15 जुलाई
विधानसभा चुनाव में बीजेपी का टिकिट पाने के लिए अबकी दिल्ली टेस्ट पास करना होगा। पहले भाई साब लोग टिकिट फायनल करके औपचारिक मुहर लगाने के लिए लिस्ट आलाकमान को भेज देते थे। मगर इस बार ऐसा नहीं होगा। लिस्ट तो यहां से जाएगी। मगर मुहर उन्हीं के नाम पर लगेगा, जिनका नाम दिल्ली वालों की लिस्ट में भी होगा। बता दें, बीजेपी आलाकमान एक सर्वे करा चुका है और संकेत हैं, दूसरा सितंबर में कराए। इसके बाद रायपुर से जो लिस्ट जाएगी, उसे टैली किया जाएगा। अगर दोनों फीट बैठेंगे तो टिकिट फायनल वरना बाय-बाय कर दिया जाएगा।
विधानसभा चुनाव में बीजेपी का टिकिट पाने के लिए अबकी दिल्ली टेस्ट पास करना होगा। पहले भाई साब लोग टिकिट फायनल करके औपचारिक मुहर लगाने के लिए लिस्ट आलाकमान को भेज देते थे। मगर इस बार ऐसा नहीं होगा। लिस्ट तो यहां से जाएगी। मगर मुहर उन्हीं के नाम पर लगेगा, जिनका नाम दिल्ली वालों की लिस्ट में भी होगा। बता दें, बीजेपी आलाकमान एक सर्वे करा चुका है और संकेत हैं, दूसरा सितंबर में कराए। इसके बाद रायपुर से जो लिस्ट जाएगी, उसे टैली किया जाएगा। अगर दोनों फीट बैठेंगे तो टिकिट फायनल वरना बाय-बाय कर दिया जाएगा।
जोगी रथ
विधानसभा चुनाव प्रचार में रथ अबकी आकर्षण का केंद्र रहेंगे। विकास यात्रा में मुख्यमंत्री डा0 रमन सिंह का रथ दौड़ ही रहा था। अब, जनता कांग्रेस का जोगी रथ आने वाला है। मुंबई में उनका रथ बन रहा है। इसमें हाइड्रोलिक स्टेज होगा, जिससे उपर आकर जोगी लोगों को संबोधित करेंगे। जोगी के करीबी लोगों की मानें तो 15 अगस्त तक जोगी रथ बनकर रायपुर आ जाएगा। उधर, कांग्रेस का भी परिवर्तन रथ बनने की खबर है। परिवर्तन रथ से कांग्रेस नेता निकलेंगे प्रचार करने।
रोहित की रिलिविंग
सेंट्रल डेपुटेशन पर दिल्ली जा रहे आईएएस रोहित यादव को केंद्रीय कामर्स एवं इंडस्ट्री, तथा नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु का प्रायवेट सिकरेट्री बनाया गया है। हालांकि, रोहित 2002 बैच के आईएएस हैं और यहां सिकरेट्री भी हो गए थे। इस लिहाज से केंद्रीय मंत्री के पीएस की पोस्टिंग बहुत अच्छी तो नहीं कही जा सकती। लेकिन, यह भी सच हैं कि पीएस की बजाए अगर डिपार्टमेंट में नियुक्ति हुई होती तो राज्य सरकार चुनाव से पूर्व उन्हें कदापि रिलीव नहीं करती। लेकिन, मंत्री के पीएस का मामला है, इसलिए उन्हें अब रिलीव करना पड़ेगा। रोहित के लिए राहत की बात यह है कि एक तो उनकी फेमिली दिल्ली में है और दूसरा पीएस के रूप में उनकी पोस्टिंग सिविल एवियेशन के लिए हुई है। चलिये, रोहित के दिल्ली जाने से बिलासपुर और सरगुजा एयरपोर्ट का लायसेंस जल्दी मिल जाएगा।
छोटी लिस्ट
इरीगेशन सिकरेट्री डॉ0 रोहित यादव के दिल्ली के लिए रिलीव होने के बाद मंत्रालय में सिकरेट्री लेवल पर एक छोटी लिस्ट निकलनी अब तय हो गई है। क्योंकि, सिकरेट्री इरीगेशन सोनमणि बोरा भी अगस्त फर्स्ट वीक में एक साल के स्टडी लीव पर विदेश जा रहे हैं। लिहाजा, दो बड़े विभाग खाली होंगे। अरबन एडमिनिस्ट्रेशन और इरीगेशन। दोनों महत्वपूर्ण विभाग हैं। इसलिए, दोनों में पोस्टिंग करनी होगी। हालांकि, अफसरों का टोटा तो है। मंत्रालय में सिर्फ प्रसन्ना आर हैं, जिनके पास समाज कल्याण और युवा तथा खेल विभाग है। इरीगेशन और अरबन में से एक उन्हें दिया जा सकता है। संकेत हैं, इरीगेशन उन्हें मिले। अरबन एडमिनिस्ट्रेशन अंबलगन पी या उनकी पत्नी अलरमेल मंगई को मिल सकता है या हो सकता है ऐन मौके पर किसी और की इंट्री हो जाए।
डेपुटेशन में आईपीएस आगे
एडीसी टू गवर्नर अभिषेक शांडिल्य अब सीबीआई में एसपी होंगे। अभिषेक को मिलाकर भारत सरकार में डेपुटेशन पर जाने वाले आईपीएस अफसरों की संख्या ग्यारह पहुंच गई है। इनमें बीके सिंह, स्वागत दास, रवि सिनहा, राजेश मिश्रा, अमित कुमार, बद्री मीणा, राहुल भगत, ध्रुव गुप्ता, रामगोपाल वर्मा, अमित कांबले और अब अभिषेक शांडिल्य का नाम इसमें जुड़ गया है। यद्यपि, टीजे लांग कुमेर भी नागालैंड गए हैं, लेकिन उनका सेंट्रल नहीं इंटर स्टेट डेपुटेशन है। वहीं, आईएएस में डेपुटेशन पर जाने वालों की संख्या आधा दर्जन पहुंच पा रही। भारत सरकार में पोस्टेड आईएएस में मनोज पिंगुआ, निधि छिब्बर, विकास शील, अमित अग्रवाल, अमित कटारिया और रोहित यादव शामिल हैं। याने रोहित को मिलाकर सिर्फ छह। सातवें बीवीआर सुब्रमणियम इंटर स्टेट डेपुटेशन पर हैं। हालांकि, तीन आईएएस इसी साल डेपुटेशन से लौटे हैं। सीके खेतान, गौरव द्विवेदी और मनिंदर कौर द्विवेदी।
हार्ड लक
आईएएस का 2011 बैच आखिरकार कलेक्टर बनने से चूक ही गया। अब विधानसभा के लिए अक्टूबर में आचार संहिता लग जाएगा। फिर नवंबर में चुनाव और दिसंबर में नए सरकार का गठन। याने अब जो भी होगा, दिसंबर के बाद। जबकि, दूसरे कई राज्यों में 2011 बैच के आईएएस दो-दो जिले में कलेक्टरी कर चुके हैं। लेकिन, छत्तीसगढ़ में अभी 2010 बैच ही कंप्लीट नहीं हो पाया है। इस बैच की रानू साहू पिछले एक साल से अपनी बारी आने की प्रतीक्षा कर रही हैं। उनके बैच के तीन अन्य आईएएस को पिछले साल ही कलेक्टर बनने का मौका मिल गया था। हालांकि, रानू की पोस्टिंग अच्छी मिल हुई है। वे डायरेक्टर हेल्थ हैं। यह जिम्मेदारी एक-दो जिले की कलेक्टरी करके आने वाले आईएएस को मिलती थी। फिर भी कलेक्टरी, कलेक्टरी होती है।
प्रमोशन या भिक्षा?
आईएफएस अफसरों का लगता है स्वर्ण युग खतम हो गया है। अब प्रमोशन के आर्डर के लिए अफसरों को गिड़गिड़ना पड़ रहा है। आईएफएस केसी यादव और कौशलेंद्र सिंह को पीसीसीएफ बनाने के लिए डीपीसी हुए डेढ़ महीना होने जा रहा है। लेकिन, आदेश का पता नहीं है….कहां अटक गया। न मंत्रालय से सही जवाब मिल रहा और न ही मंत्री के बंगले से। डीएफओ, सीसीएफ जैसी फील्ड की पोस्टिंग हो तो आदमी दक्षिणा का ऑफर करें। पीसीसीएफ में अभी विभाग क्या मिलेगा, पता नहीं। फिर, खुरचन पानी की बात क्या करें।
अंत में दो सवाल आपसे
1. रायपुर आईजी की पोस्टिंग में ऐसी क्या वजह है कि सरकार को टालना पड़ रहा है?
2. अमूमन हर मामले पर बयान जारी करने वाली कांग्र्रेस पार्टी क्या वजह है कि जगदलपुर फ्लाइट बंद हो जाने के बाद खामोश रह गई?
2. अमूमन हर मामले पर बयान जारी करने वाली कांग्र्रेस पार्टी क्या वजह है कि जगदलपुर फ्लाइट बंद हो जाने के बाद खामोश रह गई?
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