शनिवार, 12 नवंबर 2016

दो दिल मिल रहे हैं…..


13 नवंबर
संजय दीक्षित
सूबे के एक महिला जिलाधिकारी और वहां के नगरीय निकाय के प्रमुख अफसर के बीच चुपके-चुपके कुछ चल रहा है। बताते हैं, 15 अगस्त की तैयारी के दौरान दोनों का दिल धड़का। और, अब मामला काफी आगे बढ़ चुका है। नगरीय निकाय के चाकलेटी अफसर प्रायवेट गाड़ी लेकर महिला अफसर के बंगला पहुंच जाते हैं। और, वहां से दोनों एक फ्लैट में। महिला अफसर तो सिंगल रहती है मगर नगरीय निकाय वाले का भरा-पूरा परिवार है। लिहाजा, कोशिश है चुपके-चुपके सब चलता रहे। मगर इश्क है कि छुपाए नहीं छुपता। सो, चुपके-चुपके ब्यूरोक्रेसी में भी इसकी खबरें फैलने लगी है। मंत्री को पीछे छोड़ा
काली कमाई के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक के बाद खबर है, एक मंत्री ने 40 करोड़ रुपए व्हाइट किया। आधी रात को दो सूमो में कार्टून में नोट मार्केट में भिजवाए गए। लेकिन, फील्ड में तैनात एक नौकरशाह ने मंत्रीजी को पीछे छोड़ दिया। बताते हैं, 70 करोड़ रुपए खपाने के लिए अफसर बेचैन है। कह सकते है, काली कमाई में अफसर ने मंत्री को पीछे छोड़ दिया।

नौकर हो गए लखपति

प्रधानमंत्री ने चुनाव से पहले काले धन से हर खाते में 15-15 लाख रुपए ट्रांसफर करने का वादा किया था। काली कमाई के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक करके उन्होंने ढाई लाख रुपए गरीबों के एकाउंट में डलवा ही दिया। काली कमाई के कुबेरांं ने पैसा ठिकाने लगाने के लिए गरीबों को मोहरा बनाया ही, राजधानी में मंत्रियों और नौकरशाहों के नौकर-चाकर लखपति हो गए। एक मंत्री ने अपने दो दर्जन स्टाफ के नाम पर 60 लाख जमा करा कराया। तो देवेंद्र नगर में एक अफसर के रसोइया के घर में पांच एकाउंट हैं। पांचों के नाम पर ढाई-ढाई लाख जमा हो गए। ये तो एक बानगी है। व्यापक स्तर पर यह खेल हुआ है।

नो कमेंट्स

एक वो भी दौर था….जब विधानसभा सत्र के दौरान मंत्री मुख्यालय से हिलते नहीं थे। यहां तक कि घर में शादी-ब्याह के डेट भी इस हिसाब से रखे जाते थे कि सत्र से टाईम न टकराए। दरअसल, तब विधानसभा का अपना ओहरा था। मगर अब ये पुरानी बात हो गई। सत्र चालू होने के पहले ही पीडब्लूडी मिनिस्टर राजेश मूणत यूरोप के दौरे पर चले गए हैं। स्पेन, प्राग की स्मार्ट सिटी देखकर जब तक लौटेंंगे, सत्र खतम हो गया रहेगा। खैर, मंत्री हैं, इसलिए नो कमेंट्स।

ओवरलोड रहेंगे चंद्राकर

विधानसभा सत्र में अजय चंद्राकर अबकी ओवरलोड रहेंगे। उनके पास पंचायत, स्वास्थ्य और संसदीय कार्य जैसे विभाग तो हैं ही, राजेश मूणत के विदेश दौरे पर होने की वजह से पीडब्लूडी, आवास पर्यावरण और ट्रांसपोर्ट विभाग के जवाब भी उन्हें देने होंगे। विधानसभा में 50 परसेंट प्रश्न तो पंचायत, हेल्थ और पीडब्लूडी के होते हैं। मंत्रीजी के लोग इसको लेकर बड़ा चिंतित हैं। डर है कि ज्यादा बोलने पर मंत्रीजी किसी बात पर फंस न जाए।

तू चल, मैं आया

पिछले दो महीने से विदेश जाने के लिए मंत्रियों की लाइन लगी है। हेल्थ मिनिस्टर अजय चंद्राकर आए तो स्कूल शिक्षा मंत्री केदार कश्यप निकल लिए। केदार लौटकर आए तो पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री दयालदास बघेल सूटकेस लेकर तैयार थे। बघेल अभी लौटे नहीं कि राजेश मूणत यूरोप भ्रमण पर रवाना हो गए हैं। याने तू चल, मैं आया। अपवाद हैं, अमर अग्रवाल। अमर ने पिछले महीने ताइवान की टिकिट हो जाने के बाद भी जाने से मना कर दिया।

नोटों के गिफ्ट पैक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अफसरों की पत्नियां भी खूब कोस रही हैं। मोदीजी ने दीवाली खराब कर दी। जाहिर है, हर साल मलाईदार विभागों के अफसरों के घर ड्रायफू्रटस के डिब्बे के साथ नोटों के गिफ्ट पैक आते हैं। ठेकेदार, सप्लायर हैसियत के अनुसार एक लाख से लेकर 5 लाख तक के नोटों के गिफ्ट पैक भेट करते हैं। खास बात यह है कि इसे अफसर खुद नहीं लेते….आवाज लगाते हैं, देखो जी…फलां तुम्हें दीवाली विश करने आए हैं। पत्नियां इस पैसे से लक्ष्मी पूजा करती हैं। इस पैसे पर हक भी उन्हीं का होता है। अपने हिसाब से वे उसका इंवेस्टमेंट करती हैं। लेकिन, इस बार डिस्पोजल अभी हो नहीं पाया था कि मोदीजी ने सर्जिकल स्ट्राइक कर दी।

सीएम नाराज

मुख्यमंत्री के मना करने के बाद भी स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर के पीए के विदेश जाने से मुख्यमंत्री बेहद नाराज बताए जाते हैं। बताते हैं, चंद्राकर के साथ विदेश जाने वालों की सूची में पीए का भी नाम भी शामिल था। फाइल जब एप्रूवल के लिए सीएम के पास पहुंची तो उन्होंने पीए का नाम काट दिया। लेकिन, पीए के हौसले को दाद दीजिए! राज्य के मुखिया की मनाही के बाद वह अपने पैसे से विदेश चला गया।

अंत में दो सवाल आपसे

1. 500-1000 के नोटबंदी पर प्रधानमंत्री को कोसने वालों को किस केटेगरी का समझना चाहिए, ईमानदार या…..?
2. मोतीलाल वोरा ने पीसीसी के किस नियुक्ति के प्रस्ताव को वीटो लगाकर रोक दिया?

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें