18 मार्च
सुकमा के धुर नक्सल प्रभावित इलाके में सीएम ने बाइक से सड़क निर्माण का जायजा लिया तो एक बाइक की स्टेयरिंग अमन सिंह ने संभाली और उनके पीछे बैठे डीजी नक्सल डीएम अवस्थी। यह दूसरा मौका था जब डीएम के सारथी बनें अमन। पिछले साल भी डीएम को पीछे बिठाकर अमन ने मोटरसायकिल चलाई थी। इसके बाद भी डीएम की मन की बातें पूरी नहीं हो रही तो सवाल तो उठेंगे ही….अमन जैसे सारथी के बाद भी डीएम के डीजी पदनाम के आगे से आखिर नक्सल हट कर पी क्यों नहीं जुड़ पा रहा है। या तो डीएम को सारथी को साधने नहीं आ रहा या फिर सारथी सधने को तैयार नहीं है।
रणनीतिक चूक
धरमलाल कौशिक राज्यसभा में जाते-जाते चूक गए। सरोज पाण्डेय बीजेपी की कंडिडेट नामित हो गई। बताते हैं, कंडिडेट के सलेक्शन में बड़ा गेम हो गया….यहां के लीडर उसमें मात खा गए। राज्य सभा से अजा के भूषणलाल जांगड़े रिटायर हो रहे हैं। उनकी जगह पर अगर किसी अजा नेता को ही राज्यसभा में भेजने पर बीजेपी नेता स्टैंड रहते तो यह नौबत नहीं आती। आखिर, पिछले चुनाव में अजा की 10 में से नौ सीटें बीजेपी की झोली में गई थी। कांग्रेस ने भी इसी वर्ग के पीएल पुनिया को प्रभारी बनाया है। जाहिर है, ऐसे में आलाकमान या गेम चेंजर नेता अनुसूचित जाति को नजरअंदाज नहीं कर पाते। लेकिन, अजा से बाहर आकर धरमलाल का नाम आगे बढ़ाने से उपर वालों को सामान्य वर्ग के कंडिडेट को आगे करने का मौका मिल गया। विशुद्ध तौर पर इसे रणनीतिक चूक कही जाएगी।
यह भी संयोग
राज्यसभा में बीजेपी में जिन दो नामों की चर्चा शुरू से रही, वे दोनों चुनाव हारे हुए थे। धरमलाल कौशिक बिल्हा विधानसभा से तो सरोज पाण्डेय दुर्ग संसदीय सीट से। सरोज के खिलाफ कांग्रेस ने जिस लेखराम साहू को उतारा, वो भी हारे हुए हैं। लेखराम पिछला चुनाव अजय चंद्राकर से हारे थे।
कांग्रेस का दांव
लगता है, पीसीसी चीफ भूपेश बघेल ने अपने सलाहकार बदल लिए हैं। बीजेपी ने धरमलाल को किनारे कर सरोज पाण्डेय का नाम राज्यसभा सीट के लिए आगे किया तो भूपेश ने लेखराम साहू को प्रत्याशी बनाने में देर नहीं लगाई। कांग्रेस को यह मालूम है कि जीतने की कोई संभावना नहीं है। लेकिन, साहू प्रत्याशी उतार कर ओबीसी की सिम्पैथी तो ले ही ली कांग्रेस ने। मैसेज यह भी दिया कि बीजेपी ने धरम को नजरअंदाज कर दिया परन्तु कांग्रेस ने ओबीसी पर भरोसा जताया।
कार्रवाई का अंदेशा
सीएम ने लोक सुराज में पुअर पारफारमेंस की वजह से गरियाबंद कलेक्टर श्रुति सिंह को हटा दिया। वैसे, सुबह जब सीएम के साथ अमन सिंह हेलीकाप्टर पर सवार हुए तो अफसरों को अंदेशा हो गया था, किसी का विकेट गिर सकता है। पिछले बार भी कोरिया और सूरजपुर के लोक सुराज में सीएम के साथ अमन गए थे। और वहां से लौटते ही रायपुर हेलीपैड पर सीएम ने मीडिया के सामने कोरिया और सूरजपुर कलेक्टर की छुट्टी का ऐलान कर दिया था।
नारी सशक्तिकरण
आईएएस में हुए छोटे फेरबदल में महिला नौकरशाहों का दबदबा बढ़ा है। प्रिंसिपल सिकरेट्री रीचा शर्मा को फूड के साथ सामान्य प्रशासन विभाग और एम गीता को महिला बाल विकास के साथ डीजी प्रशासन एकेडमी का चार्ज दिया गया है। इस फेरबदल के बाद सभी महिला ब्यूरोक्रेट्स के पास अब कम-से-कम दो विभाग हो गए हैं। इससे पहिले निहारिका बारिक के पास सिकरेट्री टूरिज्म, कल्चर और ग्रामोद्योग, शहला निगार के पास पीएचई के साथ तकनीकी शिक्षा, रीना बाबा कंगाले सिकरेट्री ट्राईबल, संगीता आर के पास स्पेशल सिकरेट्री लेबर का इंडिपेंडेंट चार्ज के साथ लेबर कमिश्नर। पहले जेंस ब्यूरोक्रेट्स में एक से ज्यादा विभाग को स्टेट्स सिंबल माना जाता था। तब महिला सिकरेट्री थीं भी नहीं। एकमात्र रेणु पिल्ले थीं। उनसे पहिले इंदिरा मिश्रा। लेकिन, पिछले दो-तीन साल में महिला सिकरेट्रीज की संख्या तेजी से बढ़ी हैं। और, पुरूषों की जगह महिलाएं लेने लगी हैं। अगले महीने के अंत तक मनिंदर कौर द्विवेदी भी छुट्टी से लौट आएंगी। सरकार अगर रेणु पिल्ले को बिलासपुर से रायपुर शिफ्थ कर दे तो मंत्रालय में आठ महिला सिकरेट्री हो जाएंगी। याने 40 परसेंट से अधिक.
गेस्ट हाउस का बिल
एक पीसीसीएफ लेवल के आईएफएस की बेटी की पिछले दिनों शादी हुई तो सर्किल के अफसरों ने गेस्ट हाउस का बिल थमा दिया। आईएफएस भी चौंके, मेरे ही बनवाए गेस्ट हाउस में मुझे ही बिल देना पड़ेगा। सर्किल के अफसरों को बुलाकर खूब बुरा-भला कहा। पीए से पूछे, इसका सीआर मत आगे बढ़ाना। पीए बोले, साब। सीआर तो आपने पहले ही वेरी गुड लिख दिया है। अब तो सिर धुनने के अलावा कोई चारा नहीं था।
बोवाज का लास्ट मंथ
राज्य वन अनुसंधान संस्थान के डायरेक्टर आरके बोवाज इस महीने रिटायर हो जाएंगे। बोवाज लंबे समय तक पीसीसीएफ रहे। आरके टम्टा को पीसीसीएफ बनाने के लिए सरकार ने उन्हें हटाकर अनुसंधान संस्थान का डायरेक्टर बना दिया था। बहरहाल, बोवाज के रिटायर होने के बाद सरकार को रिसर्च इंस्टिट्यूट में किसी पीसीसीएफ लेवल के अफसर को पोस्ट करना होगा।
गौरव की वापसी
95 बैच के आईएएस गौरव द्विवेदी की मंत्रालय में वापसी हो गई। पोस्टिंग भी ठीक-ठाक मिली है। सिकरेट्री स्कूल एजुकेशन। इसके साथ वे माध्यमिक शिक्षा मंडल के वे चेयरमैन भी होंगे। डेपुटेशन पर दिल्ली जा रहे विकास शील के पास ये विभाग थे। याने दिल्ली से आए अफसर को दिल्ली जाने वाले अफसर का विभाग मिल गया।
अंत में दो सवाल आपसे
1. सरगुजा जिला पंचायत के सीईओ अनुराग पाण्डेय किस लॉबी के शिकार हो गए?
2. क्या छत्तीसगढ़ का अगला हेल्थ सिकरेट्री कोई महिला हो सकती है?
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