शनिवार, 8 सितंबर 2012

तरकश, 8 सितंबर

डीपीसी

एडीजी रामनिवास 14 सितंबर को पदोन्नत होकर स्पेशल डीजी बन जाएंगे। इसी दिन दोपहर में मंत्रालय में डीपीसी होगी। और इसके दो-एक दिन बाद आदेश निकल जाएगा। हालांकि, इससे पहले, इसी के साथ आईजी के लिए भी डीपीसी करने का प्लान था। इसमें मुकेश गुप्ता, संजय पिल्ले और आरके विज के विज एडीजी हो जाते। और चर्चा यह भी थी, जिस तरह भोपाल में आईजी विजय यादव को प्रमोट होने पर वहीं एडीजी रेंज बना दिया गया, उसी तरह मुकेश को भी रेंज की कमान सौंप दी जाएगी। मगर सरकार ने फिलहाल नवंबर तक आईजी की डीपीसी टाल दी है। अब, नवंबर आखिर में डीपीसी होगी और 1 दिसंबर को नए डीजी की ताजपोशी के साथ ही   महकमे में एक बड़ी सर्जरी होगी। इधर, विचार इस पर भी हो रहा, रामनिवास को स्पेशल डीजी बनने के बाद फिलहाल पीएचक्यू में ही रखा जाए। और विभाग भी यथावत रहे।  

मत चूको

कोल आंबटन का मामला तूल पकड़ने पर सूबे के सत्ताधारी पार्टी के कुछ नेता भी कम उत्साहित नहीं थे.....दो-तीन मंत्रियों का दिल काबू में नहीं था, मन में बल्लियां उछल रहे थे। कांग्रेसी जिस रोज सीएम हाउस का घेराव कर रहे थे, एक आदिवासी मंत्री पार्टी के बड़े नेताओं को यह बताने के लिए, दिल्ली पहुंच गए थे, मैं हूं ना। मगर उन्हें कोई तरजीह नहीं मिली। सीएम की कुर्सी पाने के लिए एक मंत्री द्वारा राज्य के बाहर तांत्रिक अनुष्ठान कराने की खबर भी खूब चली। राज्य के बाहर गए एक नेताजी वहीं से कसमसा रहे थे, नाहक घूमने-फिरने के लिए इस समय आ गया....वे अपने चंपुओं से पल-पल की खबर लेते रहे। मगर गुरूवार को राज्य सरकार के साथ आलाकमान के खड़े हो जाने के बाद दावेदारों में मायूसी फैल गई। भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर  के बयान से मैसेज गया, आलाकमान पूरी तरह से सरकार के साथ है और किसी को अति उत्साहित होने की जरूरत नहंी।

रांग नम्बर

पुलिस मुख्यालय में आईजी अरुणदेव गौतम के एक रिश्तेदार युवती से उगाही की कोशिश करना एक महिला कांस्टेबल को भारी गया। युवती स्कूटी से कोचिंग जा रही थी और राजधानी के पेंशनबारा के पास बगल में गाड़ी में चल रही महिला कांस्टेबल पर पानी के छींटे पड़ गए। महिला कांस्टेबल को मौका अच्छा दिखा.....महीने भर के राशन का खर्चा निकल जाएगा, सो 15 सौ की डिमांड कर दी। पैसा दो या गाड़ी चालान कराती हूं। युवती ने जब गौतम का नाम लिया, तब जाकर आखिर जान बची। बाद में किसी ने आला अधिकारियों से इसकी शिकायत कर दी। और अब, इसकी तीन तरफा जांच शुरू हो गई है। मगर जरा सोचिए, हर आदमी पुलिस अधिकारी का रिश्तेदार तो होगा नहीं, फिर, आम आदमी के साथ राजधानी पुलिस क्या सलूक करती होगी?

राहत

स्टेट माईनिंग कारपोरेशन में प्रेम कुमार के एमडी अपाइंट होने से आईएफएस अफसर राहत महसूस कर रहे हैं। देख ही  रहे होंगे, सरकार किस तरह एक-एक को वापिस भेज रही थी और उन पदों को आईएएस के हवाले किया जा रहा था। पहले हाउसिंग बोर्ड, फिर अरबन कमिश्नर, बीज विकास निगम, मंडी बोर्ड, उद्यानिकी मिशन जैसे कई.....। मगर पे्रम कुमार ने इस पर बे्रक लगाया है। वैसे, पहली बार एक ठीक-ठाक अफसर को माईनिंग कारपोरेशन की कमान सौंपी गई है। 94 बैच के आईएफएस अधिकारी कुमार न केवल आईआईटी खड़गपुर से माईनिंग में बीटेक किए हैं, बल्कि कुछ दिनों तक निदरलैंड में भी वर्क किए हैं। याने आईएएस और आईएफएस के वर्गभेद को किनारे करते हुए अबकी योग्यता को तरजीह दी गई है। साथ ही, यह मैसेज भी, आईएफएस से कोई परहेज नहीं है, काबिल होना चाहिए।  

पोस्टिंग

बिलासपुर की पोस्टिंग आईएएस अफसरों के लिए बड़ा शुभ रहा है। सोनमणि बोरा, सिद्धार्थ कोमल परदेशी, मुकेश बंसल, यशवंत कुमार को बिलासपुर पोस्टिंग के दौरान ही पुत्ररत्न की प्राप्ति हुई। बोरा के दो पुत्र रत्न बिलासपुर में हुए और कवर्धा कलेक्टर रहने के दौरान तीसरा भी, बिलासपुर अपोलो का है। यशवंत कुमार को छोड़ दें तो लगभग सभी यहीं से कलेक्टर बनकर गए। बोरा, बंसल, और इससे पहले, सिद्धार्थ परदेशी भी। इससे पहले, कुंआरे आईएएस और नगर निगम के तत्कालीन कमिश्नर डा0 एसके राजू की शादी भी बिलासपुर पोस्टिंग के समय हुई थी। और, वर्तमान ननि कमिश्नर अवनीश शरण भी अब तक बैचलर हैं, स्मार्ट भी हैं। सो, यह चर्चा स्वाभाविक है, राजू की तरह अवनीश के लिए बिलासपुर शुभ हो जाए। 

अंत में दो सवाल आपसे

1.    एक मंत्री का नाम बताइये, जो कांग्रेस के सीएम हाउस धेराव के दिन सीएम बनने के लिए अनुष्ठान कराने राज्य से बाहर चले गए थे?
2.    वह कौन पुलिस अधिकारी है, जो रिटायर होने के बाद भी पोलिसिंग कर रहा है और अब, अपनी पत्नी को भी रिटायरमेंट के बाद संविदा के जुगाड़ में है?

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