संजय के दीक्षित
तरकश, 2 अगस्त 2020
आईएएस की सर्विस औसतन 30 बरस मानी जाती है। दो-चार साल ज्यादा होता भी है तो वो प्रोबेशन में निकल जाता है। इन 30 साल में अमूमन सभी अफसरों के दस बरस कमाल के होते हैं। यानी तब इनके सितारे बुलंद होते हैं। जितना नाम, धन अर्जित करते हैं, वो इसी पीरियड में। इसके बाद 10 बरस औसत। और बचा 10 बरस बेहद बैड। छत्तीसगढ़ में भी 20 बरस में यही देखने को मिला है। नौकरशाह भी इसके लिए मेंटली तैयार होते हैं। क्योंकि, मसूरी ट्रेनिंग के दौरान उन्हें इनडायरेक्टली इसके टिप्स मिल जाते हैं।
तरकश, 2 अगस्त 2020
आईएएस की सर्विस औसतन 30 बरस मानी जाती है। दो-चार साल ज्यादा होता भी है तो वो प्रोबेशन में निकल जाता है। इन 30 साल में अमूमन सभी अफसरों के दस बरस कमाल के होते हैं। यानी तब इनके सितारे बुलंद होते हैं। जितना नाम, धन अर्जित करते हैं, वो इसी पीरियड में। इसके बाद 10 बरस औसत। और बचा 10 बरस बेहद बैड। छत्तीसगढ़ में भी 20 बरस में यही देखने को मिला है। नौकरशाह भी इसके लिए मेंटली तैयार होते हैं। क्योंकि, मसूरी ट्रेनिंग के दौरान उन्हें इनडायरेक्टली इसके टिप्स मिल जाते हैं।
आईएएस के 2005 बैच
एक समय था…जब आईएएस के 2005 बैच की तूती बोलती थी। पावरफुल पदों पर 2005 बैच के अफसर पोस्टेड थे। रजत कुमार, मुकेश बंसल सीएम सचिवालय में, राजेश टोप्पो कमिश्नर पब्लिक रिलेशंस। ओपी चौधरी रायपुर और संगीता आर दुर्ग की कलेक्टर। एस प्रकाश एजुकेशन के होलसोल । इनमें से रजत और मुकेश सेंट्रल डेपुटेशन पर चले गए। संगीता कहां हैं, पता नहीं। प्रकाश का नाम जेहन में नहीं। ओपी इस्तीफा देकर बीजेपी लीडर बन गए। राजेश टोप्पो का नाम भी विस्मित समान है। फिलहाल, तो छत्तीसगढ़ में इस बैच का झंडा उठाने वाला कोई नहीं बचा है।
कलेक्टरों को मार्गदर्शन नहीं
कलेक्टरों की वीडियोकांफ्रेंसिंग में चीफ सिकरेट्री आरपी मंडल कुछ जिलों में गोठानों का काम ठीक से न आपरेट होने पर नाराज दिखे। एक कलेक्टर ने उनसे जब गोठान मामले पर सीएस से मार्गदर्शन मांगा तो मंडल ने कहा…मिस्टर! कलेक्टरों को मागदर्शन नहीं, निर्देश दिए जाते हैं। इसके बाद वीडियोकांफ्रेंसिंग में सन्नाटा पसर गया। इस बार का कलेक्टर कांफ्रेंस मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की महत्वाकाक्षी योजना गोधन न्याय पर केंदित रहा।
सेल्फ ब्रांडिंग
कुछ जिलों के कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों का सोशल मीडिया प्रेम फिर जागने लगा हैं। कभी किसी खेत में किसान बनकर धान बोते तो कभी खेत जोतते फोटो। हालांकि, पिछली सरकार में ये सब आम बात थी। कलेक्टर सरकार की योजनाओं को जमीन पर नहीं, सोशल मीडिया में आॅपरेट करते थे। सरकार को इसका खामियाजा भी उठाना पड़ा। सरकार बदलने के बाद हालांकि, अफसरों का सोशल मीडिया प्रेम कम हुआ था। लेकिन, अब फिर सोशल मीडिया में अफसरों की फोटुएं वायरल होने लगी हैं।
सीनियर को कमान
गोधन न्याय योजना को सरकार कितनी अहमियत दे रही है, इससे पता चलता है कि हितग्राहियों को भुगतान करने में कोई दिक्कत न हो, सरकार ने एडिशनल चीफ सिकरेट्री फायनेंस अमिताभ जैन की अध्यक्षता में सिकरेट्रीज की चार सदस्यीय कमेटी बना दी है। अमिताभ मतलब सीनियरिटी में चीफ सिकरेट्री आरपी मंडल के बाद दूसरे नम्बर के आईएएस…राज्य के खाजांची। अमिताभ के अलावा प्रिंसिपल सिकरेट्री पंचायत गौरव द्विवेदी, एपीसी एम गीता और सहकारिता सचिव प्रसन्ना आर इस कमेटी के मेम्बर हैं। सीएस कलेक्टरों की वीसी ले रहे हैं। इससे सरकार की प्रायरिटी समझी जा सकती है।
440 वोल्ट का झटका
डीआईजी आरिफ शेख के ईओडब्लू, एसीबी चीफ बनने से पहले जिन दो दर्जन इंस्पेक्टरोें, सब इंस्पेक्टरों ने जिस प्लानिंग से अपनी सेवाएं पुलिस विभाग में वापिस करा ली थी, उन्हें सरकार ने 440 वोल्ट का झटका दे दिया। पुलिस हेडक्वार्टर ने सभी की बस्तर रवानगी डाल दी। पहले वाली सरकार होती तो इनमें से कई कोर्ट चल दिए होते, किन्तु इस सरकार के तेवर को देखते बिना अगर-मगर किए सबने दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा ज्वाईन कर लिया है।
अलेक्स का हार्ड लक
कोविड ने आईएएस अलेक्स पाल मेनन के हायर स्टडी के लिए यूएस जाने पर ब्रेक लगा दिया। अलेक्स का हार्वर्ड, कोलंबिया समेत यूएस के चार टाॅप के इंस्टिट्यूट में सलेक्शन हुआ था। उन्होंने हार्वर्ड जाने की तैयारी भी शुरू कर दी थी। लेकिन, इसी बीच कोरोना आ गया। ऐसे में, मेनन को यूएस जाने का प्लान केंसिल करना पड़ा। हालांकि, इस चक्कर में उनका नुकसान भी हुआ। चूकि जीएडी को पता था कि उन्हें हार्वर्ड जाना है, इसलिए ढंग का विभाग नहीं मिला। अब जब क्लियर हो गया है कि मेनन यूएस नहीं जा रहे तो सरकार ने उन्हें लेबर कमिश्नर बनाया है। चलिये, सोनमणि बोरा को भी एक सहयोगी मिल गया।
मान्यता की तलवार
भारत सरकार ने कोरोना पर अल्टीमेटम देकर देश भर के मेडिकल काॅलेजों की चिंता बढ़ा दी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि जो मेडिकल काॅलेज कोविड-19 के टेस्टिंग लेब चालू नहीं करेंगे, अगले साल उन्हें मान्यता नहीं दी जाएगी। इसके बाद बिलासपुर, राजनांदगांव और अंबिकापुर मेडिकल काॅलेजों ने टेस्टिंग शुरू कर दी है। बचे काॅलेजों को भी अगर अगले साल की मान्यता चाहिए तो जल्द टेस्टिंग शुरू करनी पड़ेगी।
गोबर का क्रेज
सरकार ने जब से गोबर खरीदना शुरू किया है, बेस्ट मैटेरियल समझा जाने वाला गोबर का क्रेज काफी बढ़ गया है। आलम यह है कि इसकी अब चोरी भी शुरू हो गई है। मुंगेली जिले के कुछ गोठानों से पिछले हफ्ते गोबर की चोरी हो गई। सुना है, इसके लिए वहां के कलेक्टर पीएस एल्मा बेहद परेशान हैं।
पति का विभाग पत्नी को
प्रिंसिपल सिकरेट्री मनिंदर कौर द्विवेदी को सरकार ने आखिरकार पोस्टिंग दे दी। जेम्स एन ज्वेलरी पार्क मामले में सरकार ने उनसे सारे विभाग ले लिया था। हालांकि, पिछले महीने जब प्रभारी सचिव का दायित्व सौंपा तो समझ में आ गया था कि उन्हें विभाग भी मिल सकता है। मनिंदर को वाणिज्यिक कर और ग्रामोद्योग विभाग मिला है। वाणिज्यिक कर उनके हैसबैंड गौरव द्विवेदी के पास था।
महिला आईएएस
स्वास्थ्य, पंचायत और वाणिज्यिक कर मंत्री टीएस सिंहदेव के विभाग में महिला आईएएस की संख्या बढ़ती जा रही है। रेणु पिल्ले, निहारिका बारिक, प्रियंका शुक्ला, रानू साहू के बाद अब मनिंदर कौर द्विवेदी की पोस्टिंग हुई है।
अंत में दो सवाल आपसे
1. वीडियोकांफ्रेंसिंग में चीफ सिकरेट्री ने किस कलेक्टर को हैवीवेट कलेक्टर कहा?
2. सरकार ने गोबर खरीदी कमेटी का मुखिया एसीएस अमिताभ जैन को बनाया है तो इसके क्या मायने निकालने चाहिए?
2. सरकार ने गोबर खरीदी कमेटी का मुखिया एसीएस अमिताभ जैन को बनाया है तो इसके क्या मायने निकालने चाहिए?
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