यौन प्रताड़ना और लीपापोती
इसे दीया तले अंधेरा ही कहा जा सकता है…..पुलिस मुख्यालय में महिला पुलिस अधिकारी दिनदहाड़े छेड़खानी का शिकार हो जाए और उसमें कार्रवाई की बजाए लीपापोती का प्रयास किया जाए। घटना पिछले हफ्ते की है। पुराने पीएचक्यू में महिला सब इंस्पेक्टर लिफ्ट से नीचे उतर रही थी। इस दौरान एक एआईजी ने अकेला देखकर उसे पकड़ने की कोशिश की। महिला ने किसी तरह अपने को बचाया। पीडि़त महिला ने शिकायत की है कि एआईजी उसे लगातार एसएमएस भेज रहे थे। बात उपर पहुंची तो मामले का लिंगारान करने के लिए केस को विशाखा कमेटी के हवाले कर दिया गया। जबकि, निर्भया कांड के बाद किसी महिला को घुरना भी आईपीसी के अंतगर्त अपराध की श्रेणी में आता है। बताते हैं, पुलिस महकमा अपने आरोपी अफसर पर कार्रवाई करना चाहता है। मगर गृह विभाग के अफसर इसके पक्ष में नहीं हैं। गंभीर बात यह भी है कि विशाखा कमेटी की जांच में पीएचक्यू की तीन और महिलाओ ने भी आगे आकर अफसर के खिलाफ इसी तरह की हरकत करने का आरोप लगाया है। बहरहाल, यह घटना उस पीएचक्यू में हुई है, जहां एएन उपध्याय जैसे संवेदनशील और साफ-सुथरी छबि के डीजीपी हैं और डीआईजी एडमिनिस्ट्रेशन महिला आईपीएस सोनल मिश्रा हैं। सवाल यह भी उठता है कि जब पीएचक्यू में ऐसी हरकतें हो रही हैं तो राज्य की महिलाएं पीएचक्यू से कैसे कोई उम्मीद रखेंगी। रमन सरकार एक ओर उर्मिला सोनवानी को ब्रांड एम्बेसडर बना रही है…बेटी बचाओ अभियान चला रही है। दूसरी ओर राज्य के पुलिस हेडक्र्वाटर में इस तरह के काम हो रहे हैं। तो ऐसे में चिंता लाजिमी है।
ना बाबा….
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 9 मई का बहुप्रतीक्षित छत्तीसगढ़ विजिट लगभग टल ही रहा था। प्रधानमंत्री कार्यालय को मालूम था कि इसी दिन रायपुर में आईपीएल का पहला मैच है। लिहाजा, पीएमओ के अफसरों ने यहां फोन करके तस्दीक की, आईपीएल और पीएम विजिट की तैयारी हो जाएगी? चूकि, पीएम का विजिट बार-बार टल रहा था। फिर, 14 मई को उन्हें चीन जाना है। सो, इस बार दौरा स्थगित होता तो भरोसा नहीं था कि छत्तीसगढ़ का नम्बर कब लगता। इसलिए, सीएम के रणनीतिकारों ने कहा, ना बाबा….। और, कार्यक्रम ओके हो गया।
सवा सेर कलेक्टर
प्रमोटी आईएएस दिलीप वासनीकर को बस्तर का कमिश्नर पोस्ट किया गया है। इस तरह अब पांच कमिश्नरी में से चार में प्रमोटी कमिश्नर हो गए हैं। रायपुर, दुर्ग में अशोक अग्रवाल और सरगुजा में टीएस महावर। सिर्फ बिलासपुर में सोनमणि बोरा डायरेक्ट आईएएस हैं। और, सिकरेट्री लेवल के हैं। बाकी तीनों, वासनीकर, अग्रवाल एवं महावर स्पेशल सिकरेट्री रैंक के अफसर हैं। वासनीकर के साथ तो और क्लास है। वे सिर्फ एक जिले का कलेक्टर रहे हैं। गरियाबंद के। वह भी लगभग साल भर। बस्तर के सात जिलों में से पांच में डायरेक्ट आईएएस कलेक्टर हैं। अमित कटारिया, नीरज बंसोड़, केसी सेनापति जैसे कलेक्टर। अमित के बारे में कहा जाता है, वे अपनी नहीं सुनते और सेनापति तो सेनापति की तरह ही काम करते हैं। राज्य निर्वाचन आयुक्त से सीधे पंगा लेकर पुरस्कार लेने दिल्ली चले गए, तब भी उनका बाल बांका नहीं हुआ। नीरज बंसोड़ इतने दमदार हैं कि बिलासपुर में एक विधायक की बहू ने नेतागिरी करने की कोशिश की तो उन्हें सबक सीखाने में देर नहीं लगाई। याने सवा सेर वाला मामला है। ऐसे में, लाख रुपए का सवाल यह है कि ऐसे अफसरों के बीच वासनीकर की भूमिका क्या होगी।
तीसरा संस्थान
नए रायपुर में निर्मित ट्रीपल आईटी राजधानी का तीसरा संस्थान होगा, जिसका प्रधानमंत्री जैसे देश के शीर्ष शख्सियत द्वारा लोकार्पण किया जाएगा। इससे पहले, रायपुर इंजीनियरिंग कालेज जो अब एनआइटी बन गया है, का राष्ट्रपति डा0 राजेंद्र प्रसाद ने शिलान्यास किया था और तबके प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने लोकार्पण। इसी तरह, डीके अस्पताल, याने पुराने मंत्रालय को भी नेहरूजी ने उद्घाटन किया था। और, अब इस कड़ी में ट्रीपल आईटी बिल्डिंग का नाम भी जुड़ गया है। 9 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 120 करोड़ रुपए से बनी भव्य इमारत देश को समर्पित करेंगे।
वोटिंग नहीं
शनिवार को आला नेताओं की मौजूदगी में हुई प्रदेश कांग्रेस कमेटी की बैठक में यह लगभग साफ हो गया कि वोटिंग के जरिये संगठन चुनाव नहीं होगा। बल्कि, मनोनयन होगा। बताते हैं, बंद कमरे में हुई बैठक में अजीत जोगी ने वोटिंग के लिए हरसंभव प्रयास किया मगर आला नेताओं ने इसे खारिज कर दिया। बैठक के बाद प्रदेश प्रभारी बीके हरिप्रसाद ने मीडिया से कहा कि वोटिंग के जरिये संगठन चुनाव होगा या मनोनयन, वे तत्काल अभी कुछ नहीं बता सकते। जाहिर है, कांग्रेस में संगठन खेमे का वर्चस्व कायम रहेगा।
तमतमाए जोगी
शनिवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी की बैठक के बाद लोगों ने पहली बार अजीत जोगी को इस तरह तमतमाए हुए कांग्रेस भवन से निकलते देखा। मीडिया से रुक कर बात करने वाले जोगी इस कदर गुस्से में दिखे कि चलते-चलते मीडिया के एकाध सवाल का जवाब दे पाए। जोगी के गुस्से के तीन कारण गिनाए जा रहे हैं। एक तो दिल्ली के नेताओं द्वारा संगठन खेमे को सीमा से बाहर वेटेज देना। दूसरा, चुनाव के लिए किसी भी सूरत में राजी न होना। और, तीसरा आनलाइन सदस्यों को सीधे वोटिंग का अधिकार न देना। जोगी खेमे ने डेढ़ लाख से अधिक आनलाइन मेम्बर बनाए हैं। वरिष्ठ नेताओं ने मीटिंग में यह कहकर पेंच फंसा दिया कि आनलाइन सदस्यों को पहले ब्लाक और जिला कांग्रेस कमेटी तहकीकात करेगी, फिर उन्हें सक्रिय सदस्य बनाएगी, इसके बाद उन्हें वोटिंग का अधिकार होगा। ऐसे में, भला जोगी को गुस्सा कैसे नहीं आएगा।
आईएएस की आत्मकथा
हायर एजुकेशन सिकरेट्री डा0 बीएल अग्रवाल एक किताब लिखने जा रहे हैं। वे पीएचडी है। हावर्ड युनिवर्सिटी से ट्रेनिंग भी की है। सरकार ने उन्हें विभाग भी उनके अनुरुप दिया है। दिन भर प्रोफेसरों से मिलना-जुलना पड़ता है। हायर एजुकेशन की फाइलों को निबटाते हैं। ऐसे में लगता है, बीएल को विभाग का असर हो रहा है। वे भी लिखने-पढ़ने के मोड में आ रहे हैं। पता चला है, वे अपने प्रशासनिक जीवन के खट्टे-मीठे अनुभवों को किताब मेें उद्धृत करेंगे।
अंत में दो सवाल आपसे
1. छत्तीसगढ़ के एक ब्यूरोक्रेट्स का नाम बताइये, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न केवल जानते हैं, बल्कि गुजरात के सीएम रहतेे हुए कई बार उन्हें अहमदाबाद बुला भी चुके हैं?
2. बीजेपी की राष्ट्रीय महामंत्री सरोज पाण्डेय अब महीने में दो दिन भाजपा कार्यायल में कार्यकर्ताओं से मिलेंगी। इससे सत्ता और संगठन के कान क्यों खड़े हो गए हैं?
2. बीजेपी की राष्ट्रीय महामंत्री सरोज पाण्डेय अब महीने में दो दिन भाजपा कार्यायल में कार्यकर्ताओं से मिलेंगी। इससे सत्ता और संगठन के कान क्यों खड़े हो गए हैं?
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