संजय के. दीक्षित
तरकश, 6 फरवरी 2022
यूपी, पंजाब समेत पांच राज्यों का चुनाव कराकर चीफ इलेक्शन कमिश्नर सुशील चंद्रा 14 मई में रिटायर हो जाएंगे। इसके बाद चुनाव आयोग में दूसरे नम्बर पर राजीव कुमार हैं। हालांकि, सीईसी की नियुक्ति के लिए राष्ट्रपति अलग से आदेश जारी करते हैं। मगर अभी तक की परंपरा के अनुसार दूसरे नम्बर के इलेक्शन कमिश्नर को ही आयोग की कमान सौंपी जाती है। ऐसे में, राजीव कुमार के नाम पर मुहर लगने में कोई संशय नहीं है। राजीव 84 बैच के झारखंड कैडर के आईएएस रहे हैं। रिटायर होने से पहले वे भारत सरकार में सिकरेट्री फायनेंस रहे। सिकरेट्री फायनेंस केंद्र की प्रतिष्ठापूर्ण पोस्टिंग मानी जाती है। राजीव कुमार फरवरी 1960 के बर्न हैं। सीईसी का कार्यकाल छह साल या 65 वर्ष आयु, इनमें से जो पहले आए। राजीव फरवरी 2025 में रिटायर होंगे। यानी छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान समेत आधा दर्जन विधानसभा के चुनावों के साथ ही 2024 का लोकसभा चुनाव भी कराएंगे। राजीव कुमार का रहा छत्तीसगढ़ कनेक्शन, तो फर्स्ट 84 बैच के एमके राउत उनके बैचमेट रहे हैं। राउत छत्तीसगढ़ में मुख्य सूचना आयुक्त हैं। अब बैचमेट सीईसी बनेगा तो जाहिर है, राउत को खुशी होगी ही। इसके अलावा सबसे महत्वपूर्ण कनेक्शन यह है कि सूबे के एक बड़े जिले के कलेक्टर राजीव कुमार के रीयल दामाद हैं। अब ससुर सीईसी तो दामाद की प्रतिष्ठा बढ़ेगी ही।
बस्तर के कलेक्टर्स
राहुल गांधी भले ही बस्तर नहीं गए लेकिन, सरकार ने ऐसा किया कि पूरे बस्तर की उपलब्धियों को डोम में उतार दिया...बिल्कुल लाइव। लगा मिनी साइंस कॉलेज पर मिनी बस्तर उतर आया है। यही वजह है कि राहुल गांधी को बस्तर डोम में ही घंटा भर से अधिक समय लग गया, जिसके चलते वे दूसरे डोमों में जा नहीं पाए। बस्तर डोम में सरकार ने सातों जिलों के कलेक्टरों को तैनात किया था। और सातों ने राहुल के समक्ष शमां बांध दिया। फोटो में आपने देखा ही होगा...राहुल कभी डेनेक्स का जैकेट पहनते नजर आए, तो कभी बस्तर के कॉफी का स्वाद लेते। कांकेर का सीताफल, सुकमा का बहुरंगी गोभी और उन्नत पपीता देख राहुल चकित थे। बस्तर का कॉफी उन्हें इतना भाया कि कहना पड़ गया, भूपेशजी सिर्फ देश में नहीं, इंटरनेशनल लेवल पर इसकी ब्रांडिंग कराइये। अब ब्रांडिंग तो सरकार बाद में कराएगी, राहुल ने उससे पहले ऐसी ब्रांडिंग कर दी है कि बस्तर कलेक्टर रजत बंसल को राजधानी के आईएएस फोन कर बोल रहे...कहां छुपा रखा था, भिजवा भाई एकाध पैकेट। बहरहाल, बस्तर के डोम से सरकार का नम्बर बढ़ा ही बस्तर के कलेक्टरों के मार्क्स भी बढ़े।
राहुल की इच्छा
भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री पद की षपथ लेने के बाद सीधे मंत्रालय पहुंचे थे और किसानों के बोनस पर दस्तखत कर राहुल के दिल्ली लैंड करते ही उन्हें इंटिमेट कर दिया था कि आदेश हो गया। यही वजह है कि राहुल ने इस बार जब भूमिहीन किसान न्याय योजना की राशि बढ़ाने के लिए कहा तो लोगों को लगा कि राहुल के एयरपोर्ट पहुंचने से पहले शायद सरकार ऐलान कर दे। इसी चक्कर में कुछ मीडिया वालों ने एक हजार रुपए बढ़ाने की खबर भी चला दी। लेकिन, ऐसा कुछ था नहीं। हालांकि, राहुल के राशि बढ़ाने की बात सुनते ही सीएम सचिवालय तुरंत हरकत में आया। फायनेंस से लेकर कई और जगह फोन खड़खड़ाए गए। मगर जानकारों ने बताया कि यकबयक ये संभव नहीं। न्याय योजना विधानसभा से नोटिफाई हो चुकी है। ऐसे में, सरकार के हाथ-पैर बंध गए हैं। अब अगर राशि बढ़ाई गई तो विशेषाधिकर हनन का मामला बन जाएगा। सो, ऐसा प्रतीत होता है कि अब बजट भाषण के दौरान मुख्यमंत्री राशि बढ़ाने का ऐलान करें।
दो सीटें खाली
इस साल जून में राज्य सभा की दो सीटें खाली हो जाएंगीं। कांग्रेस से छाया वर्मा और भाजपा से रामविचार नेताम का कार्यकाल चार महीने बाद पूरा हो जाएगा। लिहाजा, यूपी चुनाव के बाद राज्य सभा चुनाव की प्रक्रिया भी प्रारंभ हो जाएगी। सीटों की अंकगणित चूकि कांग्रेस के पक्ष में है इसलिए देखना होगा कि बीजेपी अपनी सीट बरकरार रख पाएगी या नहीं। बहरहाल, कांग्रेस में कई बड़े नेताओं की निगाहें राज्यसभा सीट पर गड़ गई है। बड़े नेताओं ने इसके लिए जोर-तोड़ भी शुरू कर दिया है।
अकबर को वेटेज
राहुल गांधी के कार्यक्रमों में वैसे तो सभी मंत्रियों को पर्याप्त सम्मान दिया गया। एयरपोर्ट से राहुल के साथ भूपेश बघेल के सभी मंत्री बस में सवार होकर कार्यक्रम स्थल पहुंचे। वहां भी उन्हें राहुल के साथ अग्रिम पंक्ति में बिठाया गया। बावजूद इसके, मंत्री मोहम्मद अकबर को कुछ ज्यादा वेटेज मिला...जिम्मेदारियां भी मिली। मुख्य समारोह में वे राहुल गांधी के बगल में बिठाए गए। राहुल के एक तरफ सीएम भूपेश थे तो दूसरी तरफ अकबर। गांधी संगोष्टी में भी अकबर न केवल मंच पर थे बल्कि उन्होंने स्वागत भाषण दिया। अकबर मध्यप्रदेश के समय भी मंत्री रहे। हो सकता है, सीनियरिटी की वजह से उन्हें सम्मान मिला।
पुलिस में उलटफेर
आईपीएस की डीपीसी के बाद पुलिस महकमे में बड़े बदलाव की खबरें आ रही हैं। पुलिस की कसावट के लिए सरकार कुछ महत्वपूर्ण फैसले ले सकती है। इसमें बड़े स्तर पर सरकार कुछ नई पोस्टिंग करेगी। हो सकता है, आईजी से एडीजी प्रमोट होने वाले दिपांशु काबरा को पुलिस महकमे में कोई अहम जिम्मेदारी मिल जाए। दिपांशु के पास फिलहाल ट्रांसपोर्ट और पब्लिक रिलेशंस हैं। दुर्ग एसएसपी बद्री नारायण मीणा को आईजी बनने के बाद कोई रेंज देने की अटकलें हैं। वैसे भी, अगले साल विधानसभा चुनाव है। अभी राजनीतिक प्रदर्शन बढ़ने के साथ ही विभिन्न संगठनों के आंदोलन तेज होंगे। ऐसे समय में पुलिस का किरदार बेहद चुनौतीपूर्ण हो जाता है...।
दलाली की शिक्षा
स्कूल शिक्षा विभाग में 236 करोड़ की डायरी कांड को पुलिस ने फर्जी करार दिया...इस पर नो कमेंट्स। मगर बिलासपुर की घटना ने सरकार को भी सकते में डाल दिया। तभी पोस्टिंग के लिए लेनदेन का आडियो वायरल होते ही बिलासपुर पुलिस हरकत में आए। पुलिस ने दो शिक्षकों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की तफ्तीश इस बात की ओर इशारा कर रही है कि उपर के अफसरों के संरक्षण के बिना ये खेल संभव नहीं है। इसमें एक दिलचस्प ट्वीस्ट यह है कि दो लोग जो अरेस्ट हुए हैं, वे गुरू-शिष्य रहे हैं। ऑडियो में ट्रेप हुआ शिक्षक नंद साहू संकुल में संबद्ध योगेश पाण्डेय की कोचिंग में गणित की क्लास करता था। संकुल प्रभारी बाद में पोस्टिंग कांड का सरगना बन गया। याने जैसा गुरू, वैसा ही चेला बना दिया।
राम-राम....
आत्मानंद अंग्रेजी मीडियम स्कूल सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है। स्कूल खोलने से पहले सीएम भूपेश बघेल ने अफसरों से कहा था कि इसमें मैं भी कोई सिफारिश करूं तो नहीं सुनना। प्रिंसिपल सिकरेट्री डॉ0 आलोक शुक्ला भी इस प्रोजक्ट को लेकर बेहद संजीदा हैं। मगर बावजूद इसके कुछ बड़े जिलों में शिक्षकों की भरती में जो खेल चल रहा है, वाकई शर्मनाक है....स्कूल शिक्षा विभाग के खटराल अधिकारी सरकार की महत्ती योजना को पलीता लगा रहे हैं। कई जिलों में इंग्लीश मीडियम स्कूल में हिंदी मीडियम के शिक्षकों की भर्ती की जा रही। एक बड़े जिले में तो अधिकारियों ने डेपुटेशन में आने के लिए रेट खोल दिया है। आसपास के जिलों के लिए डेढ़ लाख और दूरस्थ मसलन, बस्तर, सरगुजा के स्कूलों से आने वालों के लिए ढाई-से-तीन लाख रुपए। इस खेल में डीईओ के साथ ही डीपीआई के नीचे के अधिकारी इंवाल्व बताए जा रहे। असल में, मंत्रालय और डायरेक्ट्रेट के सीनियर अधिकारी ये समझते हैं कि डीईओ डेपुटेशन का प्रपोजल भेज रहा तो ठीक ही होगा। और उधर, खेल हो जा रहा। ये खेल इतना खुला चल रहा है कि एसीबी जब चाहे तब ट्रेप कर सकता है।
घोटाला डेढ़ लाख का और...
ये भी दिलचस्प है...रिटायर आईएएस विजय धुर्वे के डेढ़ लाख के घोटाले के लिए एसीबी का चार-पांच लाख रुपए खरचा हो गया। दरअसल, धुर्वे के खिलाफ 10 साल पुराने मामले में सीजी हाईकोर्ट ने एसीबी को चार्जशीट दाखिल करने कहा। मामला चूकि अंबिकापुर का था...वाहन घोटाले का कनेक्शन द दूसरे राज्यों से जुड़ा था। लिहाजा, विवेचना में दौड़भाग पर एसीबी का चार-से-पांच लाख रुपिया खर्च हो गया। इसी घोटाले में धुर्वे के खिलाफ विभागीय जांच हुई और आईएएस होने के बाद भी वे कलेक्टर नहीं बन पाए। चलिये, ये किस्मत की बात होती है। वरना, बड़े अफसर करोड़ों का वारा-न्यारा कर बेदाग निकल जाते हैं और जिसको फंसना होता है, वह निबट जाता है।
सीएम के नम्बर
राहुल गांधी का रायपुर दौरा महज साढ़े तीन घंटे का था। लेकिन, साइंस कॉलेज मैदान में सरकार ने कामकाज की ऐसी झांकी दिखाई कि राहुल शाम छह बजे तक रायपुर में रह गए। सरकार ने उन्हें छत्तीसगढ़ व्यंजन ही नहीं चखाया बल्कि राहुल से तारीफ सुन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने टिफिन भी विमान में रखवा दिया। जाहिर है, राहुल के सफल दौरे से सीएम का नम्बर बढ़ा है।
अंत में दो सवाल आपसे
1. राहुल गांधी के कार्यक्रम में स्वागत भाषण के लिए मंत्री जय सिंह अग्रवाल को क्यों चुना गया?
2. छत्तीसगढ़ मेडिकल कारपोरेशन सर्विसेज के एमडी कार्तिकेय गोयल को हटाने के लिए नेताजी लोग सरकार पर प्रेशर क्यों बना रहे?
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