यूरोप टूर में ब्रेक
सीएम ने एडिशनल चीफ सिकरेट्री अजय सिंह का यूरोप विजिट ऐन वक्त पर रोक दिया। स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल के साथ चार देशों की यात्रा का प्लान उन्होंने ही बनाया था। पूरी तैयारी हो गई थी। दो बार दिल्ली जाकर वीसा बनवाया। पत्नी का टिकिट जेब से करवाया गया। लगेज तैयार था। शुभकामनाएं भी मिलनी शुरू हो गई थी। मगर सीएम ने यह कहते हुए दौरे में ब्रेक लगा दिया कि बारिश के समय में एग्रीकल्चर प्रोडक्शन कमिश्नर को बाहर नहीं जाना चाहिए। हालांकि, सरकार ने इससे पहले, अजय सिंह से हेल्थ लेकर वहां डा0 आलोक शुक्ला बिठा दिया था। अब, हेल्थ का ही ट्रीप था और अजय सिंह हेल्थ में नहीं होते तो विदेश कैसे जाते। सो, दो-दो ठोस वजहें थीं। ऐसे में उन्हें भला इजाजत कैसे मिलती।
अच्छे दिन आयो रे
लगभग एक साल तक गर्दिशों में दिन गुजारने के बाद प्रीसिपल सिकरेट्री लेवल के आईएएस केडीपी राव के लगते हैं, अच्छे दिन आ गए हैं। सरकार ने उन्हें माध्यमिक शिक्षा मंडल का चेयरमैन बनाया है। चीफ सिकरेट्री रैंक के इस पोस्ट पर हालांकि, वे पहले भी रह चुके हैं। मगर इसमें हीट यह है कि चीफ सिकरेट्री विवेक ढांड उनकी आजकल खूब तारीफ कर रहे हैं। निवर्तमान राज्यपाल शेखर दत्त ने इसी हफ्ते आला अधिकारियों समेत राजधानी के कुछ गणमान्य लोगों को भोज पर आमंत्रित किया था। इस दौरान ढांड ने कहा कि केडीपी गजब का अफसर है……माध्यमिक शिक्षा मंडल में आउट स्टैंडिंग काम किया था। अब, सीएस की तारीफ का ब्यूरोक्रेट्स जो भी मतलब निकाले, मान कर चलिये, केडीपी के दुख के दिन गयो रे।
प्रमोशन
राजनांदगांव एसपी संजीव शुक्ला के काम को देखते सरकार उनका प्रमोशन दे सकती है। पता चला है, उन्हें दुर्ग का कप्तान बनाने पर विचार किया जा रहा है। दुर्ग के एसपी डा0 आनंद छाबड़ा का दो साल हो भी गया है। संजीव के राजनांदगांव से शिफ्थ होने पर जाहिर है, राजनांदगांव में भी पोस्टिंग होगी। सो, एक चेन बनेगा। इसमें दो-एक और जिलेे के एसपी भी प्रभावित होंगे।
कलेक्टर भी
कलेक्टर्स की एक लिस्ट और निकलेगी। राजनांदगांव कलेक्टर अशोक अग्रवाल का कोई विकल्प नहीं मिल रहा है। नए-पुराने अधिकांश आईएएस तीन-चार किश्तों में हुई पोस्टिंग में किसी-न-किसी जिले में एडजस्ट हो चुके हैं। बलौदाबाजार कलेक्टर सुकुमार टोप्पो का भी टेन्योर हो गया है। वहां भी चेंज होना लगभग तय है।
पुलिस का वजन
सत्ता के गलियारे में पुलिस का वजन एक बार फिर से बढ़ने लगा है। सरकार ने एडीजी अशोक जुनेजा का कमिश्नर स्पोट्र्स की कमान सौंप दी है। वरना, पिछले साल आईपीएल के समय सरकार ने पहली बार यह पोस्ट आईएएस के हवाले कर दी थी। तब गुटबाजी चरम पर थी। कामनवेल्थ गेम्स के सिक्युरिटी एजवाइजर का अनुभव रखने वाले जुनेजा को तत्कालीन सीएस सुनिल कुमार ने आईपीएल से जोड़ने की कोशिश की थी। मगर ऐसा नहीं हो सका था। लेकिन, पुलिस महकमे के लिए राहत की बात है कि यह पोस्ट अब फिर से आईपीएस के पास आ गई है। छत्तीसगढ़ में प्रस्तावित नेशनल गेम्स के चलते जुनेजा को यह अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है।
डब्लूसीएल भी
कोल मिनिस्ट्री ने साउथ ईस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड के चीफ विजिलेंस आफिसर जनार्दन राव को वेस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड के चीफ विजिलेंस का अतिरिक्त प्रभार दिया है। वहां के सीवीओ एसके गुप्ता का तीन साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद कोयला मंत्रालय ने उन्हें एक्सटेंशन नहीं दिया। रिकार्ड बढि़यां रहने पर आमतौर पर एक्सटेंशन मिल जाता है। राव 92 बैच के एमपी कैडर के आईपीएस हैं। अविभाजित मध्यप्रदेश के दौरान वे सरगुजा, कोरबा, रायपुर एवं बस्तर में एडिशनल एसी, कमांडेंट के रूप में सेवा दे चुके हैं।
गुटबाजी
मध्यप्रदेश में सत्यदेव कटारे ने अकेले ही शिवराज सिंह को हिला दिया है। भोपाल में पिछले हफ्ते गजब का प्रदर्शन हुआ। खुद कटारे ने पुलिस की लाठियां खाई। उसे देखते यहां भी लग रहा था कि राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन अबकी कुछ हटके होगा। मगर यहां मामला खानापूर्ति से आगे नहीं ब़ढ़ सका। पुलिस वालों ने जो रास्ता तय किया था, उसी रास्ते से कांग्रेसी आगे बढ़े। बाद में, गिरफ्तारी की रस्म अदायगी की गई। अपने-अपने कार्यकर्ताओं के साथ नेताओं ने गिरफ्तारी दी। कुछ कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने माहौल बनाने की कोशिश की तो पुलिस वालों ने उन्हें भाव नहीं दिया। याने पकड़ने-वकड़ने का प्रयास नहीं किया।
अंत में दो सवाल आपसे
1. एनआरडीए के सीईओ अमित कटारिया यह बात स्पष्ट क्यों नहीं करते कि वे एक रुपए वेतन लेते हैं या पूरा?
2. एक एसपी का नाम बताइये, जिन्होंने रिश्वत मांगने वाले चैकी प्रभारी की डंडे से जमकर ठुकाई कर डाली?
2. एक एसपी का नाम बताइये, जिन्होंने रिश्वत मांगने वाले चैकी प्रभारी की डंडे से जमकर ठुकाई कर डाली?
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