रविवार, 23 अप्रैल 2023

Chhattisgarh Tarkash: नए पीसीसीएफ कौन?

 संजय के. दीक्षित

तरकश, 23 अप्रैल 2023

नए पीसीसीएफ कौन?

रेरा चेयरमैन अप्वाइंट होने के बाद हेड ऑफ फारेस्ट फोर्स संजय शुक्ला ने वीआरएस के लिए अप्लाई कर दिया है। खबर है, 28 अप्रैल तक वे वन विभाग के प्रमुख रहेंगे। 29 और 30 को शनिवार, रविवार की छुट्टी है। वे एक मई को रेरा चेयरमैन का पदभार ग्रहण करेंगे। इससे पहले सरकार को नए पीसीसीएफ की नियुक्ति करनी होगी। नए पीसीसीएफ के लिए जिस तरह की जानकारी भीतरखाने से निकल कर आ रही है, अचानक कोई अवरोध नहीं आया तो कैम्पा प्रमुख श्रीनिवास राव की ताजपोशी निश्चित समझी जा रही है। हालांकि इसके लिए सात आईएफएस की सीनियरटी को ओवरलुक करना होगा। संजय शुक्ला के बाद दूसरे नंबर पर अतुल शुक्ला हैं। वे इसी साल अगस्त में रिटायर हो जाएंगे। आशीष भट्ट का नंबर उनसे पहले जून में आ जाएगा। याने दो माइनस हो गए। बचे सुधीर अग्रवाल, तपेश झा, संजय ओझा, अनिल राय और अनिल साहू। श्रीनिवास को वन बल प्रमुख बनाने के लिए इन सभी को सुपरसीड करना होगा। सरकार के भीतर इस फार्मूले पर विचार चल रहा कि वाइल्डलाइफ और वन विकास निगम में सुधीर और तपेश को, संजय ओझा को वर्किंग प्लान तथा अनिल राय को लघु वनोपज संघ की जिम्मेदारी दी जाए। अनिल साहू पीसीसीएफ प्रमोट कर पर्यटन बोर्ड में ही कंटीन्यू किए जा सकते हैं। अब बिल्कुल ऐसा ही होगा, गारंटेड कुछ नहीं। क्योंकि, सरकार अपने हिसाब से फैसले लेती है। ये जरूर है कि सत्ता के गलियारों में चर्चाएं कुछ इसी तरह की है।

रेरा का पेड़ा

रेरा चेयरमैन के लिए सरकार के पास 10 आवेदन आए थे। मगर तीन सदस्यीय चयन कमेटी ने पीसीसीएफ संजय शुक्ला के नाम पर मुहर लगा दी। हाई कोर्ट के जस्टिस संजय के. अग्रवाल की अध्यक्षता में गठित चयन कमेटी में प्रदेश के आवास और पर्यावरण सचिव तथा विधि सचिव मेंबर थे। आवेदन करने वालों में रिटायर आईएएस केडीपी राव, रिटायर आईएफएस पीवी नरसिम्हा राव, पीसीसीएफ संजय शुक्ला, रिटायर आईएफएस पीसी पांडेय रायपुर, अशोक लूनिया न्यायिक सेवा रायपुर, नरेंद्र सिंह चावला उच्च न्यायिक सेवा रायपुर, प्रिया अग्रवाल रायपुर, मनोज सिंह रायपुर, एम लक्ष्मण मित्तल चंडीगढ़ और देव नारायण दत्ता बिलासपुर शामिल थे। यानी पांच साल की इस पोस्ट रिटायरमेंट कुर्सी के लिए कुल 10 अप्लीकेंट थे। इनमें से नौ लोग रेरा का पेड़ा हासिल करने से वंचित हो गए। बता दें, रेरा का गठन 2017 में हुआ था। विवेक ढांड उसके फर्स्ट चेयरमैन बने थे। ढांड और संजय शुक्ला में समानता ये है कि ढांड ने वीआरएस लेकर इस पोस्ट को होल्ड किया तो संजय शुक्ला भी वीआरएस लेने जा रहे हैं। दोनों के संबंध भी करीबी वाले हैं।

कलेक्टर, एसपी की लिस्ट

कलेक्टर, एसपी की मोस्ट अवेटेड लिस्ट को लेकर अफसरों की धड़कनें बढ़ी हुई हैं। कल देर रात आदेश निकलने की इस कदर चर्चा थी कि अफसर और मीडिया वाले रात दो बजे तक व्हाट्सएप पर नजर गड़ाए रहे...पता नहीं कब लिस्ट आ जाए। ब्यूरोक्रेसी में पिछले एक हफ्ते से अटकलें इस बात की चल रही कि कौन किस जिले में जा रहा और किसकी छुट्टी हो रही है....फलां महिला आईपीएस दुर्ग की कप्तान बन सकती हैं तो फलां आईएएस सीएम सचिवालय में जा रहे हैं। सीएम सचिवालय के एक आईएएस का डेपुटेशन पर जाना तय हो गया है, उनके विभाग भारतीदासन को दिए जाएंगे या किसी और को, ये भी चर्चा में है।

पोस्टिंग

रिटायर आईएएस ठाकुर राम सिंह का राज्य निर्वाचन कमिश्नर का कार्यकाल पिछले साल मई में खत्म हो गया था। सरकार ने पहले छह महीने के लिए उनका कार्यकाल बढ़ाया फिर बाद में एक साल कर दिया। अगले महीने उनका एक्सटेंशन भी खतम होने जा रहा है। इस संवैधानिक कुर्सी के लिए शुरू से रिटायर आईएएस डीडी सिंह के नाम की चर्चा रही। बाद में उन्हें संविदा में सिकरेट्री टू सीएम बना दिया गया। मगर राम सिंह का कार्यकाल समाप्त होने का टाईम जैसे-जैसे नजदीक आ रहा, डीडी सिंह को निर्वाचन आयुक्त बनाने की अटकलें जोर पकड़ने लगी हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री सचिवालय ये एक साथ दो-दो सचिवों का निकलना जरा मुश्किल जाएगा। फिर भी दो बड़े जिलों के कलेक्टरों का सीएम सचिवालय में जाने की चर्चा चल रही है, वे नाम ठीकठाक हैं। एक तो आईआईटीयन हैं।

महिला कलेक्टर

राज्य बनने के बाद पहला मौका होगा, जब एक साथ छह महिला कलेक्टर जिला संभाल रही हैं। इससे पहले एक टाईम में दो-एक महिलाएं कलेक्टर होती थीं। एक बार कुछ महीने के लिए ये संख्या तीन हुई थीं। मगर सरकार ने महिलाओं को अच्छा मौका दिया है। इस समय कांकेर में डॉ. प्रियंका शुक्ला, सूरजपुर में इफ्फत आरा, जीपीएम में प्रियंका मोहबिया, सक्ती में नुपूर राशि पन्ना, जांजगीर में ऋचा प्रकाश चौधरी और सारंगढ़ में फरिया आलम सिद्दकी कलेक्टर हैं। खबर है, महिला कलेक्टरों की अत्यधिक संख्या को देखते सरकार इस पर कुछ विचार कर रही है। वैसे भी चुनावी साल है...कई तरह के समीकरणों को सरकार को ध्यान में रखना पड़ता है।

अंत में दो सवाल आपसे

1. क्या एक रिटायर महिला आईएएस को कुनकुरी विधानसभा से कांग्रेस पार्टी की टिकिट मिलेगी?

2. कांग्रेस के सर्वे के बाद कितने विधायकों पर टिकिट का खतरा मंडरा रहा है?


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