शनिवार, 25 अप्रैल 2015

तरकश, 26 अप्रैल

tarkash photo

 


15 के बाद

रमन मंत्रिमंडल का बहुप्रतीक्षित फेरबदल और तीन नए मंत्रियों की ताजपोशी अब अगले महीने तक के लिए टल गई है। इसकी वजह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की व्यस्तता बताई जाती है। 25 अप्रैल की रात सीएम की शाह से इस संदर्भ में मुलाकात होनी थी। शाह से हरी झंडी मिलने के बाद संभवतः 27 या 28 अप्रैल को नए मंत्रियों का शपथ ग्रहण होता। लेकिन, ऐसा नहीं हो पाया। शाह से मुलाकात न होने के कारण ही सीएम 25 अप्रैल की शाम ही दिल्ली से लौट आए। संकेत है, अब लोक सुराज अभियान के बाद याने 15 मई के बाद ही अब मंत्रिमंडल का पुनर्गठन हो पाएगा।

पैरेलेल पीसीसी

अभी तक विधायक रेणु जोगी और अमित जोगी ने रायपुर में सरकारी घर नहीं लिया था। वे अजीत जोगी को आबंटित अनुग्रह में ही रहते थे। मगर अब रेणु जोगी ने अपने लिए बंगला अलाट करा लिया है। जोगी के सागौन बंगले से लगभग सटा हुआ। लेकिन, इसका मतलब आप ये मत समझिए कि जोगी दंपति में कोई ऐसी-वैसी बात हो गई है और मैडम अब जोगीजी से अलग अपने नए आशियाने में रहेंगी। असल में, पूर्व मुख्यमंत्री और दो-दो विधायक के हिसाब से अनुग्रह छोटा पड़ रहा था। फिर, भूपेश बघेल के पीसीसी चीफ बनने के बाद तो प्रदेश कांग्रेस कार्यालय से जोगी के संबंध खतम ही हो गए हैं। सो, जोगी बंगले को इस रूप में तैयार किया जा रहा, जिससे वो सुविधाओं के मामले में पीसीसी से कम न लगे। अनुग्रह में हाईटेक कार्यालय बनाया जा रहा है। पीसीसी से भी बढि़यां मीडिया सेंटर होगा। मीडियाकर्मियों के लिए यहां न्यूज भेजने के लिए कंप्यूटर और नेट की सुविधा रहेगी। वातानुकूलित कमरे होंगे। विधायकों और बड़े नेताओं के लिए भी इसमें व्यवस्था रहेगी। याने अनुग्रह से अब पैरेलेल कांग्रेस चलेगी।

भूपेश की चुनौती

पीसीसी चीफ भूपेश बघेल की चुनौती अब उनका तकियाकलाम बनता जा रहा है। शायद ही कोई ऐसा दिन होगा, जो बिना चुनौती कि गुजरा हो। कभी रमन सिंह को, कभी अजीत जोगी को, तो कभी पुलिस को। मुख्यमंत्री को नान की डायरी को सदन मे ंरखने की चुनौती। अजीत जोगी को नान के इश्यू पर बोलने की चुनौती। लोक सुराज अभियान चालू होने पर भूपेश ने कहा, मैं चुनौती देता हूं कि रमन सिंह नक्सल इलाके में बिना सुरक्षा के जाकर दिखाए, मैं….रमन सिंह मेरे साथ गाड़ी में बस्तर चलकर दिखाए, मैं….भूूमि अधिग्रहण बिल पर श्वेत पत्र जारी करें, मैं…..भूमि अधिग्रहण बिल पर रमन सिंह मेरे साथ बहस करें, मैं…..पुलिस मारे गए 35 नक्सलियों की बाडी बरामद कर बताए। भूपेश की चुनौती पर अब कांग्रेस भवन में भी मजे लिए जा रहे हैं….देखना अपना भूपेश भैया आज किसको चुनौती देते हंै।

डीजी पारा

राजधानी के न्यू शांति नगर में नेता प्रतिपक्ष के बंगले से लगा अफसरों का एक छोटा कैम्पस है। इनमें अधिकांश आईपीएस रहते हैं। खासतौर से डीजी या पूर्व डीजी। दिवंगत डीजी ओपी राठौर से इसकी शुरूआत हुई थी। विश्वरंजन भी वहीं रहे। अनिल नवानी भी। उसके बाद गिरधारी नायक और अबके डीजी एएन उपध्याय भी वहीं रहते हैं। यही वजह है कि पुलिस महकमे में वह डीजी पारा के नाम से जाना जाने लगा है। अपवाद के तौर पर रामनिवास को छोड़ दे ंतो पुलिस महकमे में माना जाता है कि डीजी पारा में रहने वाला अफसर ही सूबे का डीजीपी बनता है। ऐसे में, आरके विज अगर डीजी पारा में रहने आए हैं तो उनके लोग मजे लेंगे ही। 88 बैच के आईपीएस विज एडिशनल डीजी हैं। पिछले 15 साल से वे भिलाई से अप-डाउन कर रहे थे। सो, उनकी बिरादरी में चुटकी ली जा रही……डीजी बनने के लिए तो विज कहीं डीजी पारा में नहीं आ गए हैं।

छुपे रुस्तम

दिल्ली में 24 अप्रैल को पंचायत दिवस पर प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी के साथ अपने पंचायत मिनिस्टर अजय चंद्राकर को जिसने भी देखा, कहा, चंद्राकरजी तो छुपे रुस्तम निकले। दरअसल, चंद्राकर ई-पंचायत का राष्ट्रीय पुरस्कार ग्रहण करने गए थे। प्रधानमंत्री ने दीगर राज्यों के पंचायत मंत्रियों की ओर ध्यान नहीं दिया मगर चंद्राकर जैसे ही मंच पर आए, मोदी ने उनके कंधे पर हाथ रखकर कहा, कैसे हो? ठीक है! यही नहीं, मोदी ने छत्तीसगढ़ में पंचायत विभाग के बेहतर काम की तारीफ भी की। अब मोदी जैसे प्राइम मिनिस्टर किसी मंत्री के कंधे पर हाथ रख दें तो सत्ता के गलियारों में तो चर्चा होगी ही। अभी तक राज्य के दो मंत्रियों को ही मोदी जानते थे…..चाहे जिस रूप में हो। एक बृजमोहन अग्रवाल और दूसरे अमर अग्रवाल। सबसे अधिक अमर को। क्योंकि, तबके प्रचारक मोदी के लखीराम अग्रवाल के साथ व्यक्तिगत रिश्ते थे। मोदी कई बार लखीराम के खरसिया और बिलासपुर के घर पर रुक चुके हैं। यहीं नहीं, नवंबर 2000 में नेता प्रतिपक्ष के चुनाव के समय एकात्म परिसर में जब तोड़फोड़ एवं आगजनी हुई थी, तो लखीराम ने ही उन्हें प्रोटेक्ट किया था। बहरहाल, बीजेपी के लोग भी जानना चाह रहे हैं कि कुरुद में पले-बढ़े चंद्राकर ने आखिर कौन-सी गोटी फीट कर ली।

नया अफसर, नया तेवर

प्रधानमंत्री कार्यालय में एक दशक से भी अधिक समय तक काम करके लौटे प्रिंसिपल सिकरेट्री होम एंड ट्रांसपोर्ट बीवीआर सुब्रमण्यिम ने अपनी अलग कार्यशैली से विभाग का ध्यान अपनी ओर खींचा है। उन्हें पहले से पता है कि प्रदूषण के मामले में रायपुर देश के चंद शहरों में शामिल है। सो, उन्होंने कोशिश शुरू की है कि कम-से-कम गाडि़यों का प्रदूषण ही कम हो जाए। इसके लिए गाडि़यों में पौल्यूशन की जांच अनिवार्य किया जा रहा है। पेट्रोल पंपों को जल्द ही निर्देश जारी किए जाएंगे कि बिना पौल्यूशन अंडर कंट्रोल के लेवल चस्पा के वाहनों को फ्यूल न दिया जाए। अफसरों का मानना है कि इससे 50 फीसदी से अधिक व्हीकल पौल्यूशन कंट्रोल हो जाएगा।

पीएम सिक्यूरिटी

छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस विवेकानंद सिनहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सिक्यूरिटी में हैं। हाल के फ्रांस और कनाडा दौरे में वे पीएम के साथ थे। विवेकानंद राजनांदगांव, बस्तर और बिलासपुर के एसपी रह चुके हैं। डीआईजी बनने के बाद वे कुछ दिनों तक पुलिस मुख्यालय में भी रहे। 2013 में वे डेपुटेशन पर देश की सबसे बड़ी सुरक्षा एजेंसी एसपीजी में गए थे।

हफ्ते का व्हाट्सअप

मोदी सरकार को शराब का रेट दोगुना कर देना चाहिए! और, आधा पैसा पीने वाले की पत्नी के एकाउंट में सब्सिडी के रूप में वापिस कर देना चाहिए। इसके दो फायदे होंगे। पहला, पत्नियां अपने पतियों को पीने के लिए कभी मना नहीं करेगी दूसरा, जिस पत्नी का एकाउंट नहीं होगा, उसका भी खुल जाएगा।

अंत में दो सवाल आपसे

1. जोगी खेमा संगठन चुनाव के पक्ष में है और संगठन खेमा उससे बचना चाह रहा है, इसके पीछे वजह क्या है?
2. मार्कफेड के चेयरमैन ने कुर्सी संभालते ही दो फीसदी से अधिक धान का शार्टेज देने वाले डीएमओ की सूची मंगवाई है। सूची कार्रवाई करने के लिए मांगी गई है या इसका कुछ और मतलब है?

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