तरकश, 2 सितंबर
हुए कामयाब
रामनिवास को डीजी बनाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार आखिरकार एक स्पेशल डीजी का पद स्वीकृत कराने में कामयाब हो गई। खबर है, मिनिस्ट्री आफ होम अफेयर ने 26 अगस्त को स्पेशल डीजी की फाइल को हरी झंडी दे दी। और दो-एक रोज में इसका औपचारिक आदेश यहां पहुंच जाएगा। इसके बाद रामनिवास पदोन्न्त होकर डीजी बन जाएंगे। स्पेशल डीजी का पद तीन महीने, सितंबर, अक्टूबर और नवंबर तक के लिए रहेगा। अनिल नवानी के 30 नवंबर को रिटायर होने के बाद रामनिवास रेगुलर डीजी के पोस्ट पर आ जाएंगे और स्पेशल डीजी का पद स्वयमेव समाप्त हो जाएगा। लेकिन इसके लिए कम जद्दोजहद न करने पड़े। पिछले महीने एमएचए ने रामनिवास को रुटीन में, 1 दिसंबर से डीजी बनाने की औपचारिक अनुमति दी थी तो भ्रम की वजह से उन्हें बधाई देने वालों का तांता लग गया था। तब, राज्य सरकार ने, नक्सल स्टेट का हवाला देकर फिर से जोर लगाया। और रिजल्ट आया। बहरहाल, स्पेशल डीजी बनने से रामनिवास का डीजीपी की दौड़ में पलड़ा भारी हो गया है। उनके सामने संतकुमार पासवान हैं, जो रामनिवास से न केवल सीनियर हैं बल्कि छत्तीसगढ़ में काम करने का खासा तजुर्बा भी है। पुराने रायपुर, बिलासपुर, राजनांदगांव का एसपी, बस्तर का आईजी रहे हैं। मगर सबसे बड़ा माईनस है, उनके पास चार महीने ही बचेगा। मार्च 2013 में रिटायर हो जाएंगे। फिर, सरकार ने रामनिवास को डीजी बनाने में इतनी दिलचस्पी दिखाई है, तो उसके निहितार्थ भी समझे जा सकते हैं।
लौटंगे गिरधारी
रामनिवास की पदोन्नति के बाद जाहिर है, पुलिस महकमे के समीकरण बदलेंगे। डीजी बनने के बाद रामनिवास को कम-से-कम नवंबर तक के लिए पीएचक्यू से बिदा होना पड़ेगा। उनके सामने दो ही विकल्प हैं, डीजी जेल या होमगार्ड। होमगार्ड में पहले से संतकुमार पासवान हैं। सूत्रों की मानंे, तो रामनिवास को डीजी जेल की कमान सौंपी जाएगी। उनकी जगह एडीजी जेल गिरधारी नायक पीएचक्यू लौटेंगे। 10 सितंबर तक तमिलनाडू कैडर की आईपीएस सोनल वर्मा मिश्रा भी डेपुटेशन पर यहां आ जाएंगी। इसके फौरन बाद डीआईजी, स्पेशल इंटेलिजेंस ब्रांच विवेकानंद डेपुटेशन पर एसपीजी के लिए रिलीव हो जाएंगे। विवेकानंद की फाइल पर डीजीपी ने यही लिखा है, सोनल के आने पर रिलीव किया जाएगा। सोनल के आईएएस पति संतोष मिश्रा पहले ही यहां आ चुके हैं और पर्यटन संभाल रहे हैं। स्वाभाविक है, सोनल को रायपुर या उसके आसपास ही पोस्ट किया जाएगा। उन्हें रायपुर या दुर्ग का एसपी बनाने की खूब चर्चा भी है। दुर्ग के एसपी ओपी पाल के खिलाफ कोर्ट के निर्देश पर एफआईआर हो गया है। और इधर, विवेकानंद की जगह संभालने के लिए पुलिस महकमे को रायपुर एसएसपी दिपांशु काबरा से बढि़यां कोई अफसर नहीं दिख रहा है। तेज एवं स्मार्ट हैं, लैंग्वेज पर भी कमांड हैं। वैसे भी, तीन साल से अधिक टेन्योर हो जाने के चलते वे चुनाव तक रह भी नहीं पाएंगे। सो, सोनल एसपी आफिस में और दिपांशु एसआईबी में दिखें तो अचंभित मत होइयेगा।
युक्तियुक्तरण
जब से मंत्रियों को विभागों के फेरबदल के संकेत मिले हैं, सबकी धड़कनें तेज हो र्गइं हैं। सभी यह मानकर बेफिकर हो गए थे, चुनाव में एक साल बचा है, इसलिए अब कोई खतरा नहीं है। मगर ऐसा नहीं हुआ। अंदर की खबर है, चुनाव के हिसाब से ही डाक्टर साब अपनी टीम को पुनर्गठित करने की तैयारी कर रहे हैं। इसमें किसी मंत्री की छंटनी नहीं होगी। सिर्फ विभागों का युक्तियुक्तकरण होगा। और यह दिवाली के पहले कभी कभी हो सकता है। इसमें बृजमोहन अग्रवाल से लेकर चंद्रशेखर साहू, पुन्नूलाल मोहले, लता उसेंडी, केदार कश्यप तक के नामों की चर्चा है। अमर अग्रवाल, रामविचार नेताम, हेमचंद यादव और राजेश मूणत के विभाग पहले ही, बदले जा चुके हैं। सौदान सिंह जिलों का दौरा यूं ही नहीं कर रहे हैं। वे विधायकों के साथ ही मंत्रियों के बारे में फीडबैक भी ले रहे हैं।
जेसिका कांड
राजधानी के बड़े होटलों और मालों में मौज-मस्ती के नाम पर जिस तरह के भौंडेपन हो रहे हैं, कहीं जेसिका कांड हो जाए, तो बड़ी बात नहीं। जिस रोज राजधानी पोलिस के आला अफसर कंट्रोल रुप में मीडिया को बता रहे थे, अब किसी को बख्शा नहीं जाएगा, उसके अगले दिन महासमुंद रोड पर स्थित एक माल के नामी बीयर-बार में पार्टी चल रही थी। रात के 11 बजे थे.....फुल म्यूजिक, कोने में बने डांस फ्लोर पर धुप अंघियारा, हाथों में ग्लास पकड़ी अधनंगी लड़कियां और राजधानी के बिगड़ैल रईसजादे। दो लड़के और घूटनों से उपर तक स्कर्ट पहनी एक लड़की, इतने डाउन थे कि हंगामा करते हुए गेट खोलकर बाहर आ गए। लोग देख न लें, सो, बाउंसर ने तीनों को समझा-बुझा कर अंदर किया। उसी माल के हुक्का बार का सुनिये। इसमें तीन रेट है। 450, 550 और 650। लान में हुक्का पीना है तो 450 रुपए। हाल के अंदर 550 और चार बाई छह के केबिन में पीना है तो 650 रुपए। केबिन मतलब छोटा कमरा। बिगड़ैल लड़के-लड़कियों को और क्या चाहिए। हाल और लान खाली थे। और केबिन फुल। काउंटर पर कुछ युवक 650 रुपए की केबिन को 2000 रुपए तक में मांग रहे थे। अब, आप समझ सकते हैं, हुक्का बारों जैसी जगहों पर क्या हो रहा है। रेव और पुल पार्टियों में अनिवार्य तौर पर 20 से 25 मिनट के लिए लाईट गुल की जाती है। बीडब्लू केनियान में लाइट बंद होने के बाद चीख-पुकार ऐसी ही न मची थी। गनीमत है, बाउंसरों ने स्थिति संभाल ली। लिहाजा, राजधानी पुलिस को ऐसे ठिकानों की नियमित तफ्तीश करनी होगी। वरना, हाथ मलने के अलावा कोई चारा नहीं बचेगा।
विवादों में
राज्य के पहले फाइव स्टार होटल, बीडब्लू केनियान का विवादों से पुराना नाता रहा है। सबसे पहले, बेजा कब्जा को लेकर विवाद हुआ था। और इसके बाद होटल के लिए फोर लेन सड़क बनाने का मामला उछला। याद होगा, इसी बात को लेकर सीएम हाउस में एक बैठक के दौरान बृजमोहन अग्रवाल और राजेश मूणत में तू-तू, मैं-मैं हो गई थी। मूणत ने बृजमोहन से पूछ दिया था, होटल पर इतनी मेहरबानी क्यों की जा रही है, बताओं इसमें किसका पैसा लगा है? और-तो-और, बहुुचर्चित पार्टी के तीन रोज पहले ही आबकारी विभाग ने होटल को बीयर-बार का लायसेंस दिया था। और कांड हो गया। इतना विवादों में रहा होटल भला कैसे चलेगा। ताजा खबर है, होटल बिक रहा है। रायपुर और इंदौर की पार्टियों से उसे बेचने पर बातचीत चल रही है। कभी भी इसका सौदा हो जाएगा।
बानगी
हम दो, हमारे दो....मां-बाप को छोड़ दो या मजबूरी गिनाकर किसी दूसरे रिश्तेदारों के यहां टिका दो....के समय में रायपुर के नए कलेक्टर सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी समाज के लिए एक बानगी हो सकते हैं। मंगलवार को यहां ज्वाईन करने आए, तो साथ में मां-पिताजी थे। उनसे आर्शीवाद लेकर कुर्सी पर बैठे। यहीं नहीं, इससे पहले, नई पोस्टिंग में जहां भी गए, मां-पिताजी साथ रहे हैं। परदेशी मानते हैं, मां-पिताजी का आर्शीवाद के बिना कुछ संभव नहीं है। काश, सब लोग ऐसा मानते....पत्नी को कंविंस कर पाते, तो शायद वृद्धाश्रम नहीं खुलते।
अंत में दो सवाल आपसे
1. राजधानी में रेव पार्टी में अश्लीलता को लेकर पुलिस किसके इशारे पर ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है?
2. मंत्रालय के सीनियर आईएएस अफसरों में झगड़े की अफवाहें कौन लोग उड़ा रहे हैं?
आपके तरकश के तीर हमेशा सही निशाने पर लगते हैं ,बिना किसी भेदभाव के समदर्शी
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