शनिवार, 17 जनवरी 2015

तरकश, 18 जनवरी


तरकश

 ड्राप

पंचायत चुनाव के बाद रमन मंत्रिमंडल में होने वाले फेरबदल में कम-से-कम एक मंत्री ड्राप हो जाएं, जो अचरज नहीं। पता चला है, बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने रमन को फ्री हैंड दे दिया है कि जिसका पारफारमेंस ठीक नहीं है, उनके साथ कोई मरौव्वत न किया जाए। इसके बाद, उच्च स्तर पर जो चर्चाएं चल रही है, एक मंत्री का विकेट गिरना तय दिख रहा है। यही नहीं, तीन से चार मंत्रियों के विभाग भी बदले जाएंगे। तीन नए मंत्रियों की इंट्री होगी। सीएम के पास छोटे-बड़े 15 से अधिक विभाग हैं। पुनगर्ठन के बाद मुख्यमंत्री दर्जन भर से अधिक विभागों को दीगर मंत्रियों को ट्रांसफर करेंगे। हो सकता है, राजेश मूणत का आवास पर्यावरण अब सीएम के पास आ जाए। सूत्रों की मानें तो सीएम के पास अब सिर्फ वित्त, पावर और आवास पर्यावरण रह सकता है।

गजब के रिश्ते

राजधानी में पिछले हफ्ते केंद्रीय मंत्री जगतप्रकाश नड्डा और भाजपा के थिंक टैंक राम माधव के रायपुर आने की जितनी चर्चा नहीं हुई, उससे कहीं अधिक दोनों के सूबे के ताकतवर नौकरशाह अमन सिंह के घर जाने की रही। नड्डा तो यहां के प्रभारी महासचिव रहे हैं, सो उनके स्वाभाविक संबंध हो सकते हैं। लेकिन, राम माधव को लेकर तो पार्टी के बड़े नेता भी हैरान हैं। हवाई जहाज का टायर फट जाने पर राम माधव ने सीधे अमन सिंह को ही फोन लगाया। इसके अलावा वे पार्टी के किसी नेता से मिले और ना ही उनसे कोई बात की। वैसे भी अमन सिंह के रिश्तों और उसे मेंटेन करने का, उनके विरोधी भी दाद देते हैं। शायद ही किसी को पता होगा कि पीके फिल्म का जब भिलाई, दुर्ग में विरोध हो रहा था, तो आमिर खान ने अमन सिंह को फोन करके मदद मांगी थी। इससे पहले, इंडिया टुडे कांक्लेव में अरुण पुरी जब अमिताभ बच्चन के साथ ग्रामीण इलाके में बिजली की किल्लतों पर शेयर कर रहे थे, तो अमिताभ ने उन्हें टोका था कि छत्तीसगढ़ में ऐसा नहीं है…..आप कभी छत्तीसगढ़ जाइये, तो पावरफुल सिकरेट्री अमन सिंह से मिलिए। ऐसे हैं, अमन सिंह के संबंध।

300 करोड़ की चपत

पेट्रोल, डीजल का रेट गिरने से आम आदमी भले ही प्रसन्न हो मगर जरा छत्तीसगढ़ के फायनेंस और टैक्सेशन विभाग से पूछिए कि उन पर क्या गुजर रही है। पेट्रोल, डीजल पर सरकार को 25 फीसदी टैक्स मिलता है। दो रुपए भी कम हुआ, तो सीधे लीटर पर 50 पैसे की चोट। पिछले छह महीने में पेट्रोल का 14 रुपए रेट गिर चुका है। इस हिसाब से राज्य के खजाने को प्रति लीटर लगभग तीन रुपए की मार पड़ रही है। याने साल में तीन से चार सौ करोड़ का झटका लगेगा। एक ओर राज्य की आर्थिक हालत ठीक नहीं है। सीएसआईडीसी, हाउसिंग बोर्ड और पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन जैसे संस्थाओं से पैसे लेकर वित्त विभाग काम चला रहा है। मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार ने दबंगई से पेट्रोल पर टैक्स 31 फीसदी करके घाटे की एक हद तक भरपाई कर ली। लेकिन, छत्तीसगढ़ सरकार का फिलहाल ऐसा कुछ करने का इरादा दिख नहीं रहा। ऐसे में, वित्त विभाग को ही खर्चाें पर अंकुश लगाकर काम चलाना होगा।

शादी या शक्ति प्रदर्शन?

इस महीने के अंत में प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और अमर अग्रवाल के बेटे की शादी होगी। अमर के बेटे की 29 को और बृजमोहन के बेटे की शादी 31 जनवरी को है। इनमें से एक की तैयारी जिस अंदाज में चल रही है, उससे लगता है, छत्तीसगढ़ की अब तक की यह सबसे हाईप्रोफाइल शादी होगी। राजधानी में नेशनल हाईवे पर एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के सामने 30 एकड़ जमीन का समतलीकरण किया जा रहा है। इसके लिए महीने भर से कई भीमकाय जेसीबी लगे हैं। वर-वधु को आर्शीवाद देने के लिए तीन राज्यों के राज्यपाल, तीन सीएम और दर्जन भर से अधिक केंद्रीय मंत्री के आने की सहमति मिल चुकी है। दूसरे राज्यों के दर्जन भर से अधिक मंत्री भी आएंगे। रायपुर एयरपोर्ट पर इसके लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। कई चार्टर प्लेन जो आएंगे। वैसे भी, राजनेताओं के यहां की शादियां शक्ति प्रदर्शन का जरिया तो होती ही है।

बिन बुलाए मेहमान

14 जनवरी को दिल्ली पहुंचे अपने आधा दर्जन से अधिक मंत्रियों की हालत देखने लायक थी! बात यह नहीं थी कि बीेजेपी नेतृत्व ने अगले महीने होने वाले फेरबदल में उन पर खतरे की तलवार लटका दी थी। मामला था, बिन बुलाए मेहमान का। असल में, रायपुर के हाईप्रोफाइल भवन से इन मंत्रियों को शादी का न्यौता मिला था। मंत्रियों से उसके डेट देखने में चूक हो गई। हालांकि, महीना भर पहले आए शादी के मनुहार पत्र में डेट 14 जनवरी लिखा था। उसके हिसाब से मंत्रियों ने 14 का टिकिट करा लिया। इसके बाद शादी का निमंत्रण पत्र आया, उसमें मंत्रियों को 17 जनवरी को रिशेप्सन का न्यौता था। कार्ड पर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। और, उड़ गए दिल्ली के लिए। वहां छत्तीसगढ़ भवन में पता चला कि आपलोगों का रिशेप्सन का न्यौता है। मंत्रियों का मुंह अब देखने लायक था। चिंतन-मनन के बाद मंत्रियों ने तय किया कि अब आ गए हैं, तो चला जाए। सकुचाते, शर्माते हुए मंत्रीगण शादी में ही पहुंच गए। बुके दिए और कोई देखे मत, जल्दी से खिसक लिए।

सरकारी दलाल

कमल विहार का प्लाट बेचने रायपुर विकास प्राधिकरण अब दलालों का सहारा लेने जा रही है। दलालों का रजिस्ट्रेशन करने के लिए आरडीए ने बकायदा आवेदन मंगाया था। 7 जनवरी इसका लास्ट डेट था। पता चला है, दो दर्जन से अधिक दलालों ने आरडीए की दलाली करने के लिए आवेदन लगाए हैं। आरडीए उन्हें एक फीसदी कमीशन देगा। उधर, हाउसिंग बोर्ड ने भी मकान बेचने के लिए दलालों की मदद लेना चालू कर दिया है। यद्यपि, इसमें सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा नहीं किया जा सकता। मगर इसमें सबसे बड़ा खतरा यह दिख रहा कि आरडीए और हाउसिंग बोर्ड में काम करने वाले दलाल अपने को सरकारी दलाल बताना शुरू कर दिए हैं। यह ठीक नहीं है।

नागपुर की फ्लाइट

रायपुर में विमान सेवाओं की शुरूआत से ही रायपुर से नागपुर सीधे कनेक्टेड था। एयर इंडिया की फ्लाइट दिल्ली से रायपुर, नागपुर होते हुए फिर दिल्ली लौटती थी। याने सुबह में नागपुर के लिए सीधी फ्लाइट थी। मगर प्रफुल्ल पटेल के नागरिक उड्डयन मंत्री बनते ही यह सुविधा हमसे छीन गई। दरअसल, पटेल नागपुर के हैं और उन्हें दिल्ली से रायपुर होते हुए नागपुर जाने में घंटा भर समय जाया होता था, इसलिए उन्होंने रुट चेंज कराकर दिल्ली, नागपुर, रायपुर, दिल्ली करा दिया था। पटेल के हटने के बाद एक बार फिर कोशिशें शुरू हुई है कि एयर इंडिया की फ्लाइट नागपुर होकर दिल्ली जाए। लेकिन देखना होगा, यह कब तक हो पाता है।

अनूठी कोशिश

दंतेवाड़ा जैसे धुर नक्सल प्रभावित एरिया में एजुकेशन के फील्ड में काम करके देश-दुनिया में पहचान बना चुके यंग आईएएस ओपी चैधरी जांजगीर में युवाओं के कैरियर को लेकर अनूठा काम चालू किया है। जिले के 462 हाईस्कूल और 51 कालेजों में कैरियर गाइंडेस के लिए मास्टर ट्रेनर बनाया गया है। हर शनिवार को कैरियर पर अनिवार्य रुप से एक पीरियड होता है। प्रार्चायों को अनिवार्य तौर पर ओरियेंटेंशन प्रोग्राम कराया जा रहा। कलेक्टर ने 250 पेज की एक कैरियर मार्गदर्शिका नाम से पुस्तक प्रकाशित कराई है, जिसमें 75 परीक्षाओं के बारे में विस्तार से बताया गया है। चैधरी खुद भी हफ्ते में कम-से-कम दो-से-तीन स्कूल या कालेजों में जाकर क्लास लेते हैं, प्रश्न पूछते हैं, सही जवाब मिलने पर ईनाम के तौर पर कैरियर मार्गदर्शिका दी जाती है। बच्चों को इसके लिए भी मोटिवेट किया जा रहा है कि वे कैरियर में क्या बनना चाहते हैं, स्कूल में ही तय कर लें। है न अच्छी कोशिश।

अंत में दो सवाल आपसे

1. एक आईपीएस अफसर चीन की सैर करने क्यों गए थे?
2. थोक के भाव में यंग आईएएस अफसर होने के बाद भी दो-तीन बड़े जिल के कलेक्टर के लिए ठीक-ठाक अफसर क्यों नहीं मि हैं?

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