8 जनवरी
संजय दीक्षित
9 एवं 10 जनवरी को होने जा रही कलेक्टर कांफ्रेंस अबकी हटके होगी। इसमें सिकरेट्री के बोर करने वाले भाषण नहीं होंगे। बल्कि, स्क्रीन पर आंकड़ों के साथ टू द प्वांट बोलना है। पहली बार सीएम सचिवालय ने कलेक्टरों के परफारमेंस के लिए चार केटेगरी तय किए हैं। बहुत अच्छा…अच्छा….. संतोषजनक…..और सुधार की जरूरत। सचिवों से कहा गया है, हर कलेक्टर को केटेगरी दें। वो भी छह से आठ मिनट में। सिकरेट्री में भी सबकी प्रेजेंटशन नहीं होगा। ओपनिंग करेंगे एमके राउत। इसके बाद रीचा शर्मा, सुबोध सिंह, अंकित आनंद, विकास शील, सुब्रत साहू, संजय शुक्ला और अलेक्स पाल मेनन। सीएम सचिवालय पिछले 10 दिन से कलेक्टर, एसपी कांफ्रेंस की तैयारी में युद्धस्तर पर जुटा हुआ है। रात 10 बजे तक काम चल रहा है। एक-एक विभाग से डेटा एकत्रित किए जा रहे हैं। सीएम सचिवालय इसको लेकर काफी सख्त है कि प्रेजेंंटेशन देने वाले सिकरेट्रीज कलेक्टरों के योजनावार रैंकिंग भी भेजे।
9 एवं 10 जनवरी को होने जा रही कलेक्टर कांफ्रेंस अबकी हटके होगी। इसमें सिकरेट्री के बोर करने वाले भाषण नहीं होंगे। बल्कि, स्क्रीन पर आंकड़ों के साथ टू द प्वांट बोलना है। पहली बार सीएम सचिवालय ने कलेक्टरों के परफारमेंस के लिए चार केटेगरी तय किए हैं। बहुत अच्छा…अच्छा….. संतोषजनक…..और सुधार की जरूरत। सचिवों से कहा गया है, हर कलेक्टर को केटेगरी दें। वो भी छह से आठ मिनट में। सिकरेट्री में भी सबकी प्रेजेंटशन नहीं होगा। ओपनिंग करेंगे एमके राउत। इसके बाद रीचा शर्मा, सुबोध सिंह, अंकित आनंद, विकास शील, सुब्रत साहू, संजय शुक्ला और अलेक्स पाल मेनन। सीएम सचिवालय पिछले 10 दिन से कलेक्टर, एसपी कांफ्रेंस की तैयारी में युद्धस्तर पर जुटा हुआ है। रात 10 बजे तक काम चल रहा है। एक-एक विभाग से डेटा एकत्रित किए जा रहे हैं। सीएम सचिवालय इसको लेकर काफी सख्त है कि प्रेजेंंटेशन देने वाले सिकरेट्रीज कलेक्टरों के योजनावार रैंकिंग भी भेजे।
कलेक्टर बेचैन और सिकरेट्री भी
सीएम सचिवालय ने कांफ्रेंस की जो कसौटी तैयार की है, इसके कारण अधिकांश कलेक्टरों की आंखों से नींद उड़ गई है। दरअसल, मीटिंग में सबके सामने स्क्रीन पर कलेक्टरों का योजनावार पारफारमेंस शो किया जाएगा। बताया जाएगा….डीएम साब आप कितने पानी में हो। पता चला है, बहुत अच्छा और अच्छा वाले केटेगरी में कलेक्टरों की तादात 50 फीसदी से कम है। ऐसे में, सार्वजनिक तौर पर फजीहत होने का डर सताएगा ही। यही वजह है, कलेक्टर सचिवों से फोन कर पूछ रहे हैं, सर….मेरा रैंक बता दीजिए ताकि मैं बचाव का इंतजाम कर सकूं। रही बात सिकरेट्रीज की तो वे दो कारणों से हलाकान हैं। एक तो जिन्हें प्रेजेंटेशन देना है, उन्हें होम वर्क करना पड़ रहा है…. कलेक्टरों के रैंक तैयार करने पड़ रहे हैंं…..सीएम सचिवालय उसका परीक्षण कर रहा है। दूसरा, वे सिकरेट्रीज परेशान हैं, जिन्हें प्रेजेंटेशन के लिए चुना नहीं गया है। जाहिर है, वे आहत तो महसूस करेंगे ही।
रिपोर्ट कार्ड
रिपोर्ट कार्ड अभी तक मंत्रियों एवं विधायकों के बनते थे। वो भी चुनाव के समय। लेकिन, इस बार सीएम सचिवालय कलेक्टरों को रिपोर्ट कार्ड देगा। वह भी 9 जनवरी को कांफ्रेंस के तुरंत बाद। हालांकि, कलेक्टरों के पारफारमेंस पर चिप्स में कई महीनों से काम चल रहे थे। कांफ्र्रेंस में सिकरेट्रीज के प्रेजेंटेशन के बाद इस पर मुहर लग जाएगा कि कौन कितनी रुचि लेकर काम किया है। कांफ्रेंस हॉल में ही रिपोर्ट कार्ड देने का मतलब यह होगा कि कोई कलेक्टर यह नहीं कह सकेगा कि हमारे साथ न्याय नहीं हुआ।
डांट फिर डिनर
कलेक्टर कांफ्रेंस के बाद 9 जनवरी की शाम सीएम हाउस में डिनर होगा। इसमें एसपी, आईजी भी मौजूद रहेंगे। हालांकि, कलेक्टर्स के साथ एसपी कांफ्रेंस 10 को है, लेकिन एसपी, आईजी डिनर के लिए एक दिन पहले आ जाएंगे। 9 को सीएम कलेक्टर्स और सीईओ की क्लास लेंगे। जाहिर है, कुछ कलेक्टरों को झिड़़की मिलेगी ही। साथ में पुअर पारफारमेंस का रिपोर्ट कार्ड भी। इसके बाद डाक्टर साब उन्हें लजीज व्यंजनों की दावत देंगे। याने पहिले डांट, फिर डिनर।
प्रमोटी एवं रिजेक्टेड
पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के लिए प्रमोटी आईएएस एक बार फिर फंस गए हैं। सरकार ने 35 अफसरों के नाम भारत निर्वाचन आयोग को भेजे हैं, उनमें सिर्फ दो रेगुलर आईएएस हैं। भूवनेश यादव और यशवंत कुमार। वैसे भूवनेश का नाम तो हर लिस्ट में रहता है, उनका साथ देने के लिए अबकी सरकार ने यशवंत का नाम एड कर दिया है। इन दोनों के अलावा बाकी सभी प्रमोटी हैं। ऐसे में, प्रमोटी आईएएस में नाराजगी स्वाभाविक है। मगर इसे जाहिर कहां करें। उनकी न तो कोई लॉबी है, न एसोसियेशन। और ना ही कोई दमदार संरक्षक। उन्हें तो डायरेक्ट आईएएस के रहमोकरम पर ही काम करना है।
कमाल की बात
कामकाजी महिलाओं के लिए सेनेटरी नेपकिन मुहैया कराने की बात तो महिला बाल विकास कब से कर रहा है मगर पचायत विभाग ने इसे जमीन पर उतार दिया। नया रायपुर में चल रहे हमर छत्तीसगढ़ प्रोग्राम में सेनेटरी नेपकिन की दो स्वाचालित मशीनें लगाई गई हैं। इसमें एक रुपए का सिक्का डालने पर एक नेपकिन निकल आता है। बिल्कुल एटीएम की तरह। है ना कमाल का।
कांग्रेस को खटका
नया रायपुर के टूरिज्म भवन में हमर छत्तीसगढ़ प्रोग्राम जिस अंदाज में चल रहा है, कांग्रेस को चिंतित होना लाजिमी है। एक रुपए में सेनेटरी नेपकिन तो छोटी बात है…..गांव-गांव से आने वाले ग्राम पंचायत के नुमाइंदो को जिस तरह के ट्रिटमेंट मिल रहे हैं…..उन्हें सरकार की योजनाओं से जोड़ने का काम किया जा रहा है….मनोरंजक कार्यक्रमों के जरिये समझाया जा रहा कि छत्तीसगढ़ तेजी से डेवलप कर रहा है, वह 2018 के इलेक्शन में सत्ताधारी पार्टी के लिए मिल का पत्थर साबित होगा। अभी तक इस प्रोग्राम में 35 हजार प्रतिनिधि आ चुके हैं। और, अगले सवा साल में डेढ़ लाख के लक्ष्य हैं। याने एक लाख 85 हजार….हर गांव में पांच-सात लोग। आप समझ सकते हैं कि कितना मजबूत नेटवर्क तैयार हो रहा है सत्ताधारी पार्टी के लिए। तभी तो कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि हमर छत्तीसगढ़ का भाजपाइकरण किया जा रहा है।
मंत्री का इतिहास प्रेम
हेल्थ एन पंचायत मिनिस्टर अजय चंद्राकर छत्तीसगढ़ के इतिहास पर एक पुस्तक तैयार करवा रहे हैं। इसके लिए वे काफी दिनों से ठीक-ठाक इतिहासकार की तलाश कर रहे थे। दो-एक मिलें भी मगर सतही नॉलेज के कारण जमे नहीं। अब तलाश पूरी हो गई है। पं0 रविशंकर शुक्ल विवि के रिटायर प्रोफेसर निगम छत्तीसगढ़ के इतिहास को कंपाइल करेंगे। चंद्राकर उन्हें पूरा संसाधन मुहैया कराएंगे। बहुतों को मालूम नहीं होगा, मंत्रीजी इतिहास के स्टूडेंट रहे हैं। रविशंकर विवि से इतिहास के गोल्डमेडलिस्ट भी। इसलिए, इतना तो बनता ही है।
अंत में दो सवाल आपसे
1. पीडब्लूडी मिनिस्टर राजेश मूणत इन दिनों अपने ही सरकार से कुछ दुखी क्यों हैं?
2. पीएससी का चेयरमैन इस बार कोई आईएफएस बन सकता है क्या?
2. पीएससी का चेयरमैन इस बार कोई आईएफएस बन सकता है क्या?
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