नया नजारा
प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने अनुशासनहीनता के मामले में कड़े तेवर दिखाते हुए दो विधायकों को भले ही निलंबित कर दिया मगर वे अब पार्टी के लिए मुसीबत का सबब बनने वाले हैं। खास तौर से पीसीसी चीफ भूपेश बघेल और लीडर आपोजिशन टीएस सिंहदेव के लिए। सूत्रों की मानें तो निलंबित विधायक सियाराम कौशिक और आरके राय निलंबन समाप्त कराने के लिए चिरौरी नहीं करेंगे बल्कि, निलंबित रहकर पार्टी के क्षत्रपों को बेपर्दा करेंगे।़ विधानसभा के बजट सत्र में इसकी झलक देखने को मिलेगी। जब कौशिक और राय अपनी ही पार्टी के नेताओं पर तीर बरसाएंगे। सो, लोगों को अबकी सदन में नया नजारा देखने को मिलेगा। पहला मौका होगा, जब विपक्ष के भीतर ही एक-दूसरे पर तीर चलेंगे…..आरोप-प्रत्यारोप होंगे। जाहिर है, बजट सत्र अबकी काफी दिलचस्प रहेगा। सताधारी पार्टी के लिए इससे बढि़यां बात क्या होगी।
गुड न्यूज
छत्तीसगढ़ अब सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होने जा रहा है। बिलासपुर के चकरभाटा में सैन्य छावनी पर काम शुरू हो गया है। और, इधर रायपुर में एयरफोर्स का बेस स्टेशन बनाने की भी भारत सरकार ने मंजूरी दे दी है। बताते हैं, मुख्यमंत्री डा0 रमन सिंह ने इसके लिए डिफेंस मिनिस्टर से आग्रह किया था। रायपुर न केवल एयरफोर्स के लड़ाकू विमानों का रिफ्यूलिंग सेंटर होगा, बल्कि एयरफोर्स के मारक विमानों के साथ ही साजो सामान का भंडारण केंद्र भी होगा। एयरफोर्स इसके लिए माना एयरपोर्ट का इस्तेमाल किया करेगा। यहां से उड़कर हवा में ही विमानों में रिफ्यूलिंग किया जाएगा। यही नहीं, रायपुर में एयरफोर्स के 10 हजार जवानों का कैम्प भी होगा। सीएम के निर्देश पर अफसरों ने तत्परता से नए रायपुर में एयरफोर्स को एक हजार एकड़ जमीन अलाट कर दिया है।
15 के बाद
पंचायत चुनाव के कारण लटकी प्रशासनिक सर्जरी अब 15 के बाद ही हो पाएगी। शनिवार शाम सीएम दिल्ली जा रहे हैं। वे 11 की शाम लौटेंगे। 15 को रेल मंत्री आ रहे हैं। उनके साथ रेल कारिडोर पर अहम मंत्रणा होने वाली है। सो, उसकी भी व्यापक तैयारी होगी। सीएम के करीबी सूत्रों का कहना है कि अब 15 के बाद ही फेरबदल होगा।
मंत्रिमंडल का पुनगर्ठन
प्रशासनिक सर्जरी की तरह मंत्रिमंडल का पुनगर्ठन भी विधानसभा के बजट सत्र तक टल जाए, तो अचरज नहीं। हालांकि, मीडिया में इसको लेकर जबर्दस्त अटकलें है। मगर उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो अभी इस पर कोई चर्चा नहीं है। बजट सत्र महत्वपूर्ण होता है। इसके पहले अगर मंत्रियों का नए सिरे से विभाग बंटवारा होगा, तो पारफारमेंस पर असर पड़ेगा। सो, इस बात से इंकार नहीं किया जा रहा कि बजट सत्र के बाद ही अब परिवर्तन हो पाए।
प्रेम में निलंबन
सूबे में एक भृत्य को डिप्टी कलेक्टर से प्रेम का इजहार करना भारी पड़ गया। बताते हैं, एक डिप्टी कलेक्टर के प्रति उसके मन मेें कुछ-कुछ होने लगा था। और, मौका देखकर उसने इसे व्यक्त कर दी। जाहिर है, इसका खामियाजा तो उसे भुगतना ही था। मैडम ने कलेक्टर से बोलकर उसे फौरन निलंबित करा दिया।
अप्रिय प्रसंग
सरकार में बैठे अफसर ही सरकार की भद पिटवाने की कोई कसर नहीं छोड़ रहे। दंतेवाड़ा कलेक्टर सेनापति के मामले में तो यही लगता है। सामान्य प्रशासन विभाग ने एक ओर तो सेनापति से लिखित में कहा कि वे चुनाव आयोग से परमिशन लेकर मनरेगा का अवार्ड लेेने दिल्ली जाएं और दूसरी ओर आला अफसरों ने फोन पर उन्हें मौखिक अनुमति दे दी। असल में, राज्य निर्वाचन आयुक्त पीसी दलेई को अफसरों ने बेहद हल्के में लिया। यहां तक कि दलेई ने सेनापति के खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखा तो उसे भी तवज्जो नहीं दिया गया। बताते हैं, दलेई ने निर्वाचन आयोग की गरिमा बनाए रखने के लिए जीएडी के अफसरों से आग्रह किया कि वे सेनापति के खिलाफ सांकेतिक कार्रवाई ही कर दे। लेकिन, जीएडी से उन्हें कोई रिस्पांस नहीं मिला। तो जाकर आयोग ने सेनापति के निर्वाचन अधिकार सीज कर लिए। छत्तीसगढ़ में इस तरह का पहला वाकया हुआ, जब आप कलेक्टर तो रहोगे मगर चुनाव नहीं कराओगे। इस पूरे एपीसोड में भद किसकी पिटी। सरकार की ही न। मैसेज तो यही जाएगा कि छत्तीसगढ़ में संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा का खयाल नहीं रखा जा रहा। अफसर चाहते तो इस अप्रिय प्रसंग को रोक सकते थे।
अब कोर्ट में
सेनापति प्रकरण को कांग्रेस कोर्ट में ले जाने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस ने इसे मुद्दा बनाया है कि पंचायत विभाग ने सेनापति को दिल्ली जाने की इजाजत नहीं दी तो अवार्ड लेने कैसे चले गए। आखिर, नारायणपुर के कलेक्टर तो नहीं गए। पंचायत विभाग ने दंतेवाड़ा जिला पंचायत के सीईओ को पुरस्कार लेने के लिए अधिकृत किया था। फिर, सेनापति ने उसे ओवरलुक कर खुद कैसे चले गए। पंचायत चुनाव के दौरान बिना किसी को चार्ज दिए वे जिले से बाहर रहे। जबकि, दंतेवाड़ा नक्सल दृष्टि से भी संवेदनशील जिला है। याने बड़ों के चक्कर में सेनापति की मुश्किलें भी बढ़ सकती है। सीआर में दर्ज होगा, सो अलग।
पावर में अदानी
अदानी ग्रुप का कारोबार अब छत्तीसगढ़ में पसरने लगा है। अभी तक ग्रुप के पास सरगुजा में कोयल के खनन काम था। मगर हाल ही में उसने रायगढ़ जिले में स्थित कोरबा वेस्ट पावर को टेकओवर किया है।
अंत में दो सवाल आपसे
1. मुख्यमंत्री ने कहा, जो चुनाव जीतवाते थे, वे अब हरवा रहे हैं, उनका इशारा किसके ओर था?
2. मुख्यमंत्री और नगरीय प्रशासन मंत्री के बीच तनातनी की बातें कहां से क्रियेट कराई जा रही?
2. मुख्यमंत्री और नगरीय प्रशासन मंत्री के बीच तनातनी की बातें कहां से क्रियेट कराई जा रही?
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