मलमास में लालबत्ती
लाल बत्ती अभी बंटी नहीं मगर इसके दावेदारों में मलमास का भय जरूर सताने लगा है। 17 जून से मलमास लगा है। याने इस दौरान कोई शुभ काम नहीं होंगे। राजनीति में वैसे भी शुभ वक्त का बड़ा ध्यान रखा जाता है। सो, चिंता लाजिमी है। लाल बत्ती के लिए जिन बड़े नेताओं के नाम लगभग तय है, उनमें से कुछ ने उपर मैसेज कराए हैं…मलमास चल रहा है, कुछ दिन रुक जाता तो…..। हालांकि, ऐसा होना मुमकिन नहीं दिख रहा। क्योंकि, तैयारी पूरी हो गई है। सौदान सिंह इसी सिलसिले में दिल्ली से आए थे। जैसी कि खबरें आ रही हैं अगले हफ्ते बुध-गुरू तक लाल बत्ती का ऐलान हो जाए, तो आश्चर्य नहीं। पार्टी ने अबकी फार्मूला बनाया है, जो दो टर्म कर चुके हैं, वे संगठन में आएंगे और संगठन वाले बोर्ड एवं कारपोरेशनों में।
बोवाज या सिनहा?
वन विभाग नए मुखिया के लिए अरण्यक में सरगर्मियां तेज हो गई है। जिसको जहां बन पड़ रहा है, उस लेवल से एप्रोच लगा रहा है। पीसीसीएफ रामप्रकाश 30 जून को रिटायर होंगे। जाहिर है, 29 जून की शाम तक नए पीसीसीएफ का ऐलान हो जाएगा। सीनियरिटी की दृष्टि से 79 बैच के एके बोवाज पहले नम्बर पर हैं। उनके साथ प्लस यह है कि उनके रिटायरमेंट में तीन साल बाकी है। दूसरे नम्बर पर बीएन द्विवेदी हैं। और, तीसरा बीके सिनहा। वन विभाग के चाणक्य माने जाने वाले सिनहा अगले साल रिटायर होंगे। सिनहा की काबिलियत पर किसी को संशय नहीं है। सिनहा के विरोधियों का भी मानना है कि उनके पीसीसीएफ बनने से वन विभाग का भला होगा। सरकार में भी वे काम कर चुके हैं। लेकिन, दिक्कत यह है कि इसके लिए उन्हें दो अफसरों को ओवरलुक करना होगा। फिर, राजनीतिक परिस्थितियां भी बहुत ज्यादा उनके अनुकूल नहीं है। यही वजह है, वन महकमे के लोग मान रहे हैं कि सिनियरटी को वेटेज देते हुए सरकार कहीं बोवाज के नाम पर मुहर न लगा दें।
छोटी लिस्ट
कलेक्टरों की एक बड़ी लिस्ट जुलाई में विधानसभा के मानसून सत्र के बाद निकलेगी। मगर दो-तीन कलेक्टरों की लिस्ट अगले हफ्ते निकल सकती है। इनमें सभी छोटे जिले के कलेक्टर शामिल है। इनमें दो प्रमोटी और एक डायरेक्टर आईएएस को एडजस्ट किया जाएगा। खबर है, कुछ छोटे जिलांें के कलेक्टरों की बड़ी शिकायतें है। वे शासन का काम छोड़कर बाकी सब कर रहे हैं।
मनमोहन ठीक थे
विधानसभा के सेंट्रल हाल में सरकार के योगाभ्यास के दौरान मंत्रियों एवं विधायकों ने खूब चूहल भी किए। एक टांग पर खड़े होकर योग करने के बाद एक मंत्री वरिष्ठ मंत्री ने हौले से चुटकी ली, इससे बढि़या मनमोहन सिंह थे। कम-से-कम एक टांग पर खड़ा तो नहीं कराया। अजय चंद्राकर की सेहत ठीक नहीं थी। इसलिए, वे महज हाजिरी लगाने के लिए विधानसभा पहुंचे थे। बिल्कुल योगी अंदाज में। धोती-कुर्ता पहनकर। स्पीकर कक्ष में उनको देखकर प्रेमप्रकाश पाण्डेय बोले, अजय जी जब से हेल्थ मिनिस्टर बनें हैं, इनका स्वास्थ्य खराब होने लगा है।
दोनों कामयाब
राहुल गांधी के छत्तीसगढ़ दौरे से कांग्रेस का कितना भला हुआ, ये बताने की जरूरत नहीं है मगर संगठन और विरोधी, दोनों खेमा अपने मकसद में शत-प्रतिशत कामयाब रहा। राहुल के बिलासपुर एयरस्ट्रीप पर उतरने से लेकर दूसरे दिन रायपुर में नए कांग्रेस भवन के शिलान्यास तक शत-मात का खेल सबने देखा। पूरे दौरे में संगठन ने विरोधी खेमे को किनारे करने में कोई कसर नहीं छोड़ी, तो विरोधी खेमा राहुल के दौरे को वाट लगाने में। विरोधी गुट राहुल के हर कार्यक्रम में यह मैसेज देने में कामयाब रहा कि यहां उन्हें इगनोर नहीं किया जा सकता। इगनोर किया गया तो इसी तरह की स्थितियों का सामना करना पड़ेगा…..पार्टी सुप्रीमो राहुल गांधी के सामने उंगली दिखाकर तू-तू-मैं-मैं होते पूरे देश ने पहली बार देखा ही।
अंत में दो सवाल आपसे
1. राहुल गांधी के दौरे के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता मायूस होकर ऐसा क्यों कहने लगे हैं कि रमन सिंह चैथी बार सरकार बना लेंगे?
2. मंत्रालय में एक आला अधिकारी के दो स्टाफ को किस आरोप में यकबयक हटा दिया गया?
2. मंत्रालय में एक आला अधिकारी के दो स्टाफ को किस आरोप में यकबयक हटा दिया गया?
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