शनिवार, 18 अप्रैल 2015

तरकश, 12 अप्रैल

tarkash photo


 

मोदी का विजिट

विदेश दौरे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के छत्तीसगढ़ आएंगे। वे लाइवलीहूड कालेज देखने दंतेवाड़ा जाएंगे और वहां से लौटकर रायपुर में ट्रीपल आईटी एवं नए पुलिस मुख्यालय भवन का उद्घाटन करेंगे। 120 करोड़ की लागत से ट्रीपल आईटी भवन बना है। उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो एकाध हफ्ते में उनके विजिट का ऐलान हो जाएगा। अप्रैल लास्ट या मई फस्र्ट वीक तक मोदी का प्रोग्राम बन सकता है। प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी का यह पहला छत्तीसगढ़ दौरा होगा। सरकार ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। पीएचक्यू एवं ट्रीपल आईटी बिल्डिंग को इसी हिसाब से तैयार किया जा रहा है।

बहुत देर कर दी….

प्रिंसिपल सिकरेट्री बीवीआर सुब्रमण्यिम ने डेपुटेशन से लौटने में बहुत देर कर दी। 18 साल दिल्ली में रहे। मध्यप्रदेश के समय 97 में भारत सरकार में चले गए थे। उन्हें छत्तीसगढ़ कैडर अलाट हुआ। एक बार भी छत्तीसगढ़ नहीं आए। सुनिल कुमार सरीखे कद्दावर आईएएस भी पांच साल बाद लौट आए थे। सूबे में सचिव लेवल के अफसरों का जब टोटा हुआ, तो सीएम डा0 रमन सिंह ने भी उन्हें बुलाने की काफी कोशिशें कीं। खुद प्रधानमंत्री को डीओ लेटर लिखा। तबके चीफ सिकरेट्री सुनिल कुमार ने लास्ट ट्राई किया। मगर बात बनी नहीं। अब, सीएम पत्र लिखे और उसका कोई रिजल्ट न आए तो आप समझ सकते हैं….लाल जाजम बिछा कर वेलकम तो नहीं किया जाएगा। ऐसे में, सुब्रमण्यिम जब लौटे हैं, तो उन्हें पोस्टिंग के लिए कुछ दिन की प्रतीक्षा करनी ही होगी। 6 अप्रैल को वे यहां ज्वाईन किए। अभी तक उन्हें पोस्टिंग नहीं मिली है। अलबत्ता, उनके चक्कर में रेणु पिल्ले भी फंस गई हैं। जनगणना का काम पूरा होने के बाद पखवाड़ा भर पहिले उन्होंने मंत्रालय में ज्वाइनिंग दे दी है। मगर एक साथ लिस्ट निकलने के चलते उनकी पदास्थापना नहीं हो पा रही है।

12 नाइट हाल्ट

सरकार का लोक सुराज अभियान अबकी कुछ हटके होगा। मंत्री के साथ अफसरों को भी इस बार सभी 27 जिलों का दौरा करना होगा। वहीं, सीएम भी इस बार 12 जिला मुख्यालयों में नाइट हाल्ट करेंगे। इससे पहले, ग्राम सुराज अभियान में मुश्किल से दो-तीन जिले में नाइट हाल्ट हो पाता था। जिला मुख्यालयों में डिनर के पहले अफसरों और जनप्रतिनिधियों के साथ लोकल समस्यओं का रिव्यू करेंगे। फिर, अधिकांश जिलों में वे आदिवासी आश्रम या हास्टल में जाकर बच्चों के साथ रात का भोजन करेंगे। संभावना है, पहला नाइट हाल्ट वे कांेंडागांव में करें।

मजा किरकिरा

लोक सुराज अभियान ने नौकरशाहों का आईपीएल देखने का मजा किरकिरा कर दिया। 9 और 12 मई को मैच है और इस दरम्यान अफसर लोक सुराज में रहेंगे। वरना, लग्जरी कारपोरेट बाक्स में परिवार के साथ बैठकर मैच देखने का मजा ही कुछ और होता है। साथ में, फ्री में सितारा होटलों के खान-पान का लुत्फ….हर तरह का पेय भी। असल में, कारपोरेट बाक्स अधिकांश खाली होते हैं। उसमें ब्यूरोके्र्रट्स का कब्जा हो जाता है। पिछले साल चैंपियन लीग मैच में हफ्ते भर तक कई नौकरशाहों और उनके परिजनों ने घर में डिनर नहीं किया। मगर इस बार सुबोध सिंह को अफसर कोस रहे हैं। इस बार लोक सुराज अभियान का कंसेप्ट सुबोध ने ही तैयार किया है। पहले, अफसर सिकरेट्री अपने प्रभार वाले जिलों में जाकर फुरसत पा लेते थे। मगर इस बार 40 से 45 डिग्री गरमी में प्रदेश का दौरा करना होगा।

डायरी से फसाद

नान की डायरी से कांग्रेस में फसाद हो गया है। ऐसा फसाद जो पिछले 15 साल में नहीं हुआ। जीरम नक्सली हमले के समय भी नहीं। बिल्कुल आमने-सामने वाली स्थिति है। चुन-चुनकर तीर छोड़े जा रहे हैं। ऐसा क्यों हुआ, हम आपको बताते हैं। कांग्रेस ने डायरी के जो पन्ने जारी किए उसमें एक शर्टनेम था। उसे कांग्रेस के एक दिग्गज नेता का नाम कहकर प्रचारित किया गया। आलाकमान से इसकी शिकायत भी की गई। लिहाजा, वरिष्ठ नेता को भड़कना ही था। नेताजी के लोगों की मानें तो विरोधी पक्ष ने एक तीर से दो शिकार करने का प्रयास किया। एक सरकार और, दूसरा साब को। अब, साब इसे कैसे बर्दाश्त करेंगे। फिर, तोप का मंुह खोल दिए। नतीजा यह हुआ कि सरकार वर्सेज कांग्रेस की लड़ाई कांग्रेस वर्सेज कांग्रेस की होकर रह गई।

दुआ कीजिए

14 साल तक बीएड कालेज में टेम्पोरेरी तौर पर संचालित पुलिस मुख्यालय 13 अप्रैल से नया रायपुर के नए भवन में शिफ्थ हो जाएगा। सरकार के निर्देश पर डीजीपी ने इसके लिए बकायदा आर्डर निकाल दिया है। सो, बोरिया बिस्तर बंधनी शुरू हो गई है। पुराने पीएचक्यू में आठ डीजीपी बदले। नौंवे एएन उपध्याय हैं। इनमें ओपी राठौर का सबसे बेहतरीन कार्यकाल माना जाता है। पीएचक्यू को उनकी असामयिक मौत को बर्दाश्त करना पड़ा। नक्सल हिंसा में 500 से अधिक जवान शहीद हो गए। जांबाज एसपी विनोद चैबे और दो एडिशनल एसपी की शहादत को भी उसे देखना पड़ा। और-तो-और, पीएचक्यू शिफ्थ होने के 36 घंटे पहले दोरनापाल में सात जवान शहीद हो गए। दुआ कीजिए, पीएचक्यू के नए भवन को ऐसा कुछ फेस करने की स्थिति निर्मित ना हो।

एफसीआई की जांच

एसीबी की जांच में नान के 50 से 60 फीसदी चावल मिलावटी निकला। उधर, एफसीआई भी चावल की क्वालिटी की जांच कराने का फैसला किया है। जाहिर है, एफसीआई अगर क्वालिटी की जांच करा दी तो प्रदेश के राइस मिलर दोनों ओर से घिर जाएंगे। एक ओर एसीबी, दूसरी ओर एफसीआई। एसीबी की जांच में यह बात आई है कि अधिकांश मिलर बाहर से घटिया चावल खरीदकर एफसीआई एवं नान में सप्लाई करते थे एवं मार्कफेड से खरीदा गया चावल चूकि बढियां किस्म का होता है, उसे महंगे रेट पर बाजार में बेच देते थे। ऐसे में, तीन दर्जन से अधिक राइस मिलर एसीबी के निशाने पर हैं।

एसीबी का मैटर

प्रदेश के सबसे बड़े रायपुर नगर निगम में डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट के नाम पर जो खेल हुआ है, वह एसीबी की जांच का मैटर हो सकता है। इंजीनियरों की फौज होने के बाद भी नगर निगम ने बाहर के इंजीनियरों की सेवाओं पर पांच साल में 86 करोड़ रुपए खर्च कर दिया। याने प्रति वर्ष 17 करोड़ से भी अधिक। अब, इसमें से कितना इंजीनियरों को दिया गया और कितना भीतर हुआ, यह तो जांच में ही पता चलेगा। मगर मेयर प्रमोद दुबे को यह सब देखकर होश उड़ गए हैं।

आईपीएस की ड्यूटी

लोक सुराज अभियान में पहली बार पीएचक्यू के आला आईपीएस अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। पीएचक्यू के आईजी, एडीजी लेवल के अफसरों को दो-दो जिलों का प्रभारी बनाया गया है। उन्हें सीएम की सिक्यूरिटी का जिम्मा दिया गया है। छत्तीसगढ़ नक्सल प्रभावित तो है ही, अब आतंकवादी गतिविधियां भी सामने आ रही है। इसको देखते सीएम की सिक्यूरिटी के लिए एहतियात के तौर पर यह कदम उठाया गया है।

अंत में दो सवाल आपसे

1. एक ऐसे सीनियर आईएएस का नाम बताइये, जो नान घोटाले में नाम न होने के बाद भी घबराए हुए हैं और एसीबी की नोटिस से बचने के लिए सीएम एवं उनके करीबी अफसरों के आगे-पीछे हो रहे हैं?
2. मानवाधिकार आयोग के अगले चेयरमैन के लिए कौन-कौन से रिटायर आईपीएस ट्राई मार रहे हैं?

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