19 मई 2019
महीने भर के ताबड़तोड़ चुनावी प्रचार से लौटने के घंटे भर बाद ही सीएम भूपेश बघेल ने सरकारी कामकाज की समीक्षा के लिए सिकरेट्री को हाउस तलब कर लिया। इसके लिए सीएम सचिवालय से एक लाइन का संदेश भेजा गया….चार बजे हाउस में साब योजनाओं का रिव्यू करेंगे। मैसेज मिलते ही मंत्रालय में हलचल बढ़ गई। सभी सशंकित थे….महीने भर बाद लौटे हैं….न जाने क्या पूछ दें। अब सीएम का खौफ तो है ही अफसरों में…कुछ मायनो में तो अजीत जोगी से भी ज्यादा….क्या पता, कोई चूक हुई तो उसी रात में छुट्टी का आदेश निकल जाए। लिहाजा, विभिन्न विभागों के सिकरेट्री लंच भूल लगे आवश्यक नोट्स तैयार करने। मगर हुआ उल्टा…, अफसर जैसा सहमे थे, हाउस में वैसा हुआ नहीं। 45 डिग्री टेम्परेचर में दौरा कर लौटे सीएम का मिजाज बड़ा कूल-कूल था। उन्होंने अफसरों से योजनाओं का फीडबैक लिया, कई इश्यूज पर गंभीरता से चर्चा भी हुई। मगर अफसरों से उन्होंने बेहद आत्मीयता से बातें की। कई बार ठहाके भी लगाए। लगता है, चुनाव में कांग्रेस के नतीजे अच्छे आने वाले हैं।
महीने भर के ताबड़तोड़ चुनावी प्रचार से लौटने के घंटे भर बाद ही सीएम भूपेश बघेल ने सरकारी कामकाज की समीक्षा के लिए सिकरेट्री को हाउस तलब कर लिया। इसके लिए सीएम सचिवालय से एक लाइन का संदेश भेजा गया….चार बजे हाउस में साब योजनाओं का रिव्यू करेंगे। मैसेज मिलते ही मंत्रालय में हलचल बढ़ गई। सभी सशंकित थे….महीने भर बाद लौटे हैं….न जाने क्या पूछ दें। अब सीएम का खौफ तो है ही अफसरों में…कुछ मायनो में तो अजीत जोगी से भी ज्यादा….क्या पता, कोई चूक हुई तो उसी रात में छुट्टी का आदेश निकल जाए। लिहाजा, विभिन्न विभागों के सिकरेट्री लंच भूल लगे आवश्यक नोट्स तैयार करने। मगर हुआ उल्टा…, अफसर जैसा सहमे थे, हाउस में वैसा हुआ नहीं। 45 डिग्री टेम्परेचर में दौरा कर लौटे सीएम का मिजाज बड़ा कूल-कूल था। उन्होंने अफसरों से योजनाओं का फीडबैक लिया, कई इश्यूज पर गंभीरता से चर्चा भी हुई। मगर अफसरों से उन्होंने बेहद आत्मीयता से बातें की। कई बार ठहाके भी लगाए। लगता है, चुनाव में कांग्रेस के नतीजे अच्छे आने वाले हैं।
सुबोध और गीता
सुबोध सिंह और एम गीता एक ही बैच के आईएएस हैं। 97 बैच। सुबोध सिंह डेपुटेशन पर गवर्नमेंट ऑफ इंडिया जाने के लिए प्रयासरत हैं। लेकिन, उन्हें अब तक अनुमति नहीं मिली है। मिलेगी या नहीं, इस पर अभी सस्पेंस है। उधर, एम गीता को सरकार बदलने का जरूर लाभ मिल गया। गीता को दो साल पहिले हार्वर्ड में पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन का कोर्स करने के लिए सलेक्शन हुआ था। मगर पिछली सरकार ने उन्हें न 2017 में यूएस जाने की इजाजत दी और न 2018 में। भूपेश सरकार ने गीता को हार्वर्ड जाने के लिए हरी झंडी दे दी है। अगले महीने याने जून के एंड में वे अमेरिका रवाना होंगी।
सीएम आफिस का रिनोवेशन
मंत्रालय में सीएम आफिस का रिनोवेशन चल रहा है। सीएम प्रचार में गए, तब काम प्रारंभ हुआ था और अभी कप्लीट होने में कम-से-कम पंद्रह दिन और लग सकते हैं। तब तक मुख्यमंत्री को अपने निवास कार्यालय में ही सरकारी काम निबटाना पड़ेगा। वैसे भी मुख्यमंत्रियों को मंत्रालय और हाउस में बैठने से कोई फर्क नहीं पड़ता। क्योंकि, हाउस में भी पैरेलेल सारी सुविधाएं होती है, जिसमें वे सरकारी कामकाज के साथ ही मीटिंग कर सकते हैं। कैबिनेट की बैठकें भी हाउस में हो जाती हैं। यही नहीं, सौ-दो सौ आदमी की गैदरिंग भी। हालांकि, मंत्रालय के पांचवे फ्लोर के जिस चेम्बर में सीएम बैठते हैं, वो वास्तव में सीएम सिकरेट्री के लिए बनाया गया था। सुरक्षा की दृष्टि से सीएम के लिए सबसे लास्ट में बड़ा भव्य आफिस बना था। उसमें किचन गार्डन के साथ ही आराम करने के लिए भी बड़ा कमरा था। कक्ष से लगा कांफें्रस रुम भी। तीन तरफ से उसमें नया रायपुर का व्यू। चेम्बर के सामने ही सीएम के लिए विशेष लिफ्ट। लॉबी से दो दरवाजे पार कर ही सीएम के चेम्बर में पहुंचा जा सकता था। लेकिन, वास्तु के चलते तब के सीएम डा0 रमन सिंह ने उसे खारिज कर दिया। उन्होंने सिकरेट्री के कमरे को अपने आफिस के रूप में चुना। ऐसे में, मंत्रालय का सबसे बड़ा कमरा एसीएस टू सीएम एन बैजेंद्र कुमार को अलाट कर दिया गया। बैजेंद्र के डेपुटेशन पर एनएमडीसी जाने के बाद अब उस कमरे में नए सीएम के सिकरेट्री टामन सिंह सोनवानी बैठ रहे हैं। चलिये, सोनवानी ने कभी नहीं सोचा होगा कि मंत्रालय के सबसे बड़े और सर्वसुविधायुक्त चेम्बर में उन्हें बैठने का अवसर मिलेगा।
एक साल में तीन डीजी
छत्तीसगढ़ बनने के बाद यह पहला मौका होगा, जब एक साल में तीन डीजी रिटायर होंगे। अगले महीने जून में डीजी नक्सल और जेल गिरधारी नायक, अगस्त में पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन के एमडी अमरनाथ उपध्याय और नवंबर में ईओडब्लू चीफ बीके सिंह। इनके अलावे दो डीआईजी भी हैं। एक एसएस सोरी फरवरी में रिटायर हो चुके हैं, वहीं डीएल मनहर सितंबर में बिदा होंगे। आईएएस में इस साल सात आईएएस रिटायर होंगे तो आईपीएस से भी पांच कम नहीं है।
नायक डिजास्टर में?
डीजी नक्सल एवं जेल गिरधारी नायक, राजीव माथुर और संतकुमार पासवान उन आईपीएस में शामिल हैं, जिन्होंने राज्य बंटवारे के समय मांगकर छत्तीसगढ़ कैडर लिया था। इनमें से पासवान और नायक बस्तर में आईजी रहे…. नक्सल मामलों के लंबे समय तक एडीजी भी। इसके बाद भी उन्हें डीजीपी बनने का अवसर नहीं मिला। नायक का तो नई सरकार में डीजीपी बनना लगभग तय हो गया था, बस आदेश निकलना बचा था। उन्होंने जेल मुख्यालय के आफिस से अपना पर्सनल सामान वगैरह समेटकर घर भिजवा दिया था। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट का गाइडलाइन ब्रेकर बन गया। शीर्ष कोर्ट का निर्देश है कि जिन आईपीएस का रिटायरमेंट में छह महीने या इससे कम बचा हो, उन्हें पुलिस प्रमुख न बनाया जाए। लिहाजा, डीएम अवस्थी को डीजीपी बनाना पड़ा। अब विडंबना देखिए, डीएम का जैसे ही आदेश निकला, उसके पखवाड़े भर बाद सुप्रीम कोर्ट ने छह महीने की शर्त हटा दी। याने 15 दिन पहले ये आदेश आ गया होता तो नायक आज डीजीपी की कुर्सी पर बैठे होते। बहरहाल, वक्त ने नायक के साथ जो किया, वह सरकार की नोटिस में है। अगले महीने रिटायरमेंट के बाद उन्हें स्टेट डिजास्टर अथॉरिटी का चेयरमैन बनाने की चर्चा है। भूकंप, तबाही मचाने वाली बाढ़, फोनी तूफान जैसे राष्ट्रीय आपदा से निबटने के लिए इस अथॉरिटी का गठन किया जा रहा है। हालांकि, नायक जैसे तेज-तर्राट अफसर के लिए इसमें भी काम कुछ नहीं होगा क्योंकि, छत्तीसगढ़ में भूकंप, बाढ़ और फोनी तूफान आता नहीं। चलिये, पांच साल की पोस्टिंग तो रहेगी।
आईएफएस की वापसी
सरकार बनने के बाद मंत्रालय और विभिन्न बोर्ड, मंडलों से थोक में वन मुख्यालय भेजे गए आईएफएस अफसरों में से कुछ की सरकार में वापसी की अटकलें शुरू हो गई है। कुछ अफसर बोर्डो में, तो कुछ मंत्रालय में लौट सकते हैं। जाहिर है, रमन सरकार में ढाई दर्जन से अधिक आईएफएस डेपुटेशन पर सरकार में पोस्टेड थे। लेकिन, भूपेश सरकार ने तीन-चार को छोड़कर सभी को चलता कर दिया था।
28 के बाद ट्रांसफर
23 मई को काउंटिंग के बाद भी ऑन पेपर 28 मई तक आचार संहिता प्रभावशील रहेगी। हालांकि, सरकार चाहे तो चुनाव कार्यालय से अनुमति लेकर ट्रांसफर या नया कोई ऐलान कर सकती है। अलबत्ता, 24 मई की सुबह तक कुछ राज्यों के नतीजे आएंगे। याने 28 में तब चार दिन बचेंगे। इसलिए, समझा जाता है 29 से सरकार का सामान्य कामकाज शुरू हो जाएगा। उसी के बाद मंत्रालय समेत कुछ जिलों में कलेक्टर, एसपी के ट्रांसफर भी कर सकती है। यद्यपि, जून के पहिले हफ्ते में कलेक्टर, एसपी कांफ्रेंस है। सो, या तो इससे पहिले लिस्ट निकलेगी। या फिर कांफ्रेंस में अफसरों के पारफारमेंस देखने के बाद आदेश निकाले जाएंगे।
अंत में दो सवाल आपसे
1. क्या किसी सीनियर आईएएस को बुलाने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखा है?
2. छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों से कांग्रेस-भाजपा को कितनी सीटें मिलेंगी?
2. छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों से कांग्रेस-भाजपा को कितनी सीटें मिलेंगी?
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें