शनिवार, 22 सितंबर 2012

तरकश, 23 सितंबर


गुस्सा या....

सत्ताधारी पार्टी के सांसद दिलीप सिंह जूदेव सिस्टम से एक फिर खफा हैं। इस बार उनकी नाराजगी की वजह होमगार्ड की भरती बनी है, जिसकी सूची निकलने के बाद निरस्त कर दी गर्इ। जूदेव ने इस पर कार्रवार्इ करने के लिए सिकरेट्री टू सीएम अमन सिंह को पत्र लिखा है। 9 सितंबर को लिखा लेटर 13 को अमन के पास पहुंचा और बताते हैं, उन्होंने इस पर तत्काल संज्ञान लेते हुए जांच के लिए प्रींसिपल सिकरेट्री होम, एनके असवाल को भेज दिया। पत्र में जूदेव ने अप्रत्यक्ष तौर पर डीजी होमगार्ड संतकुमार पासवान को निशाने पर लिया है। बता दें, विश्वरंजन के रिटायरमेंट से पहले होमगार्ड में थोक में भरती हुर्इ थी। और समूची प्रकि्रया पूरी होने के बाद सिर्फ ज्वार्इनिंग आदेश निकलना बाकी था। तब तक विश्वरंजन सेवानिवृत हो गए। और नए डीजी होमगार्ड, पासवान ने इसमें खामियां गिनाते हुए सूची निरस्त कर दी थी। जूदेव को तकलीफ यह है कि जशपुर की जिले की लिस्ट भी कैंसिल हो गर्इ। वो भी पासवान की वजह से। बहरहाल, सरकार यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि वास्तव में गड़बड़ हुआ है या कोर्इ और बात है। अनिल नवानी के नंवबर में रिटायर होने के बाद सबसे सीनियर होने के कारण पासवान डीजीपी के स्वाभाविक दावेदार हैं। सवाल यह भी मौजूं है, सूची निरस्त करने के छह महीने बाद जूदेव ने आखिर सरकार को पत्र क्यों लिखा?

बड़ा घोटाला?

होमगार्ड की भरती निरस्त होने के पीछे संतकुमार पासवान की क्या सोच रही, ये तो जांच के बाद पता चलेगा। मगर सत्ता में बैठे लोग इस बात से नावाकिफ नहीं है कि भरती में व्यापक गोलमाल हुआ था। यह भी, विश्वरंजन इनवाल्व नहीं थे मगर उनकी आड़ में लोगों ने बहती गंगा में जमकर हाथ धोए। जाहिर है, जब से होमगार्ड का वेतन 9 हजार रुपए हुआ है, इसका के्रज बढ़ गया है.....होमगार्ड वालों को शादियाें में अब दान-दहेज खूब मिल रहे हैं। सो, इसमें घुसाने के लिए ऐलानिया 2-2 लाख में सौदा हुआ था। कोर्इ ओवर एज था, तो कुछ ने दौड़-भाग में भी हिस्सा नहीं लिया। किसी जिले में तैराकी में पांच अंक दिए गए तो कहीं 10 नम्बर। बाद में, आरोप भी खूब लगे थे।   
 
फिर मुशिकल

लंबे समय तक वनवास काटकर मुख्य धारा में लौटे हायर एजुकेशन सिकरेट्री आरसी सिनहा फिर मुसीबत में घिर गए हैं। ताजा मामला, ट्रांसफर लिस्ट में कुछ नाम चेंज करने का है। नाम चेंज तब किए गए, जब सरकार की मंजूरी के बाद सूची अखबारों में पबिलश हो गर्इ थी। ऐसे में मामला छुपता कैसे? पता चला है, चीफ सिकरेट्री सुनील कुमार ने सिनहा से जवाब-तलब किया है। सिनहा ने सीएस को बताया, उच्च शिक्षा मंत्री रामविचार नेताम के मौखिक निर्देश पर ऐसा किया गया। जबकि, नेताम ने इसका खंडन कर दिया। इससे सिनहा की दिक्कते बढ़ गर्इ है। उनके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू हो जाए, तो अचरज नहीं। सिनहा 81 बैच के आर्इएएस अधिकारी हैं। और उनके र्बैचमेट डीएस मिश्रा एसीएस बनने जा रहे हैं और सिनहा अभी सिकरेट्री हैं। पुराने मामलों के चलते वे प्रींसिपल सिकरेट्री नहीं बन पाए थे।

डीपीसी

स्पेशल सिकरेट्री सुबोध सिंह और एमके त्यागी को सिकरेट्री बनाने के लिए सोमवार को मंत्रालय में डीपीसी होगी। सोमवार को ही कैबिनेट है। इसके पश्चात प्रमोशन कमेटी की बैठक होगी। इसमें हरी झंडी मिलने के बाद दोनों आर्इएएस पदोन्नत होकर सिकरेट्री बन जाएंगे। अगर सोमवार को किसी कारण से डीपीसी नहीं हुर्इ, फिर एक-दो दिन में तय मानिये। सिकरेट्री बनने के बाद सुबोध और त्यागी को कुछ नए विभाग मिलने के संकेत हैं। सुबोध अभी सीएम सचिवालय में स्पेशल सिकरेट्री के साथ ही राज्य बिजली वितरण कंपनी की कमान संभाल रहे हैं। अगले साल चुनाव को देखते सरकार नहीं चाहेगी कि वितरण जैसी संवेदनशील और महत्वपूर्ण कंपनी किसी और के हवाले किया जाए। अलबत्ता, इसके साथ, उन्हें मार्इनिंग भी मिलने की चर्चा है। त्यागी जीएडी में हैं। जीएडी में अभी मनोज पिंगुआ के साथ ही शहला निगार भी आ गर्इ हैं। सो, त्यागी को एकाध नया विभाग मिल सकता है।

लास्ट बेरिकेटस

एडीजी रामनिवास को स्पेशल डीजी बनाने के लिए डीपीसी से हरी झंडी मिलने के बाद अब आखिरी बेरिकेटस बच गया है........कैबिनेट से मंजूरी। स्पेशल डीजी की नर्इ पोस्ट कि्रयेट हुर्इ है और भले ही भारत सरकार से एपू्रव्हल मिल गया हो, मगर इसके लिए कैबिनेट की मंजूरी लेनी होगी। सोमवार को कैबिनेट की बैठक में यह प्रस्ताव रखा जाएगा। हालांकि, इसमें आशंका की कोर्इ गुंजाइश नजर नहीं आ रही। इसलिए समझा जाता है, बुधवार तक स्पेशल डीजी का आदेश जारी हो सकता है।

पोसिटंग का टेंडर

पीडब्लूडी में निर्माण कार्य ही ठेके पर दिए जाते थे, मगर अब तो पोसिटंग का भी टेंडर हो रहा है। जैसी थैली, वैसा डिवीजन। अच्छा रेट भर दिए तो डबल पोसिटंग भी मिल सकती है। 17 सितंबर को जो लिस्ट निकली है, कर्इ पोसिटंग तो हजम नहीं होती। इसकी बानगी आप भी देखिए। रायगढ़ के सेतु संभाग के र्इर्इ पीसी चंदेल को रायपुर सेतु विभाग और रायपुर र्इएनसी आफिस में अटैच र्इर्इ संजय सूर्यवंशी को जगदलपुर का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। और देखिए, एसडीओ गुंडरदेही वीडी बोपचे रायगढ़ के र्इर्इ का भी काम देखेंगे। कहां, गुंदरदेही और कहां रायगढ़। सड़क, बि्रज की तरह पोसिटंग का टेंडर भी र्इएनसी आफिस से जारी हो रहे हैं। और इसका नाम दिया गया है अतिरिक्त कार्य। अब जरा इस पर भी गौर कीजिए, पीडब्लूडी में इस साल गुणवता वर्ष मनाया जा रहा है। गुणवता वर्ष कैसे मनाया जा रहा होगा, इन तस्वीरों को देखकर आप समझ सकते हैं। 

अंत में दो सवाल आपसे

1. किस राजनेता के साथ एक थानेदार के विदेश से घूम-घाम कर लौठने की चर्चा है?
2. आर्इजी से एडीजी की डीपीसी किस वजह से रुक गर्इ?

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें