लोग टीवी पर देखते थे, उन्हें राजधानी के मार्केट में खरीदगारी करते हुए या माल में घूमते हुए देख रहे थे। यही नहीं, पिछले दो महीने में 40 से अधिक सेलिब्रेटी रायपुर आए हैं। रणवीर कपूर तो पिछले दिनों ही रायपुर आए थे।

किन्नरों की दुआएं

रमन कैबिनेट ने सरकारी खर्चे पर किन्नरों का लिंग परिवर्तन कराने का फैसला लिया है। इसके लिए 50 हजार से 4 लाख रुपए तक का प्रावधान किया गया है। सूबे की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्र्रेस को यही चिंता खाने लगी है। कांग्रेस नेता जानते हैं कि किन्नरों की दुआओं में बड़ा दम होता है। बिलासपुर में किन्नरों का राष्ट्रीय सम्मेलन हुआ था, तो उसमें अजीत जोगी, चरणदास महंत जैसे पार्टी के कई नेता शरीक हुए थे। और, छत्तीसगढ़ के 10 हजार से अधिक किन्नरों ने अगर रमन सिंह को दुआएं दे दी तो क्या होगा?

किस्मत की बात

पोस्टिंग और प्रमोशन के लिए इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आईएएस, आईपीएस डायरेक्ट है या प्रमोटी…..पहुंच वाला है या पहुंचहीन। आखिर, प्रमोटी आईपीएस होने के बाद भी सुभाष अत्रे 2006 में प्रींसिपल सिकरेट्री होम बनने में कामयाब हो गए थे। आईजी से एडिशनल डीजी पदोन्नत होते ही तत्कालीन चीफ सिकरेट्री आरपी बगाई ने उन्हें पीएस बनवा दिया था। मगर अब वैसी बात नहीं रही। आईएएस लाबी ज्यादा यूनाईट है। अशोक जुनेजा एडिशनल डीजी होने के बाद भी मंत्रालय में प्रींसिपल सिकरेट्री नहंीं बन पा रहे। अभी भी सिकरेट्री होम हैं। कुछ ऐसी ही स्थिति आईएफएस संजय शुक्ला की भी है। एडिशनल पीसीसीएफ होने के बाद भी वे सिकरेट्री से उपर नहीं जा पा रहे। इन दोनों ताकतवर अफसरों का ये हाल है, बाकी का क्या होगा?

जोगी का रिकार्ड टूटा

अंतागढ़ विधानसभा उपचुनाव में भाजपा के भोजराग नाग ने 53 हजार से अधिक मतों से जीत दर्ज कर पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी का रिकार्ड तोड़ दिया। सीएम बनने के बाद 2001 में हुए मरवाही उपचुनाव में जोगी 51 हजार मतों से जीते थे। हालांकि, उस समय वे सीएम थे। भाजपा विधायक रामदयाल उइके ने उनके लिए यह सीट खाली की थी। उइके के पाला बदलने से तब भाजपा ठगी से रह गई थी। अबकी, सकते में आने की बारी कांग्रेस की थी, जब पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी मंतूराम पवार ने ऐन वक्त पर मैदान छोड़ दिया। बहरहाल, सूबे में सबसे अधिक विधानसभा चुनाव जीतने का रिकार्ड भोजराज के नाम दर्ज हो गया। भाजपा का कांग्रेस से हिसाब बराबर हुआ, सो अलग।

दूसरे नम्बर पर नोटा

अंतागढ़ उपचुनाव में एक और रिकार्ड बना, वह दूसरे नम्बर पर नोटा का। वहां 13 हजार से अधिक लोगों ने नोटा का बटन दबाया। याने सेकेंड नम्बर के प्रत्याशी से एक हजार अधिक। कांग्रेस का कोइ्र्र प्रत्याशी था नहीं। भोजराज के बाद सबसे अधिक 12 हजार मत रुपधर को मिले। नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव में बस्तर के आदिवासियों ने ही नोटा का बटन दबाया था। दंतेवाड़ा में 9 हजार वोट नोटा में पड़़े थे। मगर अंतागढ़ में उससे भी आगे निकल गया। जाहिर है, अधिकारों के प्रति आदिवासी भी सजग हो रहे हैं।

अंत में दो सवाल आपसे

1. रायपुर में अगर आंबेडकर अस्पताल नहीं होता तो मीडिया वालों को लीड स्टोरी एवं ब्रेकिंग खबरें कहां से मिलती?
2. राजधानी के एक बड़े उद्योगपति का नाम बताए, जिसकी कलम विहार-2 के नाम पर 100 एकड़ जमीन का लेआउट रोक दिया गया था, और बाद में उपर लेवल पर समझौते के बाद उसे क्लियर कर दिया गया?

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