23 अक्टूबर
संजय दी़क्षत
बस्तर के एक कलेक्टर फेमिली के साथ इजीप्त एवं तुर्की के निजी दौरे पर गए हैं। इजिप्त में उन्होंने अपना जन्मदिन मनाया। इससे पहले बस्तर के एक एसपी और राजधानी में पोस्टेड एक आईएएस यूरोप की सैर करके आ चुके हैं। पहले सिकरेट्री बनने के बाद ही आईएएस अपने खर्चे से विदेश जाने के लिए सोच पाते थे। मगर अब तो प्रोबेशन के साथ ही वे शुरू हो जा रहे हैं। इसलिए, धन-वन की दिक्कत रहती नहीं। तभी तो आईएएस में छत्तीसग़ढ़ को टॉप कैडर माना जा रहा है। उसमें भी बस्तर तो उनके लिए स्वर्ग ही मानिये।
संजय दी़क्षत
बस्तर के एक कलेक्टर फेमिली के साथ इजीप्त एवं तुर्की के निजी दौरे पर गए हैं। इजिप्त में उन्होंने अपना जन्मदिन मनाया। इससे पहले बस्तर के एक एसपी और राजधानी में पोस्टेड एक आईएएस यूरोप की सैर करके आ चुके हैं। पहले सिकरेट्री बनने के बाद ही आईएएस अपने खर्चे से विदेश जाने के लिए सोच पाते थे। मगर अब तो प्रोबेशन के साथ ही वे शुरू हो जा रहे हैं। इसलिए, धन-वन की दिक्कत रहती नहीं। तभी तो आईएएस में छत्तीसग़ढ़ को टॉप कैडर माना जा रहा है। उसमें भी बस्तर तो उनके लिए स्वर्ग ही मानिये।
सीएम ने नाम काटा और पीए….
छत्तीसगढ़ में विदेश जाने के लिए मंत्रियों, अधिकारियों में होड़ मची हुई है, तो पीए कैसे पीछे रहेंगे। वो भी 13 साल वाले। हाल की बात है। एक सीनियर मंत्री और उनके अफसर सरकारी दौरे पर विदेश गए थे। पीए ने जिद किया तो मंत्री ने उसका नाम भी लिस्ट में जोड़ दिया। फाइल सीएम के पास गई। डाक्टर साब को नागवार गुजरा कि पीए भी…। उन्होंने उसका नाम काट दिया। लेकिन, ढिठाई देखिए, सीएम की मनाही के बाद पीए अपने खर्चे पर मंत्री के साथ विदेश उड़ गया। सचमुच रामराज ही आ गया है छत्तीसगढ़ में।
मेंटर के लिए मेंटर
एक आईएएस ने एंबुलेंस चालक को थप्पड़ जड़ दिया। असल में, चालक नशे में एंबुलेंस को लहरा कर चला रहा था। आईएएस ने देखा तो एंबुलेंस को रोककर ड्राईवर का नशा उतार दिया। बाद में, उसे सस्पेंड भी कर दिया गया। हेल्थ विभाग के कर्मचारियों में इसको लेकर बड़ा रंज है….आईएएस थप्पड़ कैसे मार सकता है। आपको बता दें, जिसने थप्पड़ मारा है, उसे आईएएस शिवअनंत तायल एपीसोड के बाद आईएएस एसोसियेशन ने मेंटर अपाइंट किया है। याने वह डिरेल आईएएस को समझा-बूझा कर लाइन पर लाएगा। मगर लगता है, एसोसियेशन को अब मेंटर के लिए मेंटर अपाइंट करना पड़ेगा।
चौथी महिला सिकरेट्री
2001 बैच की महिला आईएएस शहला निगार की सिकरेट्री के लिए शुक्रवार को डीपीसी हो गई। शनिवार को उनका आर्डर भी निकल गया। मंत्रालय में वे चौथी महिला सिकरेट्री होंगी। कभी सिर्फ रेणू पिल्ले होती थीं। लेकिन, अब रीचा शर्मा, एम गीता और अब शहला भी। शहला को सरकार ने हाल ही में स्पेशल सिकरेट्री के रूप में पीएचई की कमान सौंपी थी। बढ़ियां है, शहला अब मेन ट्रेक पर आ गई हैं। वरना, अपने बैच के सेकेंड टॉपर रही शहला को 15 साल में कभी अच्छी पोस्टिंग मिली नहीं। कलेक्टर के रूप में कोरिया भेजी गई। मगर वहां से भी साल भर में ही रायपुर बुला ली गईं। उसके बाद ज्यादा समय उनका फायनेंस में ही गुजरा। शहला को फायनेंस सिकरेट्री अमित अग्रवाल को थैंक्स बोलना चाहिए। अमित के फायनेंस संभालने के बाद ही शहला को फायनेंस से मुक्ति मिली।
थकान मिटाने स्विटजरलैंड
फिनलैंड के स्टडी टूर के बाद सिकरेट्री एजुकेशन विकास शील रायपुर लौट आए हैं। लेकिन, शिक्षा मंत्री केदार कश्यप, डायरेक्टर एजुकेशन कैसर हक और डायरेक्टर एससीआरटी सुधीर अग्रवाल और उनकी पत्नियां अध्ययन की थकान मिटाने पर्सनल टूर पर फिनलैंड से स्विटजरलैंड चले गए हैं। विकास शील करते भी क्या। पूरी टीम में वे अकेले सिंगल थे। उनकी निधि तो यहीं थीं। फिनलैंड में सभी मौज-मस्ती कर रहे थे। और, विकास शील बोर हो रहे थे। आखिर, धूंए की छल्ले कितना उडाते। बहरहाल, जिन अफसरों के नाम कटवा कर पत्नियों के नाम जोड़े गए, सरकार को जरा उनका हाल भी पूछ लेना चाहिए। उनके नाते-रिश्तेदारों तक खबर हो गई थी, फलां विदेश जा रहे हैं। अब घर से निकलना दूभर हो गया है।
शिखा का बदलेगा विभाग?
कोंडागांव कलेक्टर शिखा राजपूत को सरकार ने पिछले महीने ही स्वच्छ भारत मिशन का डायरेक्टर अपाइंट किया था। कोंडागांव जाने से पहिले वे पंचायत में रह चुकी थीं। लिहाजा, उनके आग्रह पर सरकार में उनका विभाग बदलने पर विचार किया जा रहा है।
फर्स्ट टाईम सत्र नवंबर में
राज्य बनने के बाद यह पहला मौका होगा, जब विधानसभा का शीतकालीन सत्र नवंबर में होगा। विधानसभा ने इसके लिए 15 से 19 नवंबर की तारीख मुकर्रर की है। वरना, पहले दिसंबर फर्स्ट या सेकेंड वीक में ही शीतकालीन सत्र होता था। दरअसल, विधानसभा अध्यक्ष समेत उनका अमला दिसंबर में विदेश जा रहा है। इसलिए, अबकी समय से पहले सत्र निबट जाएगा।
कटियार की छुट्टी क्यों?
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के सीईओ एवं आईएफएस अफसर आलोक कटियार की सरकार ने एक झटके में छुट्टी कर दी। कटियार साधारण आईएफएस नहीं हैं। रमेश बैस के दामाद के बड़े भाई ठहरे। सत्ता के गलियारों में उनके रुतबे का क्या कहने। मंत्रालय की हाई प्रोफाइल मीटिंगों में टीशर्ट और जिंस पहनकर जाने पर भी किसी आईएएस की टोकने की हिम्मत नहीं होती थी। पिछले साल उन्हें खादी ग्रामोद्योग बोर्ड का सीईओ बनाया गया था। तो कमजोर पोस्टिंग मान उन्होंने महीना भर तक ज्वाईन नहीं किया। बाद में, सरकार ने उनके लिए पीएमजीएसवाय से सुधीर अग्रवाल को हटाकर कटियार का सीईओ का आर्डर निकाला। तब जाकर उन्होंने दोनों जगहों पर ज्वाईन किया। लेकिन, वक्त देखिए! कटियार को अब खादी ग्रामोद्योग में ही वक्त गुजारना होगा, जिसे वे अपने हैसियत से छोटा मान ज्वाईन नहीं कर रहे थे। रमेश बैस का अमित शाह के दूत बीएल संतोष के समक्ष सरकार के खिलाफ भड़ास निकालना कटियार के लिए कहीं भारी तो नहीं पड़ गया।
आखिरी बात हौले से
प्रधानमंत्री के दौरे को देखते पता चला है रमन सरकार ने काला चश्मे की बिक्री पर पाबंदी लगाने जा रही है। सरकार को खुफिया इनपुट्स मिले हैं कि सूबे के कुछ फेसबुकिया आईएएस काला चश्मा पहनकर सुर्खिया बटोरने की कोशिश कर सकते हैं।
अंत में दो सवाल आपसे
1. किस कलेक्टर के खिलाफ विभागीय जांच की तैयारी चल रही है?
2. एक पीए को लेकर किस मंत्री के बंगले के स्टाफ में बगावत के हालात निर्मित हो गए हैं?
2. एक पीए को लेकर किस मंत्री के बंगले के स्टाफ में बगावत के हालात निर्मित हो गए हैं?
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