6 अगस्त
संजय दीक्षित
सतत् विकास और प्रशासकीय सुधार पर स्टेट प्लानिंग कमीशन ने नया रायपुर में नेशनल वर्कशॉप किया। इसमें देश भर से एक दर्जन से अधिक जाने-माने नौकरशाहों ने भी शिरकत की। 64 बैच के डा0 एनसी सक्सेना, 73 बैच के फार्मर सिकरेट्री सत्यानंद मिश्रा, तो तीन प्रधानमंत्रियों के ज्वाइंट सिकरेट्री रहे 68 बैच के एसएस मीनाक्षीसुंदरम भी। वर्कशॉप के समापन समारोह में सीएम डा0 रमन सिंह भी पहुंचे। कार्यक्रम में दिग्गज हस्तियां को देखकर सीएम ने अफसोस जाहिर किया…..दिग्गज ब्यूरोक्रेट्स एवं डिफरेंट फील्ड से देश के नामचीन विद्वान छत्तीसगढ़ आए हैं….काश! मैं दोनों दिन वर्कशॉप में मौजूद रहता तो मुझे और सीखने को मिलता। मगर हैरानी की बात ये कि इस वर्कशॉप में एक भी ब्यूरोक्रेट्स नजर नहीं आए। जबकि, विधानसभा भी एक दिन पहले दोपहर में समाप्त हो गया था। वैसे, छत्तीसगढ़ के सर्वज्ञानी नौकरशाहों को सीखने की जरूरत भी नहीं है। दिग्विजय सिंह ने मध्यप्रदेश से चुन-चुनकर छंटे हुए अफसरों को जो यहां भेजा है….।
वेट फॉर सुटेबल आईएएस?
बिल्डरों पर लगाम लगाने के लिए बनाए जा रहे रियल इस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी के गठन में अभी कुछ और वक्त लग सकते हैं। वजह? सुटेबल कंडिडेट नहीं मिल रहा है। सरकार ने जस्टिस प्रितिंकर दिवाकर की अध्यक्षता में कमिटी बना दी है। पीएस आवास एवं पर्यावरण अमन सिंह और पीएस लॉ आरके शर्मा इसके सदस्य हैं। चेयरमैन के लिए दो आवेदन भी आए हैं…..रिटायर एसीएस डीएस मिश्रा और एनके असवाल के। लेकिन, कमिटी की अभी एक भी बैठक नहीं हुई है। लिहाजा, माना जा रहा है, इस रसूखदार पद के लिए सरकार की तलाश अभी पूरी नहीं हुई है। चेयरमैन के लिए रिटायर प्रिंसिपल सिकरेट्री से लेकर चीफ सिकरेट्री तक अप्लाई कर सकते हैं। ऐसे में, सवाल तो उठते हैं….सरकार कहीं किसी सुटेबल आईएएस के रिटायर होने की प्रतीक्षा तो नहीं कर रही है?
बीजेपी डिफेंसिव
बीजेपी की थर्ड इनिंग में यह पहिला मौका होगा, जब सत्ताधारी पार्टी डिफेंसिव दिखी। प्रेमप्रकाश पाण्डेय और अजय चंद्राकर की सलामी जोड़ी ने पारी संभालने की भरपूर कोशिश की। मगर जिस तरह के कांफिडेंस पहले दिखते थे, वह नदारत था। कांग्रेस ने इसका लाभ उठाने में कोई गलती नहीं की। मुख्य विपक्षी पार्टी के लिए भी हॉवी होने का यह पहला मौका था। नेता प्रतिपक्ष का उत्साह देखिए, पार्टी से अलग लाइन लेने पर सियाराम कौशिक और आरके राय को उन्होंने विधानसभा की लॉबी में ही बोल दिया…..निष्कासित किए जाएंगे। और, अगले दिन नोटिस भी इश्यू हो गई। कांग्रेस ने अपना घर दुरुस्त करना शुरू कर दिया है तो सत्ताधारी पार्टी को सोचना चाहिए।
हार्ड लक
यूपीएससी में अबकी छत्तीसगढ़ के लिए बड़ा हार्डलक रहा। सिर्फ एक आईएएस से संतोष करना पड़ा। डिप्टी कलेक्टर चंद्रकांत वर्मा सलेक्ट हुए। सर्वाधिक अफसोस दंतेवाड़ा की नम्रता जैन के लिए हुआ। 99 रैंक आने के बाद भी वे आईएएस के लिए सलेक्ट नहीं हो पाईं। इस बार उन्होंने यूपीएससी भी नहीं दिया। शायद उन्हें पूरा भरोसा रहा होगा। लानत है, बस्तर में पोस्टेड आईएएस अफसरों को। आमतौर पर परिपाटी रही है, यूपीएससी में परफार्म करने वाले प्रतिभागियों से वहां पोस्टेड आईएएस बुलाकर मिलते थे….एंकरेज करते थे…..उन्हें बताते थे कि अगली बार ये चूक मत करना। लेकिन, बस्तर के किसी भी नौकरशाह ने नम्रता को नहीं बताया कि रिस्क लेने की बजाए यूपीएससी फिर कंपीट करो।
पोस्टिंग या वरदान
यूपीएससी के इंटरव्यू के हफ्ते भर पहिले चंद्रकांत वर्मा को सरकार ने जब जनपद सीईओ बनाकर कोंटा भेजा, तो जाहिर है, उन्हें बुरा लगा होगा….सरकार ने कहां आंध्र के बार्डर पर पटक दिया। मगर कोंटा की पोस्टिंग चंद्रकुमार वर्मा के लिए वरदान बन गई। धुर नक्सल प्रभावित बस्तर लाइमलाइट में है। जाहिर है, वहां नौकरी करने वालों के प्रति स्वाभाविक तौर पर एक अलग दृष्टिकोण बनता है। वरना, चंद्रकांत का 352 रैंक था। कह सकते हैं, एकदम बाउंड्री पर। ऐसे में, कुछ भी हो सकता था।
चोरी और सीनाजोरी
सर्वेश्वर एनईकट के टेंडर में सिंचाई विभाग के अफसरों ने 15 करोड़ का खेल कर दिया। 41 और 42 करोड़ रेट देने वाली पार्टियों को कितने डेसिंग के साथ बाहर किया गया, इसके सारे पेपर हैं। कंट्रक्शन कंपनियों को जिस आधार पर बाहर किया गया, उन्हें कुछ दिन बाद फिर उसी बेस पर टेंडर प्रदान किया गया। इसके बाद भी सिंचाई विभाग सफाई दे रहा है, तो ये चोरी और सीनाजोरी ही तो हुआ।
अंत में दो सवाल आपसे
1. कांग्रेस नेताओं की जमीन की जांच-पड़ताल, नापी-जोखी अब सरकार करवाएगी?
2. सरकार के किस मंत्री की आजकल जोगी कांग्रेस से खूब छन रही है?
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