22 मई
संजय दीक्षित
प्रदेश का मुखिया भले ही सफारी गाड़ी में चलें मगर मंत्रियों को चाहिए फारचुनर। सिर्फ पैदाइशी समृद्ध मंत्री अमर अग्रवाल गाड़ी के मामले में कमजोर हैं। उनके पास आठ लाख वाला डस्टर है। बाकी सबके पास 22 लाख का फारचुनर हैं या उसके बराबर की गाड़ी। दयालदास बघेल तक फारचुनर में चलते हैं। ऐसे में, श्रम एवं खेल मंत्री भैयालाल राजवाड़े यदि फारचुनर मांग रहे हैं तो गलत क्या है। पिछले हफ्ते लेबर विभाग के अफसरों को बुलाकर अपना दर्द शेयर किया…..बोले, उनके समर्थक कहते हैं कि बाकी मंत्री फारचुनर में चलते हैं तो आप क्यों नहीं? इसके बाद अफसरों ने मंत्रीजी की फारचुनर के लिए नोटशीट बढ़ा दी है। फायनेंस ने अगर-मगर नहीं किया तो अगले महीने तक श्रम मंत्री के पास भी फारचुनर होगा।
संजय दीक्षित
प्रदेश का मुखिया भले ही सफारी गाड़ी में चलें मगर मंत्रियों को चाहिए फारचुनर। सिर्फ पैदाइशी समृद्ध मंत्री अमर अग्रवाल गाड़ी के मामले में कमजोर हैं। उनके पास आठ लाख वाला डस्टर है। बाकी सबके पास 22 लाख का फारचुनर हैं या उसके बराबर की गाड़ी। दयालदास बघेल तक फारचुनर में चलते हैं। ऐसे में, श्रम एवं खेल मंत्री भैयालाल राजवाड़े यदि फारचुनर मांग रहे हैं तो गलत क्या है। पिछले हफ्ते लेबर विभाग के अफसरों को बुलाकर अपना दर्द शेयर किया…..बोले, उनके समर्थक कहते हैं कि बाकी मंत्री फारचुनर में चलते हैं तो आप क्यों नहीं? इसके बाद अफसरों ने मंत्रीजी की फारचुनर के लिए नोटशीट बढ़ा दी है। फायनेंस ने अगर-मगर नहीं किया तो अगले महीने तक श्रम मंत्री के पास भी फारचुनर होगा।
रामराज!
लगता है, बिलासपुर में रामराज आ गया है। वहां न तो अब कोई काम बचा है और ना ही कोई समस्या! तभी तो जिनके हाथों में संभाग और नगर की बेहतरी की कमान हैं, वे रोड पर कत्थक कर रहीं हैं। हम बात कर रहे हैं, बिलासपुर में पोस्टेड महिला आईएएस अफसरों की। रविवार को दोनों लिंक रोड पर थिरक रहीं थीं। लोग भी कौतूकता से देख रहे थे, लोगों को नचाने वाली नाच कैसे रही हैं। अब, आप सोच रहे होंगे वे किसी की बारात-वारात में नाच रही होंगी। वरना, प्रशासनिक अफसरों के पास सड़क पर नाचने-वाचने का वक्त कहां होता है। मगर ये बात नहीं है। महिला आईएएस राहगिरी डे मनवा रही थी। अपने यहां इस तरह का कल्चर कभी रहा नहीं। गुड़गांव और दिल्ली के कनाट प्लेस में कुछ फुरसतिया लोग जरूर इस तरह की पागलपन करते हैं। उनका मकसद रहता है, कुछ नया किया जाए। सो, जो काम पार्क, गार्डन और घर में करना चाहिए, वो बीच सड़क पर शुरू हो जाते हैं। अलबत्ता, लंपटई के चलते वहां भी अब इसका क्रेज कम हो रहा है। और, अपने यहां इसे चालू किया जा रहा है। वह भी संस्कारधानी में। ग्रेट।
कलेक्टरों की सूची
24 मई को लोक सुराज खतम होने के बाद कलेक्टरों की दूसरी लिस्ट कभी भी निकल सकती है। साथ में कुछ एसपी भी होंगे। हालांकि, लिस्ट बहुत बड़ी नहीं होगी। दो-दो, तीन-तीन ही होंगे। अबकी, कोरिया कलेक्टर प्रकाश को कोई बड़ा जिला मिल सकता है। कोरिया उनका पहला जिला है, जहां वे डेढ़ साल टिके हैं। वरना, कवर्घा में तो तीन महीने में ही निबट गए थे। अभी उनके लिए फेवरेवल टाईम है। उनका 2005 बैच मोस्ट पावरफुल है। उपर से सीएम भी उनसे बेहद खुश हैं। बिलासपुर में अफसरों की बैठक में सीएम ने प्रकाश के कामों का विशेष तौर पर जिक्र किया। इसलिए, वे अंबिकापुर या दुर्ग का कलेक्टर बन जाएं तो आश्चर्य नहीं। वैसे, कोरिया में कलेक्टर रहने वाला अंबिकापुर का कलेक्टर बनता है। मसलन, डा0 कमलप्रीत और रीतू सेन।
एक अंदर, एक बाहर
राज्य के 27 जिलों में से सात में महिला कलेक्टर हैं। दुर्ग, कांकेर, कोंडागांव, बेमेतरा, रायगढ़, मुंगेली, जशपुर और अंबिकापुर। दो और दावेदार हैं। पी संगीता और श्रुति सिंह। श्रुति की दावेदारी कुछ तगड़ी है। लेकिन, अब लगता नहीं कि सरकार महिला कलेक्टरों की संख्या आठ से बढ़ाएगी। सो, आठ में से एक को आउट करके ही दूसरे को इन कराया जाएगा। अब, यह देखना दिलचस्प रहेगा कि इनमें से आउट कौन होता है।
आईपीएल एक्सपर्ट
रायपुर आईजी जीपी सिंह पिछले तीन साल से आईपीएल की सिक्यूरिटी देख रहे हैं। आईपीएल का सबसे मेजर पार्ट सिक्यूरिटी होता है। देश-विदेश के प्लेयर होते हैं। एक तरह से कहें तो लगातार तीन आईपीएल कराकर वे इसके एक्सपर्ट हो गए हैं। मगर हो सकता है, यह उनका आखिरी आईपीएल हो। रायपुर में एज ए आईजी उनका तीन साल से अधिक हो गया है। सो, उन्हें चेंज तो होना ही है। भले ही वह अभी हो या इस साल के अंत तक। मगर, आईपीएल के समय उन्हें तलब जरूर किया जाएगा।
न्यू स्पोर्ट्स डायरेक्टर
आईपीएल और लोक सुराज के बाद कमिश्नर स्पोर्ट्स भी बदलेंगे। पीडब्लूडी की कमान संभाल रहे आईएफएस अधिकारी अनिल राय को सरकार ने हाकी मैच और युवा महोत्सव के लिए कमिश्नर स्पोर्ट्स बनाया था। दोनों इवेंट निपट गए। मगर राय का कुछ हुआ नहीं। अलबत्ता, सरकार ने सोनमणि बोरा को सिकरेट्री स्पोर्ट्स बना दिया। राय काफी सीनियर हैं। 90 बैच के आईएफएस। तो वोरा 99 बैच के। सीनियरिटी में नौ साल का अंतर। जाहिर है, इससे राय ही नहीं, वोरा भी असहज महसूस कर रहे हैं। राय ने सरकार से आग्रह भी किया है कि उन्हें खेल से हटा दिया जाए। सो, मान कर चलिये, लोक सुराज के बाद होने वाले फेरबदल में नया स्पोर्ट्स डायरेक्टर अपाइंट हो जाएगा।
गुड न्यूज
छत्तीसगढ़ बनने के बाद यह पहला मौका होगा, जब राज्य के पांच कालेजों को ए ग्रेड मिला है। इनमें से भी चार बिलासपुर शहर के हैं। एक दुर्ग का साइंस कालेज है। इससे पहले, किसी भी कालेज को ए ग्रेड नहीं मिला है। चलिये, हायर एजुकेशन में बिलासपुर का दबदबा बढ़ा है।
अंत में दो सवाल आपसे
1. किसी कलेक्टर को अगर कोई कहें कि आप घटिया मानसिकता के हैं तो कलेक्टर से किस तरह के जवाब की अपेक्षा करनी चाहिए?
2. एक बड़े बीजेपी नेता के खिलाफ दिल्ली पहुंची कानूनी लड़ाई में किस कांग्रेस नेता ने पांच पेटी का योगदान दिया?
2. एक बड़े बीजेपी नेता के खिलाफ दिल्ली पहुंची कानूनी लड़ाई में किस कांग्रेस नेता ने पांच पेटी का योगदान दिया?
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें