शनिवार, 1 जून 2013

तरकश, 26 मई


झूला घर

मंत्रालय दूर बनने का खामियाजा यह हुआ कि उसका झूला घर का स्वरूप बनता जा रहा है। महिला कर्मियों को दुधमुंहा बच्चों के लिए लांच आवर में 30 किलोमीटर दूर रायपुर आना मुमकिन नहीं है। सो, कुछ महिला अफसर अपने बच्चों को लेकर मंत्रालय आ रही हैं। उनके साथ कार से बच्चे को लेकर आया आती है। और शाम को साथ ही घर लौटती है। यही वजह है कि आजकल मंत्रालय के कुछ कमरों से बच्चों की किलकारियां सुनाई पड़ती है। खैर, उंचे ओहदे पर बैठी महिला अफसरों को ज्यादा परेशानी इसलिए नहीं है, क्योंकि, उन्हें दो कमरे वाला चेम्बर मिला हुआ है। एक में वे बैठती हैं, और दूसरे में आया और उनका बच्चा। मगर छोटे अधिकारियों और कर्मचारियों को परेशानी है। न उनके पास कार है, न आया है और ना ही एक्सट्रा कमरा। पता चला है, मंत्रालय कर्मचारी संघ अब चीफ सिकरेट्री सुनिल कुमार से मंत्रालय में झूला घर बनवाने के लिए मिलने वाला है।

बड़े घर में

सूबे के दो कुंवारे आईएएस में से एक, बिलासपुर नगर निगम कमिश्नर अवनिश शरण की शादी पक्की हो गई है। शादी देर से हो रही है मगर बड़े घर में हो रही है। सीबीआई डायरेक्टर रंजीत सिनहा की बेटी स्मिता से। छत्तीसगढ़ के लिए इससे अच्छी बात क्या होगी। देश के शीर्ष जांच एजेंसी के चीफ की बेटी छत्तीसगढ़ की बहू बनकर आ रही हैं। 21 मई को दिल्ली में अवनिश की सगाई हुई और जुलाई में शादी होगी। उनकी होने वाली पत्नी आईबी में पोस्टेड हैं। और शादी के बाद घूमने-फिरने के लिए स्विटजरलैंड की टिकिट भी हो चुकी है। उधर, दूसरे आईएएस ओपी चैधरी की भी सगाई हो चुकी है। मगर शादी कब होगी, यह तय नहीं है। उनकी मंगेतर एमबीबीएस करने के बाद दिल्ली में यूपीएससी की तैयारी कर रही हैं। 

मोदी और रमन

राजनांदगांव की सभा में नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ को सबसे तेज प्रगति करने वाला राज्य बताकर रमन को स्वाभाविक तौर पर अपने करीब कर लिया है। चुनाव के पहले विकास यात्रा के जरिये लोगों से सीधे संवाद करने निकले रमन की 18 मई को राजनांदगांव सभा में पहुंचे मोदी ने रमन के तारीफ की झड़ी लगा दी, बल्कि यहां तक कह डाला कि रमन सिंह देश के पहले सीएम होंगे, जो अपने कार्यों का हिसाबा देने जनता के बीच जा रहे हैं और मुझे गर्व होता है कि मैं रमन का मित्र हूं। मोदी यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा, छत्तीसगढ़ का जिस तरह विकास हो रहा, आने वाले पांच बरसों में वह गुजरात से भी आगे निकल जाएगा। तो रमन ने भी गुजरात को विकास का माडल बताया। गौरतलब है, भाजपा में प्रधानमंत्री के प्रत्याशी के मसले पर मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह आडवानी की वकालत कर रहे हैं। तो आडवानी भी विभिन्न मंचों से शिवराज की तारीफ करते नहीं थकते। ऐसे में, रमन सिंह अब नरेंद्र मोदी के साथ खड़े दिखाई दें, तो अचरज नहीं।
वोट फार्मूला
विधानसभा चुनाव को देखते राज्य के कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू ने मतदाताओं से सीधा संपर्क करने के लिए अलग तरीका निकाला है। विकास यात्रा के सिलसिले में वे हफ्ते भर से अपने विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर हैं, और इस दौरान जिस गांव में शाम हो जाती है, वहां किसी किसान के घर या खलिहान में रात्रि विश्राम कर रहे हैं। और उसी घर में भोजन भी। हालांकि, उनका अभनपुर विधानसभा रायपुर से बहुत दूर नहीं है। कहीं से भी वे अधिकतम घंटे भर में राजधानी लौट सकते हैं। लेकिन मतदाताओं को रिझाने के लिए तकलीफ तो सहनी पड़ेंगी न।

लकी मुख्यालय

बीजेपी का भव्य और हाईटेक मुख्यालय बन कर तैयार हो जाने के बाद भी पुराना आफिस याने एकात्म परिसर का मोह पार्टी नहीं छोड़ पा रही है। भाजपा की समूची गतिविधियां यहीं से संचालित हो रही है। पता चला है, विधानसभा चुनाव के बाद ही वहां के बारे में सोचा जाएगा। इसकी वजह यह है कि एकात्म परिसर बीजेपी के लिए काफी लकी रहा है। इस बिल्डिंग के बनने के बाद सूबे में न केवल भाजपा की सीटें बढ़ीं बल्कि दो-दो बार सरकार बनाने मे ंकामयाब रही। तो ऐसे लकी मुख्यालय को भला कौन छोड़ना चाहेगा। वो भी चुनाव के समय में।

सबसे पहले

अटलबिहारी सरकार ने देश में छह नए एम्स बनाने की घोषणा की थी, उनमें से रायपुर एम्स का ओपीडी सबसे पहले प्रारंभ होने जा रहा है। 3 जून इसकी तारीख मुकर्रर हो गई है। बाकी पांच, 1 जुलाई से शुरू होंगे। एम्स को जिस तरह से तैयार किया जा रहा है, वह छत्तीसगढ़ के लिए वारदान साबित होगा। वारदान इसलिए, कि अस्पताल खुलने से पहले ही वहां राज्य की सिकलसेल, फल्सीफेरम मलेरिया जैसी गंभीर बीमारियों पर काम चालू हो गया है, जिससे हर साल सैकड़ों लोग असमय काल के ग्रास बन जाते हैं। सिकलसेल पर डाटा कलेक्ट किया जा रहा है और शुक्रवार को इस पर एम्स में कांफें्रस हुई। साल के अंत तक एम्स में ट्रामा सेंटर खुल जाएगा और अगले साल तक सेंट्रल इंडिया का यह सबसे बड़ा अस्पताल पूर्ण स्वरूप में आ जाएगा। फिलहाल, 67 डाक्टरों की नियुक्ति हो गई है। रायपुर एम्स इस मामले में भी लकी है कि उसे डा0 नागरकर जैसे डायरेक्टर मिले हैं। लंबे समय तक इंगलैंड में रहने के बाद नागरकर पीजीआई चंडीगढ़ में मेडिकल सुपरिंटेंडेंट बनकर लौटे। और अब उन्होंने एम्स ज्वाईन किया है।

अंत में दो सवाल आपसे

1.    बिलासपुर नगर निगम कमिश्नर अवनिश शरण से बड़े-बड़े आईएएस, आईपीएस और मिनिस्टर क्यों चमकने लगे हैं?
2.  विकास यात्रा के बाद रायपुर और बिलासपुर संभाग के किन दो कलेक्टरों की छुट्टी तय मानी जा रही है?



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