बुधवार, 16 अगस्त 2017

लक्ष्मी पुत्रों के दिन खराब


13 अगस्त
संजय दीक्षित
आमतौर पर लोग कहते हैं, छत्तीसगढ़ में अग्रवालों की सरकार है….अच्छी पोस्टिंग के लिए वैश्य होना जरूरी है। मगर राहु एवं गुरू के गोचर होने के कारण वैश्य नेताओं और अफसरों के अब बुरे दौर शुरू हो गए हैं। सबसे पहिले मोहन भैया की बात करें। राहु और गुरू के एक साथ आने का कुप्रभाव कहें कि उनके जैसे मैच्योर लीडर खम ठोककर लगा ललकारने…..सुन लो….तुम्हारे भी बाल-बच्चे हैं। राहु का दूसरा शिकार बनें डीआईजी केसी अग्रवाल। 5 अगस्त को दिन भर पीएचक्यू में नौकरी बजा कर शाम सात बजे भिलाई स्थित घर पहुंचे थे। अगले दिन संडे था। डिनर के बाद परिवार के साथ संडे का प्लान बना रहे थे कि कॉल बेल बजा। दरवाजा खोले तो देखा एआईजी अभिषेक पाठक हाथ में लिफाफा लिए गमगीन मुद्रा में खड़े हैं। पाठक से लिफाफा लेकर जब उसे खोला तो केसी के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। उन्हेंं नौकरी से रिटायर कर दिया गया था। केसी के खिलाफ आरोप क्या है, किसी को नहीं मालूम। ना कोई डीई, ना ही जांच….फिर भी निबट गए। 11 अगस्त को प्रिंसिपल सिकरेट्री रैंक के आईएएस बाबूलाल अग्रवाल की छुट्टी हो गई। और, इसी दिन धमतरी की अग्रवाल महिला ने जिन आईपीएस अफसरों के साथ अपने रिश्ते जोड़े हैं, वे भी आखिर लक्ष्मीपुत्र ही हैं। ऐसे में, दीगर अग्रवाल नेताओं और अफसरों को कोई नुकसान हो, इससे पहिले उन्हें राहु को ठंडा करने का कोई उपाय करा लेना चाहिए।

3-2 का स्कोर

5 अगस्त को दो डीआईजी को फोर्सली रिटायर करने की खबर ने आईपीएस बिरादरी को हिला दिया। कई अफसरों की तो सदमे जैसी स्थिति थी। 6 को रविवार था। पीएचक्यू के 90 परसेंट से अधिक अफसरों ने अपना मोबाइल बंद कर दिया था। या फिर फोन पिक नहीं किया। बेचारे अपने मुंह से इस बुरी खबर की पुष्टि करना नहीं चाहते थे….लग रहा था, अपना कोई चला गया। गुस्सा भी था….आईपीएस ही क्यों….? तीन-तीन आईपीएस और आईएएस एक भी नहीं। ये तो पक्षपात है….आईएएस को बचाया जा रहा है। आईपीएस अफसरों के चेहरे पर चमक तब आई जब 11 अगस्त को सुबह अचानक स्कोर बोर्ड 3-2 बताने लगा। आईएएस अजयपाल और बाबूलाल पेवेलियन लौट चुके थे। चलिये, आईपीएस में कम-से-कम ये बात अच्छी है, वे अपने प्रमोटी आईपीएस के लिए भी दुखी होते हैं। आईएएस लॉबी प्रमोटी को बड़ा बाबू से ज्यादा नहीं समझती।

महिला होने का वेटेज

ऑल इंडिया सर्विस रिव्यू कमेटी ने तीन आईएएस के नाम भारत सरकार को भेजे थे। इनमें अजयपाल और बाबूलाल के अलावा एक महिला आईएएस भी थीं। महिला अफसर के खिलाफ जमीन से संबंधित कोई पुराना मामला है। महिला एक वर्ग विशेष से भी आती है। जाहिर है, उनकी छुट्टी होने पर मैसेज अच्छा नहीं जाता। लिहाजा, डीओपीटी ने उन्हें कंसीडर कर लिया।अब आईएफएस का नम्बरआईपीएस, आईएएस से पांच अफसरों की छंटनी के बाद अब ऑल इंडिया सर्विस में आईएफएस कैडर बच गया है। रिव्यू कमेटी ने आईएफएस अफसरों के नाम भी भारत सरकार को भेजा है। इस कैडर से भी कम-से-कम दो आफिसर्स के रिमूव होने की चर्चा है।

कलेक्टरी के दावेदार

राप्रसे के 9 अफसरों के आईएएस अवार्ड होने के बाद कलेक्टरी के दावेदारों की संख्या और बढ़ गई है। इनमें जितेंद्र शुक्ला को जिला मिलना इसलिए तय लग रहा है क्योंकि, उन्हें 2009 बैच मिला है। सूबे में 2010 बैच के चार में से तीन आईएएस कलेक्टर बन गए हैं। दूसरा, जितेंद्र सरकार के लिए टेस्टेड हैं। जोगी के समय उनके गृह जिले के एसडीएम रहे। और, बीजेपी सरकार में बिलासपुर, कोरबा और रायपुर जैसे निगम के कमिश्नर। लंबे समय से वे राजघानी में सरकार के नजदीक रहकर काम कर रहे हैं। हालांकि, रसूख के मामले में तारण सिनहा का जवाब नहीं है। मगर उनका बैच 2011 मिला है। इस बैच के आईएएस अभी कलेक्टर बने नहीं है। अगर समरथ को नहीं…..वाला मामला रहा तो तारण को भी मौका मिल सकता है।

 साब! 500 ले लो…

रायपुर नगर निगम ने खुले में शौच करने वालों के खिलाफ मुहिम छेड़ दी है। कमिश्नर रजत बंसल से लेकर पूरा अमला सुबह पांच बजे निकल पड़ता है। इस दौरान निगम अफसरों को ऐसे वाकयों से साबका पड़ रहा है कि बताने में वे शरमा जा रहे हैं। जोन क्रमांक तीन के अफसरों को शुक्रवार को एक अधेर व्यक्ति से पाला पड़ा, जो काफी प्रेशर में था। अफसरों ने कहा, तूने अगर यहां……तो 500 रुपए जुर्माना देना होगा। जवाब मिला….साब! 500 ले लेना, मगर अभी तो मत रोको और वहीं बैठ गया। अफसरों को मुंह घुमाने के अलावा कोई चारा नहीं था। हालांकि, उसकी इमरजेंसी देखकर हेल्थ आफिसर ने उसे माफी दे दी। बहरहाल, लोगों को टायलेट का यूज करने के लिए प्रेरित करने में निगम अमले को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। समता कालोनी से लगे झुग्गी-झोपड़ी इलाके में अफसर जब समझाइस देने पहुंचे तो कुछ लोगों ने ऐसी व्यथा सुना दी कि अफसर निरुत्तर हो गए….साब, टॉयलेट तो बन गया है, लेकिन बंद जगह पर प्रे..श…..र बनता नहीं है। लगता है, मोदीजी के इस अभियान को सफल होने में अभी वक्त लगेगा।

आ बैल मुझे मार

दंतेवाडा के पालनार कन्या छात्रावास में जो कुछ हुआ, उसे पुलिस के लिए आ बैल मुझे मार से ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता। आला अफसरानों को इसकी जांच करनी चाहिए कि किसके निर्देश पर सीआरपीएफ के जवानों को लड़कियों के हॉस्टल में राखी बंधवाने के लिए भेज दिया गया। और, वो भी दो सौ से अधिक जवानों को। कॉमन सेंस होना चाहिए, इतनी अधिक संख्या में पैरा मिलिट्री फोर्स के जवानों को कंट्रोल नहीं किया जा सकता। दो-एक सिरफिरे निकल ही जाते हैं। फिर, राखी में डांस….इससे पहिले कभी नहीं हुआ। पालनार कन्या छात्रावास में दंतेवाड़ा के पुलिस अधिकारी, सीआरपीएफ अफसर नाचने में इतने मस्त हो गए कि उन्हें पता ही नहीं चला कि उनके जवान क्या कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़िया सबले बढ़ियां

देश में आईएएस, आईपीएस से जिन आठ अफसरों की भारत सरकार ने छुट्टी की है, उनमें पांच छत्तीसगढ़ से हैं। याने 27 राज्यों से तीन और ढाई करोड़ आबादी वाले छत्तीसगढ़ से पूरे पांच। आठ करोड़ वाले यूपी से एक भी नहीं। चीफ सिकरेट्री की अध्यक्षता वाली रिव्यू कमेटी ने पांच अफसरों को बर्खास्तगी की सिफारिश करके वाकई छत्तीसगढ़ का नाम उंचा कर दिया….पूरे देश में छत्तीसगढ़ की चर्चा हो रही है। ठीक ही कहते हैं, छत्तीसगढ़ियां सबले बढ़ियां।

चार माटी पुत्र

छत्तीसगढ़ से जिन पांच आईएएस, आईपीएस को नौकरी से हकाला गया है, इनमें चार माटी पुत्र हैं। सिर्फ अजयपाल सिंह बाहर से हैं। बाकि, आईपीएस में राजकुमार देवांगन जांजगीर, एएम जुरी कांकेर, केसी अग्रवाल बिलासपुर और आईएएस में बाबूलाल अग्रवाल रायपुर। दिलचस्प यह है कि माटी पुत्रों को मारने वाले भी माटी पुत्र हैं। गजब कि न्यायप्रियता है भाई! अपना-पराया कुछ नहीं…सिर्फ न्याय।

अंत में दो सवाल आपसे

1. किस आईजी ने अपनी महिला मित्र को रायपुर में फ्लैट खरीदकर दिया है उसके नाम पर स्वागत विहार के पास आठ एकड़ जमीन खरीदा है?
2. रिटायर आईएएस डीएस मिश्रा को साल भर पहिले जब सहकारी निर्वाचन आयुक्त का ऑफर दिया गया था, तो उन्होंने ठुकरा दिया था। अब कैसे तैयार हो गए?

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