तरकश, 19 अक्टूबर 2025
संजय के. दीक्षित
कलेक्टर, सोशल मीडिया और दिवाली
सोशल मीडिया ने इस बार कई कलेक्टर, एसपी की दिवाली को कमजोर कर दिया। दरअसल, 13 अक्टूबर को कलेक्टर-एसपी कांफ्रेंस खतम होते ही फेसबुक, व्हाट्सएप पर कलेक्टर, एसपी के ट्रांसफर को लेकर भविष्यवाणियों की ऐसी झड़ी लगी कि जैसे कुछ मिनटों में लिस्ट आने वाली है। ऐसे में हलाकान, परेशान कई कलेक्टरों ने उपर तक के लोगों को फोन लगा डाला। कुल मिलाकर दो दिन में ऐसा रायता फैला कि लोगों को लगा दिवाली से पहले कुछ लोग निबट जाएंगे। जाहिर है, ऐसी खबरों को पंख लगते देरी नहीं लगती। इसका असर यह हुआ कि बड़े लोगों की दिवाली मनवाने वाले कारपोरेट, ठेकेदार और सप्लायरों ने इस बार पहले जैसी दिलेरी नहीं दिखाई। उन्हें लगा साब जाने वाले हैं तो अब ज्यादा चारा फेंकने का क्या मतलब?
सीएम विष्णुदेव और हिन्दुत्व!
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बीजेपी की सियासत के बेहद साफ्ट चेहरा माने जाते हैं। 35 साल के दीर्घ सियासी सफर में उनके दामन पर विवादों के कोई छींटे नहीं पड़े। न वे हिन्दू और हिन्दुत्व को लेकर कभी मुखर रहे। मगर हालात को देखते कलेक्टर-एसपी कांफ्रेंस में उन्होंने तेवर तल्ख किया है। खासकर, धर्मांतरण को लेकर। कांफ्रेंस में सरगुजा के एसपी ने जब कहा कि हमारे यहां धर्मांतरण नहीं...कभी-कभी चंगाई सभा होती है तो मुख्यमंत्री बोले, आपको पता नहीं। चंगाई सभा धर्मांतरण का पहला चरण होता है...इसे रोकने आपलोग कड़ी कार्रवाई कीजिए। इसके बाद बलरामपुर जिले की बात आई तो मुख्यमंत्री ने तीखी टिप्प्णी की। पुराने दिनों को याद करते बोले, मैं बलरामपुर जाता था तो वहां हरे-हरे झंडे दिखाई पड़ते थे। आपलोग अवैध वाशिंदों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। हिन्दुत्व को लेकर मुख्यमंत्री की गंभीरता को देखते कलेक्टर-एसपी कांफ्रेंस के बाद कई जिलों में पुलिस ने धर्मांतरण के केस में सख्ती बढ़ा दी है।
पुलिस कमिश्नरेट में देरी
छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना की रजत जयंती के मौके पर रायपुर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होने की चर्चाएं थी। सरकार ने कमिश्नर सिस्टम के लिए ड्राफ्ट बनाने के लिए कमेटी बनाई थी, कमेटी ने रिपोर्ट भी सौंप दी। मगर इसके बाद पता नहीं कैसे, मामला कहीं फंस गया है। अफसरों की मानें तो अब राज्योत्सव में हफ्ता भर का टाईम बच गया है, इतने कम समय में पुलिस कमिश्नर ऑफिस से लेकर सेटअप तैयार करना संभव नहीं। लिहाजा, अब माना जा रहा कि रायपुर पुलिस कमिश्नरेट एक जनवरी से ही प्रारंभ हो पाएगा।
कलेक्टर्स की लिस्ट
सरकार ने कलेक्टरों को दिवाली से पहले डिस्टर्ब करना मुनासिब नहीं समझा। मगर संभावना है कि राज्योत्सव से पहले दो-एक कलेक्टरों की लिस्ट निकल जाए। सरकार एक कलेक्टर को अब जैसे भी हो बदलना चाहती है, मगर उसका उद्देश्य कार्रवाई नहीं, मजबूरी है। लिहाजा, उन्हें दूसरा कोई ठीक ठाक जिला भी दिया जा सकता है। अगर ऐसा हुआ तो फिर दो जिले के कलेक्टरों की लिस्ट निकलेगी। बाकी मुख्यमंत्री के उपर है, वे क्या सोचते हैं। क्या भरोसा, कुछ दिनों के लिए सिंगल जिले का ही लिस्ट निकल जाए।
पीएम के 3 नाइट हॉल्ट
डीजीपी कांफ्रेंस के सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन, दो रात रायपुर में रुकेंगे। मोदी 28 नवंबर की शाम को रायपुर आएंगे। 29 को रहेंगे। 30 नवंबर को समापन समारोह में हिस्सा लेने के बाद शाम यहां से दिल्ली के लिए रवाना होंगे। इससे पहले रायपुर में किसी प्रधानमंत्री का इतना लंबा दौरा नहीं हुआ। वो भी मोदी जैसे पीएम...। अटल जी बिलासपुर में जरूर दो रात रुके थे। 2003 में अजीत जोगी सरकार के दौरान वे रेलवे जोन मुख्यालय भवन का उद्घाटन और परिवर्तन रैली को संबोधित करने आए थे, उस समय बिलासपुर के छत्तीसगढ़ भवन में वे दो रात रुके। इससे पहले किसी भी प्रधानमंत्री का छत्तीसगढ़ के किसी एक शहर में दो दिन का विजिट नहीं रहा। इससे पहले राज्योत्सव के मौके पर पीएम मोदी 31 अक्टूबर को भी रायपुर आ रहे। 31 को उनका रायपुर में ही रात्रि विश्राम है। 1 नवंबर को वे अलग-अलग पांच कार्यक्रमों में शामिल होंगे। कुल मिलाकर महीना भर के भीतर पीएम मोदी का रायपुर में तीन नाइट हॉल्ट होगा।
होटलों में नो रुम
अगर रायपुर में 28 से 30 नवंबर के बीच आप कोई कार्यक्रम करना चाहते हैं तो उसे टालना बेहतर होगा। क्योंकि, रायपुर में राज्य बनने के बाद दो सबसे सबसे बड़े आयोजन होने जा रहे हैं। 28 से 30 के बीच डीजीपी, आईजी कांफ्रेंस तो है ही, 28 नवंबर से तीन दिन का डॉक्टरों का एक नेशनल सेमिनार होगा। इसमें देश भर से करीब ढाई हजार डॉक्टरों के शिरकत करने का अंदेशा है। छत्तीसगढ़ में डॉक्टरों का इस लेवल का आयोजन पहली बार हो रहा है। ऐसे में, होटलों में रुम नहीं मिल रहे। डीजीपी, आईजी कांफ्रेंस के लिए आईबी वाले परेशान हैं, होटलों के अलावे रायपुर के आसपास के जितने गेस्ट हाउसेज हैं, उन्हें तैयार किया जा रहा है। डॉक्टरों के वर्कशॉॅप के लिए प्रायवेट फार्महाउसों से भी रुम के लिए बात की जा रही। जाहिर है, डीजीपी कांफ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय गृह मंत्रालय के सीनियर अफसर समेत देश के सभी राज्यों के डीजीपी, आईजी और गृह सचिव रायपुर में रहेंगे। पता चला है, होटल वाले बाहर से शेफ और केटरर टीम बुला रहे तो टैक्सी वाले दूसरे राज्यों से इनोवा बुला रहे। क्योंकि, रायपुर में उतनी गाड़ियां नहीं हैं।
अंत में दो सवाल आपसे
1. क्या एनएचएम में सरकार कोई नया डायरेक्टर अपाइंट करने वाली है?
2. रायपुर में पुलिस कमिश्नरेट प्रारंभ होने में देरी के पीछे क्या वजह है?
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