संजय के दीक्षित
तरकश, 6 दिसंबर 2020
रिटायर सीएस आरपी मंडल को सरकार ने एनआरडीए का चेयरमैन बनाया है। यह पहला मौका होगा, जब किसी रिटायर सीएस को एनआरडीए में पोस्टिंग दी गई है। वो भी चेयरमैन के तौर पर। छत्तीसगढ़ की ब्यूरोक्रेसी इससे खुश है कि आईएएस के पोस्ट रिटायरमेंट पोस्टिंग के लिए सूबे में एक और पोस्ट क्रियेट हुआ। अभी तक सीएस से रिटायर होने वाले अफसरों के लिए प्रदेश में तीन पद थे। रेरा चेयरमैन, मुख्य सूचना आयुक्त और चेयरमैन इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन। रिटायर सीएस अजय सिंह को सरकर ने प्लानिंग कमीशन में ही कंटीन्यू कर दिया। और अब आरपी मंडल के लिए एनआरडीए। याने रिटायर्ड सीएस, एसीएस के लिए अब पूरे पांच पद हो गए। जाहिर है, नौकरशाहों का सरकार पर भरोसा बढ़ा है...पोस्ट का टोटा ही क्यों न हो, पारफारमेंस बेहतर हो तो पोस्ट रिटायरमेंट पोस्टिंग की दिक्कत नहीं होगी।
एक माईनस?
अगले बरस अप्रैल में इलेक्ट्रिीसिटी रेगुलेटरी कमीशन से डीएस मिश्रा रिटायर हो जाएंगे। ब्यूरोक्रेसी में अटकलों का दौर जारी है....आरपी मंडल एनआरडीए छोड़कर इस पांच साल के संवैधानिक पोस्ट पर आना चाहेंगे। आयोग में रहने का मतबल ये है कि बीच में कोई हटा नहीं सकता। लेकिन, फील्ड में काम करने वाले मंडल लगता नहीं कि कमीशन में आना चाहेंगे। अलबत्ता, सुनने को ये मिल रहा कि इस बार रेगुलेटरी कमीशन में किसी आईएएस को बिठाने की बजाए एक इंजीनियर को चेयरमैन बनाया जाएगा। यानी ब्यूरोक्रेसी को एनआरडीए का एक पद मिला तो एक हाथ से निकल जाएगा।
अघोर पीठ में सीएम
सीएम भूपेश बघेल आज जशपुर प्रवास में सोगड़ा के प्रसिद्ध अघोरेश्वर भगवान राम आश्रम गए। वहां उन्होंने मां काली की पूजा-अर्चना की। सोगड़ा आश्रम उस समय चर्चा में आया था, जब चंद्रशेखर अघोरेश्वर बाबा से मिलने पहुंचे थे। बाबा ने उन्हें, प्रधानमंत्रीजी कैसे हैं, कहकर संबोधित किया तो लोग आवाक रह गए थे। इसके पखवाड़े भर बाद चंद्रशेखर पीएम बन गए थे। हालांकि, बाद में चंद्रशेखर की किसी बात से बाबा नाराज हो गए। चंद्रशेखर तब तीन दिनों तक आश्रम के बाद पैरा पर बैठे रहे, लेकिन, बाबा उनके नहीं मिले। उस समय सारे नेशनल अखबारों में चंद्रशेखर के पैरा पर बैठे फोटो छपी थी। बाबा संभव राम अब ट्रस्ट के प्रमुख हैं। देश के बड़े-बड़े राजनेता और नौकरशाह उनके भक्तों में शामिल हैं। कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया भी कुछ दिन पहले उनके आश्रम गए थे।
आईजी का गुस्सा
रायपुर आईजी डाॅ0 आनंद छाबड़ा सौम्य और शालीन पुलिस अधिकारी के तौर पर जाने जाते हैं। लेकिन, शुक्रवार को राजधानी पुलिस की बैठक में उनका गुस्सा भड़़क गया। उनके निशाने पर सीएसपी, एडिशनल एसपी थे। उन्होंने साफ तौर पर चेता दिया कि राजधानी में अगर अपराधों को काबू नहीं किया गया तो अब खैर नहीं। छाबड़ा पुलिस की इस लापरवाही पर भी बेहद खफा नजर आए कि एक वीवीआईपी का परिवार एयरपोर्ट पर आया और एक सिपाही तक वहां नहीं पहुचा। जबकि, वीवीआईपी के निवास से सिविल लाईन पुलिस को इसकी जानकारी दी गई थी। कायदे से सिविल लाईन पुलिस को माना थाने को इसकी खबर देनी थी। लेकिन, माना थाने तक सूचना पहुंची नहीं।
तीनों विभाग
पहली बार पीडब्लूडी, इरीगेशन और पीएचई, तीनों वक्र्स डिपार्टमेंट सीएम सचिवालय के पास चला गया है। पीडब्लूडी पहले से सिद्धार्थ परदेशी के पास था। पिछले महीने उन्हें पीएचई मिला और अब सुब्रत साहू को इरीगेशन। तीनों महत्वपूर्ण विभाग सीएम सचिवालय के पास आ जाने से जाहिर है, इन विभागों का काम अब रफ्तार पकड़ेगा। पिछली सरकार में भी पीडब्लूडी सीएम सचिवालय में ही रहा। सिकरेट्री टू सीएम सुबोध सिंह के पास पीडब्लूडी था।
एक अफसर, और....
अबकी पोस्टिंग में सरकार ने एक काम और अच्छा किया है, सेम नेचर की तीन हाउसिंग एंड डेवलपमेंट एजेंसियों की कमान एक आईएएस को सौंप दिया है। अय्याज तंबोली के पास हाउसिंग बोर्ड और आरडीए के साथ अब एनआरडीए भी मिल गया है। इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ। हाउसिंग बोर्ड, आरडीए और एनआरडीए तीनों के कमिश्नर और सीईओ अलग-अलग अफसर होते थे। सरकार का मानना है, एक अफसर होने के कारण तीनों एजेंसियां अब बेहतर तालमेल के साथ काम करेंगी।
अहम जिम्मेदारी
2006 बैच के आईएएस अंकित आनंद को सरकार ने बड़ी जिम्मेदारी दे दी। उन्हें सिकरेट्री इनर्जी के साथ ही बिजली कंपनियों का चेयरमैन बनाया गया है। हालांकि, सरकार बदलने के कुछ दिन बाद शिवराज सिंह ने बिजली कंपनियों के चेयरमैन का पद छोड़ा था, तब अंकित को इसकी जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन, शायद यह समझते हुए सरकार ने एक हफ्ते में निर्णय बदल दिया था कि अंकित इसके लिए जूनियर हो जाएंगे। तब गौरव द्विवेदी को उर्जा विभाग और बिजली कंपनियों का दायित्व सौंप दिया था। लेकिन, अब दोनों जिम्मेदारियां फिर से अंकित को मिल गई है। अंकित लो प्रोफाइल में बड़े काम करने वाले आईएएस माने जाते हैं।
मंडल का झटका
एनआरडीए की कमान संभालते ही आरपी मंडल ने किराये पर चल रहीं 11 इनोवा गाड़ियों का कंट्रेक्ट खतम करने का आदेश दिया है। उन्हें पता चला था कि असिस्टेंट इंजीनियर लेवल के अफसर 50 हजार रुपए किराये के इनोवा में तफरी कर रहे हैं। मंडल ने डेपुटेशन पर काम कर रहे इंजीनियरों को भी उनके विभागों में वापिस भेजने कहा है। बिजली कंपनियों के कई अधिकारी लंबे समय से जैक के जरिये एनआरडीए में जमे हुए हैं। जबकि, उनके पास काम नहीं है। दरअसल, वल्र्ड लेवल का शहर बनाने का ख्वाब दिखाने वाले एनआरडीए की माली हालात इतनी खराब हो गई है कि उसके पास बिजली बिल जमा करने के पैसे नहीं हैं। एनआडीए का बिजली बिल करीब एक करोड़ आता है। छह महीने में बकाया बढ़कर छह करोड़ हो गया है। मंडल ने ताकीद की है...मैं भी स्वीफ्ट डिजायर में चलूंगा और अफसर भी। इसके उपर कोई गाड़ी नहंी रहेगी। किराये की तो बिल्कुल नहीं।
महिला सचिव
छत्तीसगढ़ सरकार के खजाने की चाबी अब महिला आईएएस अलरमेल मंगई के पास आ गई है। अमिताभ जैन के चीफ सिकरेट्री बनने से पहिले ही सरकार ने मंगई को फायनेंस में सिकरेट्री बना दिया था। अमिताभ के पद छोड़ने के बाद मंगई सचिव वित्त का काम संभाल लिया है। इससे पहिले छत्तीसगढ़ में कोई महिला आईएएस सिकरेट्री फायनेंस नहीं रहीं, अविभाजित मध्यप्रदेश में भी किसी को याद नहीं कि वहां कभी कोई महिला फायनेंस सिकरेट्री रही हो। दरअसल, फायनेंस आसान विभाग नहीं माना जाता। इसमें काफी तपना पड़ता है। बहरहाल, महिलाएं पैसा-कौड़ी खर्च करने के मामले में मितव्ययी मानी जाती है। इस दृष्टि से इसे सीएम का अच्छा फैसला कहा जा सकता है।
रिश्तेदार भी सुरक्षित
छत्तीसगढ़ का पत्रकार सुरक्षा कानून विस के शीत सत्र में पेश हो जाएगा। यह कानून सबसे अलग होगा, जिसमें पत्रकार के साथ उनके रिश्तेदार और पड़ोसी तक उसके दायरे में आएंगे। पत्रकार अगर रिपोर्ट करेगा कि खबर प्रकाशित करने को लेकर उसके रिश्तेदार और पड़ोसियों को धमकाया जा रहा तो वह भी सुरक्षा कानून के दायरे में आएगा। चलिये, सीएम के पास मीडिया से जुड़े दो-दो एडवाइजर हैं तो इतना तो बनता ही है।
अंत में दो सवाल आपसे
1. सचिवालय में सत्ता बदलने के साथ सिकरेट्री की एक लिस्ट निकल गई, पुलिस महकमे की लिस्ट कब निकलेगी?
2. किस मंत्री का नम्बर दो-एक महीनों में काफी कम हुआ है?
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