9 फरवरी 2020
एनजीओ घोटाले में सीबीआई ने भले ही अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है लेकिन, कई नौकरशाहों की रात की नींद उड़ गई है। दरअसल, जिन अफसरों का सीधे इस मामले में नाम नहीं, उन्होंने भी बहती गंगा में डूबकी लगाने में कोई संकोच नहीं किया। समाज कल्याण विभाग के दस्तावेज इसकी चुगली करते हैं….कुछ नौकरशाहों के परिजनों के एनजीओ को इस संस्था से किस तरह बड़ी राशि ट्रांसफर की गई। परकाष्ठा तो यह भी है, समाज कल्याण के अधिकारियों ने नौकरशाहों के निजी खरीदी, निजी यात्राओं का भुगतान सरकारी खाते से कर दिया। फाइलों में अफसर के नाम के साथ बकायदा इसका उल्लेख है। एक सिकरेट्री ने समाज कल्याण के एक अफसर की पत्नी के एकाउंट में सवा दो करोड़ रुपए जमा करवाया। बाद में इसमें से विभिन्न लोगों को एमाउंट आरटीजीएस कराए गए। जाहिर है, सीबीआई तो पूछेगी ही कि हाउस वाइफ के खाते में सवा दो करोड़ रुपए आए कहां से….और, किसी आईएएस ने कराया तो उनका नाम क्या है। कोई आश्चर्य नहीं कि सीबीआई के साथ इस मामले में ईडी की भी इंट्री हो जाए। क्योंकि, इसमें व्यापक स्तर पर मनी लॉड्रिंग होने का भी अंदेशा है। ऐसे में, चिंता समझी जा सकती है।
एनजीओ घोटाले में सीबीआई ने भले ही अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है लेकिन, कई नौकरशाहों की रात की नींद उड़ गई है। दरअसल, जिन अफसरों का सीधे इस मामले में नाम नहीं, उन्होंने भी बहती गंगा में डूबकी लगाने में कोई संकोच नहीं किया। समाज कल्याण विभाग के दस्तावेज इसकी चुगली करते हैं….कुछ नौकरशाहों के परिजनों के एनजीओ को इस संस्था से किस तरह बड़ी राशि ट्रांसफर की गई। परकाष्ठा तो यह भी है, समाज कल्याण के अधिकारियों ने नौकरशाहों के निजी खरीदी, निजी यात्राओं का भुगतान सरकारी खाते से कर दिया। फाइलों में अफसर के नाम के साथ बकायदा इसका उल्लेख है। एक सिकरेट्री ने समाज कल्याण के एक अफसर की पत्नी के एकाउंट में सवा दो करोड़ रुपए जमा करवाया। बाद में इसमें से विभिन्न लोगों को एमाउंट आरटीजीएस कराए गए। जाहिर है, सीबीआई तो पूछेगी ही कि हाउस वाइफ के खाते में सवा दो करोड़ रुपए आए कहां से….और, किसी आईएएस ने कराया तो उनका नाम क्या है। कोई आश्चर्य नहीं कि सीबीआई के साथ इस मामले में ईडी की भी इंट्री हो जाए। क्योंकि, इसमें व्यापक स्तर पर मनी लॉड्रिंग होने का भी अंदेशा है। ऐसे में, चिंता समझी जा सकती है।
दो दोस्त, एक विभाग
आईएएस सोनमणि बोरा और आईपीएस राहुल भगत दोनों अच्छे दोस्त हैं। दोनों दिल्ली में एक साथ, एक ही हॉस्टल में पढ़ाई किए हैं। बोरा यूपीएससी पहले क्रेक कर लिए और राहुल बाद में। हालांकि, दोनों को कैडर सेम मिला… छत्तीसगढ़। और, अब संयोग यह हुआ है कि दोनों श्रम विभाग में हैं। राहुल भारत सरकार में डायरेक्टर लेबर हैं तो सोनमणि को हाल ही में छत्तीसगढ़ में सिकरेट्री लेबर बनाया गया है। चलिये, उम्मीद करते हैं, दोनों के संबंधों का लाभ राज्य को मिलेगा। बोरा छत्तीसग़ढ़ को एक मेडिकल कालेज ही दिलवा दें। देश के करीब डेढ़ दर्जन राज्यों में लेबर विभाग का एक-एक मेडिकल कालेज संचालित है। लेकिन, छत्तीसगढ़ अभी तक इससे वंचित है।
डीपीसी में रोड़ा
डीजी के प्रमोशन में अड़चन यह है कि राज्य सरकार खाली तीनों पदों पर एक साथ प्रमोशन करना चाहती है और भारत सरकार इसके लिए राजी नहीं। इसका नतीजा यह है कि सूबे में पिछले तीन महीने से सिर्फ एक डीजी बच गए हैं। जबकि, कायदे से चार होना चाहिए। वैसे, डीजी के दो पदों के लिए सहमति 11 दिसंबर को आ गई थी। लेकिन, राज्य सरकार चाहती है, डीजी जेल बीके सिंह के रिटायर होने के बाद खाली पद पर भी एक साथ डीपीसी हो जाए। सीनियरिटी में पहले नम्बर पर संजय पिल्ले और दूसरे नम्बर पर आरके विज हैं। इनके लिए कोई दिक्कत नहीं है। पेंच तीसरे पद को लेकर फंसा है। तीसरे पद के लिए एडीजी अशोक जुनेजा दावेदार हैं। सरकार ने जुनेजा के लिए भारत सरकार से सहमति मांगी थी। लेकिन, मिनिस्ट्री ऑफ होम ने मना कर दिया। वहां के अफसरों का मानना है कि मुकेश गुप्ता सस्पेंड हैं रिटायर नहीं। इसलिए, उस पद पर किसी और को प्रमोशन कैसे दिया जा सकता है। लेकिन, पता चला है, राज्य की दलीलें सुनने के बाद केंद्र अब तीसरे पद के लिए तैयार हो गया है। लिहाजा, केंद्रीय गृह मंत्रालय से अनुमति मिलते ही डीपीसी हो जाएगी। समझा जाता है, डीजी के डीपीसी के साथ ही एसपी, डीआईजी और आईजी का प्रमोशन आदेश निकलेगा।
बजट सत्र के बाद
कलेक्टरों का ट्रांसफर अब विधानसभा के बजट सत्र के बाद ही होगा। सीएम और सीएस दो दिन बाद विदेश दौरे पर जा रहे हैं। वहां से 21 फरवरी को इंडिया लौटेंगे। इसके दो दिन बाद 24 से बजट सत्र प्रारंभ हो जाएगा। सत्र वैसे तो एक अप्रैल तक है। लेकिन, राज्य बनने के बाद कभी भी बजट सत्र कंप्लीट नहीं हुआ है। विभागों का बजट स्वीकृत होने के बाद कोई सरकार नहीं चाहती कि विपक्ष के नेताओं को खामोख्वाह नेतागिरी करने का मौका दिया जाए। पिछले अनुभवों को देखते मान सकते हैं कि 20 मार्च तक सेशन एंड हो जाए। याने मार्च के लास्ट वीक में कलेक्टरों की लिस्ट निकल जाएगी।
टीम भूपेश
सीएम भूपेश बघेल अफसरों के साथ अपने पहले विदेश दौरे पर 10 फरवरी को सुबह दिल्ली रवाना होंगे और वहां से उसी दिन देर रात यूएस की फ्लाइट पकड़ेंगे। 10 दिन में टीम सीएम हार्वर्ड के साथ ही न्यूयार्क और सेन फ्रांसिस्को जाएगी। खासकर वहां एग्रीकल्चर बेस इंडस्ट्री की संभावना टटोलेगी जाएगी। उनके साथ सीएस आरपी मंडल, एसीएस होम सुब्रत साहू, पीएस टू सीएम गौरव द्विवेदी, सीएम के सलाहकार प्रदीप शर्मा, सीएसआईडीसी के एमडी अरुण कुमार शामिल होंगे। टीएम भूपेश 21 फरवरी की सुबह दिल्ली लौटेगी।
मंत्री का विदेश प्रवास ब्रेक
नगरीय प्रशासन मंत्री बनने के बाद शिव डहरिया हाल ही में पहली बार विदेश गए थे। लेकिन, नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस की घमाकेदार जीत के बाद सीएम के साथ मंत्रियों का पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मिलने का प्रोग्राम बन गया। नगरीय प्रशासन मंत्री के लिए यह बड़ा मौका था। जीत की शिल्पी सीएम तो थे ही लेकिन, विभाग डहरिया का है। सीएम भी इसके लिए कई बार नगरीय प्रशासन विभाग को एप्रीसियेट कर चुके हैं। ऐसे में, बुद्धिमानी का काम करते हुए डहरिया विदेश यात्रा बीच में ब्रेक कर तीन दिन पहले ही स्वीडन से दिल्ली लौट आए।
दीपांशु का रिकार्ड
97 बैच के आईजी दीपांशु काबरा को सरकार ने बिलासपुर का आईजी बनाया है। जनवरी 2019 में रायपुर आईजी से हटने के बाद से दीपांशु खाली बैठे थे। सरकार की पता नहीं क्या नाराजगी रही कि उन्हें कोई विभाग नहीं दिया। और, दिया तो ऐसा कि लोग आवाक रह गए! छत्तीसगढ़ के पांचों रेंज में बिलासपुर सबसे अहम पुलिस रेंज माना जाता है। कोरबा, रायगढ़, जांजगीर बिलासपुर में आते हैं। उपर से प्रोटोकॉल का कोई टेंशन नहीं। रायपुर आईजी का आधा समय तो इसी में जाता है। दीपांशु की पोस्टिंग में खास यह भी है कि वे सूबे के पहले आईपीएस बन गए हैं, जिन्हें दूसरी बार उस रेंज में मौका दिया गया है, जिसमें वे आईजी रह चुके हैं। इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ। कलेक्टर में एक बार सुबोध सिंह को दूसरी बार रायपुर का कलेक्टर बनने का अवसर मिला था। लेकिन, एसपी, आईजी में ऐसा कभी नहीं हुआ। दीपांशु रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग और सरगुजा के आईजी रह चुके हैं। आईजी के रूप में बिलासपुर में उनका पांचवा रेंज होगा। यह रिकार्ड देश के शायद किसी भी आईजी के पास नहीं होगा।
कलेक्टरों को सीएस की पाती
चीफ सिकरेट्री आरपी मंडल ने मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत बच्चों और महिलाओं को गर्म भोजन मुहैया कराने के मामले में कलेक्टरों को पत्र लिखा है। इसमें से नारायणपुर कलेक्टर पीएम एल्मा का पत्र कहीं से वायरल हो गया। पत्र की भाषा से स्पष्ट है, सीएस सुपोषण अभियान में कलेक्टरों की दिलचस्पी न लेने से काफी नाराज हैं। पता चला है, सीएस की चेतावनी मिलने के बाद कलेक्टर्स सुपोषण अभियान को लेकर अचानक संजीदा हो गए हैं। जाहिर है, डर तो होगा ही….सत्र के बाद होने वाले फेरबदल में कहीं कुर्सी न खिसक जाए।
अंत में दो सवाल आपसे
1. क्या बजट सत्र के बाद भूपेश बघेल मंत्रिमंडल का पुनर्गठन हो सकता है?
2. बिलासपुर कलेक्टर डा0 संजय अलंग सिकरेट्री बनने के बाद रायपुर लौटेंगे या कलेक्टर में ही कंटीन्यू करेंगे?
2. बिलासपुर कलेक्टर डा0 संजय अलंग सिकरेट्री बनने के बाद रायपुर लौटेंगे या कलेक्टर में ही कंटीन्यू करेंगे?
Okay then...
जवाब देंहटाएंWhat I'm going to tell you might sound kind of creepy, and maybe even kind of "supernatural"
HOW would you like it if you could simply push "PLAY" to LISTEN to a short, "miracle tone"...
And suddenly bring MORE MONEY to your life??
And I'm talking about hundreds... even thousands of dollars!!
Sounds way too EASY?? Think it couldn't possibly be REAL?
Well then, I'll be the one to tell you the news..
Many times the largest miracles life has to offer are also the EASIEST!!
Honestly, I'm going to PROVE it to you by letting you listen to a real-life "miracle money tone" I've synthesized...
YOU simply push "PLAY" and you will start having more money come into your life... starting almost INSTANTLY...
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Thanks for sharing, nice post! Post really provice useful information!
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