,9 अप्रैल
संजय दीक्षित
अविभाजित मध्यप्रदेश में 10 साल कलेक्टरी का रिकार्ड अजीत जोगी के नाम दर्ज है। तो छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक समय तक कलेक्टरी का रिकार्ड ठाकुर रामसिंह ने अपने नाम किया है। पूरे नौ साल। रायगढ़ से उनकी कलेक्टरी का सफर शुरू हुआ, वह दुर्ग, बिलासपुर होते हुए रायपुर में खतम हुआ। दूसरे नम्बर पर हाउसिंग बोर्ड के कमिश्नर और डायरेक्टर टाउन एंड कंट्री प्लानिंग सिद्धार्थ कोमल परदेशी हैं। परदेशी की कलेक्टरी सात साल रही। राम सिंह की तरह परदेशी ने भी लगातार चार जिला किया। कवर्धा, राजनांदगांव, रायपुर और बिलासपुर। लगातार चार जिले का रिकार्ड भी इन्हीं दोनों आईएएस के नाम दर्ज है। वैसे, मुकेश बंसल और अलरमेल ममगई डी लगातार तीन जिले कर रहे हैं। सो, लगातार चार जिले का रिकार्ड कभी भी टूट सकता है। दोनों की कलेक्टरी सवा पांच साल से अधिक हो गई है। बावजूद इसके जोगी की तरह राम सिंह का नौ साल वाला रिकार्ड टूटना जरा मुश्किल लगता है। राम सिंह को खतरा सिर्फ बंसल से है। वे जिस सधे अंदाज से खेल रहे हैं, कम-से-कम एक जिला और करेंगे। फिर भी, सरकार की इस पारी में नौ साल वाला टूटना संभव नहीं है। और, बंसल अगर ऐसा नहीं कर पाए तो आगे नामुमकिन समझिए। अब तो इतने नए आईएएस आ गए हैं कि दो-तीन जिला हो जाए, तो काफी है। उपर से सरकार आजकल एक जिले के बाद ब्रेक देने लगी है। हिमशिखर गुप्ता और देव सेनापति के बारे में भला किसने सोचा था कि उनकी कलेक्टरी में ब्रेक लग जाएगी।
अविभाजित मध्यप्रदेश में 10 साल कलेक्टरी का रिकार्ड अजीत जोगी के नाम दर्ज है। तो छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक समय तक कलेक्टरी का रिकार्ड ठाकुर रामसिंह ने अपने नाम किया है। पूरे नौ साल। रायगढ़ से उनकी कलेक्टरी का सफर शुरू हुआ, वह दुर्ग, बिलासपुर होते हुए रायपुर में खतम हुआ। दूसरे नम्बर पर हाउसिंग बोर्ड के कमिश्नर और डायरेक्टर टाउन एंड कंट्री प्लानिंग सिद्धार्थ कोमल परदेशी हैं। परदेशी की कलेक्टरी सात साल रही। राम सिंह की तरह परदेशी ने भी लगातार चार जिला किया। कवर्धा, राजनांदगांव, रायपुर और बिलासपुर। लगातार चार जिले का रिकार्ड भी इन्हीं दोनों आईएएस के नाम दर्ज है। वैसे, मुकेश बंसल और अलरमेल ममगई डी लगातार तीन जिले कर रहे हैं। सो, लगातार चार जिले का रिकार्ड कभी भी टूट सकता है। दोनों की कलेक्टरी सवा पांच साल से अधिक हो गई है। बावजूद इसके जोगी की तरह राम सिंह का नौ साल वाला रिकार्ड टूटना जरा मुश्किल लगता है। राम सिंह को खतरा सिर्फ बंसल से है। वे जिस सधे अंदाज से खेल रहे हैं, कम-से-कम एक जिला और करेंगे। फिर भी, सरकार की इस पारी में नौ साल वाला टूटना संभव नहीं है। और, बंसल अगर ऐसा नहीं कर पाए तो आगे नामुमकिन समझिए। अब तो इतने नए आईएएस आ गए हैं कि दो-तीन जिला हो जाए, तो काफी है। उपर से सरकार आजकल एक जिले के बाद ब्रेक देने लगी है। हिमशिखर गुप्ता और देव सेनापति के बारे में भला किसने सोचा था कि उनकी कलेक्टरी में ब्रेक लग जाएगी।
एक मिश्राजी गए, दूसरे….
सरकार की छबि चमकाने वाले विभाग जनसंपर्क से सिकरेट्री गणेश शंकर मिश्रा गए। उनके बदले में दूसरे मिश्राजी आ गए हैं। दूसरे मिश्राजी बोले तो संतोष मिश्रा। दोनों में अंतर है। पहले वाले माटी पुत्र थे। अभी वाले कानपुर से हैं। अभी वाले घर से भी मजबूत हैं। पत्नी आईपीएस हैं। डीआईजी एडमिनिस्ट्रेशन। नए सिकरेट्री टूरिज्म में कई क्रियेटिव काम कर चुके हैं। सिरपुर का वैभव देखने दलाई लामा तक को ले आए। बहरहाल, नाम संतोष है तो उम्मीद कीजिए, नाम के अनुरुप काम भी देखने को मिलेंगे। आखिर, सुनिल कुमार जैसे सीएस ने उनके काम को देखकर ही कई अहम जिम्मेदारियां सौंप रखी थी।
रमन ने मिलाई जोड़ी
आईएएस अफसरों के फेरबदल में सरकार ने जोड़ी का भी खयाल रखा। सोनमणि बोरा को सिकरेट्री महिला एवं बाल विकास बनाया गया तो डायरेक्टर संजय अलंग को। बोरा जब बिलासपुर कमिश्नर थे तो अलंग मुंगेली कलेक्टर। दोनों गुरू-चेला मुंगेली में स्वच्छ भारत मिशन में बढ़ियां काम कर रहे थे। सरकार ने अलंग को एचओडी बना दिया तो बोरा को उसी विभाग का सिकरेट्री। अब, दोनों महिला एवं बाल विकास का भला करेंगे। इसी तरह, जशपुर कलेक्टर हिमशिखर गुप्ता को मार्कफेड का एमडी अपाइंट किया है। मार्कफेड के चेयरमैन राधाकृष्ण गुप्ता है। याने गुप्ताज के हाथ में मार्कफेड।
सेकेंड लिस्ट का खौफ
सरकार चाइना में है और यहां कलेक्टरों की धड़कनें बढ़ी हुई है। दरअसल, कलेक्टरों की पहली सूची जारी करने के बाद सरकार ने संकेत दिए थे कि चाइना से लौटने के बाद सेकेंड लिस्ट निकलेगी। बीपी बढ़ने के लिए इससे ज्यादा क्या चाहिए। जो कलेक्टर हैं, उन पर जिला खिसकने का खतरा मंडरा रहा है। और, जो क्यूं में हैं उन्हें कलेक्टरी मिलने की बेचैनी। कुल मिलाकर परेशान लगभग सभी हैं।
एसपी भी
टीम रमन के चाइना से लौटने के बाद एसपी लेवल पर भी चेंज हो सकते हैं। खास कर जिनका दो साल हो गया है, उन पर तो तलवार लटकी ही समझिए। सूत्रों की मानें तो चार-पांच एसपी तो चेंज हो ही सकते हैं। खास तौर से उन एसपी का नाम लिस्ट में सबसे उपर बताया जा रहा है, जिनके संरक्षण में जुआड़ियों और कबाड़ियों की पांचों उंगलियां घी में है। याद होगा, पिछले एसपी कांफें्रस में सीएम ने जुआ खिलाने वाले एसपीज पर गंभीर टिप्पणी की था कि पान ठेले वालों को पता रहता है कि जुआ कहां हो रहा है। एसपी को कैसे नहीं मालूम होगा? इसलिए, ठीकरा फूटेगा।
डान को कम मत समझना
एडीजी मुकेश गुप्ता भले ही इंटेलिजेंस में नहीं हैं, मगर जलवा उससे कहीं अधिक है। एसीबी के छापे में आपने देखा ही। भ्रष्ट अफसरों के ठिकानों पर छापे मारने के लिए सरकार ने हेलिकाप्टर दे दिया। देश में यह संभवतः पहला मौका होगा, जब सरकार ने एसीबी के आपरेशन के लिए हेलिकाप्टर मुहैया कराया हो। भ्रष्ट अफसरों को दबोचने के लिए एसीबी की टीम हेलिकाप्टर से कोरबा पहुंची। हालांकि, ऐसा करके चाइना में बैठी सरकार ने दो मैसेज दिया है। पहला, हमारे डान को कम मत समझना। और दूसरा, भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ मुहिम और तेजी की जाएगी। हालांकि, एक स्ट्रोक में विदेशी पिस्तौल समेत 100 करोड़ की संपति का पता लगाकर एसीबी ने अबकी धमाका ही कर दिया।
सोनिया, राहुल का करीबी कौन?
डा0 भीमराव आंबेडकर के जन्मदिन के मौके पर नागपुर में 11 अप्रैल को कांग्रेस एक बड़ा आयोजन करने जा रही है। इसमें सोनिया एवं राहुल दोनों मंच पर होंगे। और, छत्तीसगढ़ से अजीत जोगी तथा भूपेश बघेल भी। सीडी कांड के बाद यह पहला अवसर होगा, जब सोनिया, राहुल के मंच पर एक साथ जोगी और बघेल भी होंगे। जोगी पहले ही ऐलान कर चुके थे एआईसीसी से उन्हें बुलौवा आया है। वहां उनका भाषण होगा। अब, सोनिया, राहुल के मंच से जोगी का संबोधन….नींद तो उड़नी ही थी। भूपेश बघेल ने शनिवार को प्रेस कांफे्रंस कर बताया कि वे भी नागपुर जा रहे हैं। अब, सबकी नजर नागपुर के कार्यक्रम पर टिक गई है कि वहां सोनिया किसे वेटेज देती है…..कौन सोनिया के बगल में बैठेगा, कौन भाषण देगा। सोनिया की मौजूदगी में राहुल किसे लिफ्ट देते हैं।
अंत में दो सवाल आपसे
1. हाल ही में हुए फेरबदल में किस सिकरेट्री का घेरकर शिकार किया गया?
2. टीम रमन के चाइना जाने के बाद बृजमोहन अग्रवाल हिन्दुत्व को लेकर इतना आक्रमक क्यों हो गए हैं?
2. टीम रमन के चाइना जाने के बाद बृजमोहन अग्रवाल हिन्दुत्व को लेकर इतना आक्रमक क्यों हो गए हैं?
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